क्या हमारी सरकार का काम बोलता है, जबकि तेजस्वी की सिर्फ बदजुबानी है? : नीरज कुमार

सारांश
Key Takeaways
- नीतीश कुमार ने तेजस्वी को दो बार मौका दिया।
- तेजस्वी यादव की मांग 20 महीनों की है।
- जदयू का काम बोलता है।
- राजद के नेता गंभीर मुद्दों पर गंभीर नहीं रहते।
- बिहार की राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलता है।
पटना, 30 जून (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में इस वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और जनता दल (यूनाइटेड) जदयू के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव द्वारा बिहार की जनता से 20 महीने मांगने पर जदयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने जोरदार हमला किया है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने इन्हें दो बार राजनीति का मनरेगा कार्ड दिया था।
समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत के दौरान जदयू प्रवक्ता ने कहा कि नीतीश कुमार ने दो बार उन्हें अवसर प्रदान किया। उनके साथ सरकार चलाई। लेकिन, दोनों बार तेजस्वी यादव ने सिर्फ दुर्गंध फैलाने का काम किया। हम लोग तो सुगंध फैलाने वाले हैं। इसलिए, आज एनडीए बिहार में काम कर रही है और सरकार का काम खुद बोलता है जबकि तेजस्वी यादव की सिर्फ बदजुबानी है।
जदयू प्रवक्ता ने आगे कहा कि तेजस्वी यादव बिहार की जनता से 20 महीने मांग रहे हैं। उन्हें समझना चाहिए कि नीतीश कुमार, जिन्हें तेजस्वी खुद अपना चाचा मानते थे, उन्हें एक राजनीतिक मनरेगा कार्ड दिया गया था। एक बार 21 महीने के लिए और दूसरी बार 17 महीने के लिए। लेकिन दोनों कार्यकाल में उन्होंने केवल दुर्गंध फैलाई। जब उन्होंने यह दुर्गंध फैलाई, तब हमने सुगंध फैलाने के लिए उनका राजनीतिक मनरेगा कार्ड रद्द कर दिया। आज, बिहार में एनडीए की सरकार काम कर रही है। हमारा काम खुद बोलता है, जबकि उनकी केवल बदजुबानी है।
तेजस्वी यादव ने कहा था कि वे बिहार के युवाओं के भविष्य को बर्बाद नहीं होने देंगे। एनडीए को 20 साल दिए, अब मैं आपसे केवल 20 महीने मांग रहा हूँ। हम सब मिलकर बिहार की तकदीर और तस्वीर बदल देंगे।
बिहार में वोटर लिस्ट को लेकर चुनाव आयोग के मेगा वेरिफिकेशन मुहिम पर विपक्ष के आरोपों पर जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि चुनाव आयोग मतदाता सूची की समीक्षा कर रहा है। विपक्ष द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब देना उनके अधिकार में है। चुनाव आयोग को इसकी पुष्टि करने का अधिकार है। इसी तरह, राजनीतिक दलों को जानने और पुष्टि करने का अधिकार है। लेकिन, मेरा सवाल तेजस्वी यादव से है। आप विपक्ष के नेता हैं और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता हैं। जब वक्फ बिल पर विभिन्न राजनीतिक दलों ने अपने विचार व्यक्त किए, तब राजद नेता लालू यादव ने हस्ताक्षर या आधिकारिक तौर पर विचार व्यक्त नहीं किया। राजद के लोग गंभीर मुद्दों पर गंभीर नहीं रहते हैं। चुनाव आयोग अपना काम कर रहा है।