क्या नीट पेपर लीक केस में रांची और पटना में ईडी ने छापेमारी की?

सारांश
Key Takeaways
- ईडी द्वारा रांची और पटना में छापेमारी की गई।
- संजीव मुखिया को इस मामले का मास्टरमाइंड माना गया है।
- सीबीआई की जांच में पेपर लीक होने के पुख्ता साक्ष्य मिले।
- नीट-यूजी के पेपर हजारीबाग से लीक हुए थे।
- छापेमारी में कई महत्वपूर्ण दस्तावेज़ बरामद हुए।
रांची/पटना, 19 जून (राष्ट्र प्रेस)। साल 2024 के नीट पेपर लीक से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार सुबह रांची के बरियातू, बिहार के पटना, और नालंदा में कई स्थानों पर छापेमारी की है।
जानकारी के अनुसार, पेपर लीक के मास्टरमाइंड बिहार के निवासी संजीव मुखिया और उसके कई रिश्तेदार तथा करीबी लोग ईडी की जांच के दायरे में हैं। सीबीआई जांच में बड़े पैमाने पर राशि के लेनदेन का मामला उजागर होने के बाद, ईडी ने इन्फोर्समेंट केस इन्फॉर्मेशन रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज कर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की है।
मई 2024 में मेडिकल के यूजी कोर्स में दाखिले के लिए आयोजित राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) के बाद पेपर लीक की खबरें आई थीं। इस मामले की जांच सबसे पहले पटना की आर्थिक अपराध इकाई ने की थी, और बाद में इसे सीबीआई को सौंपा गया था।
जांच के दौरान संजीव मुखिया का नाम मास्टरमाइंड के रूप में सामने आया था, जिसे 24-25 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था। वह वर्तमान में न्यायिक हिरासत में है।
ईडी ने गुरुवार को रांची में संजीव मुखिया के करीबी सिंकंदर प्रसाद यादवेंद्र और पटना में उसके बेटे डॉ. शिव के ठिकानों पर दबिश दी है।
इस पेपर लीक मामले में सीबीआई ने पिछले साल झारखंड के हजारीबाग से ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल एवं एनटीए के सिटी कोऑर्डिनेटर एहसान उल हक, वाइस प्रिंसिपल मो. इम्तियाज, एक दैनिक अखबार के पत्रकार जमालुद्दीन और एक गेस्ट हाउस के संचालक राजकुमार उर्फ राजू को गिरफ्तार किया था।
सीबीआई की जांच में पुख्ता साक्ष्य सामने आए हैं कि नीट-यूजी के पेपर हजारीबाग स्थित ओएसिस स्कूल से लीक हुए थे। यहीं से पेपर पटना भेजा गया था, जहां एक हॉस्टल में कई छात्रों से मोटी रकम लेकर न केवल पेपर उपलब्ध कराए गए थे, बल्कि उनके उत्तर भी रटवाए गए थे।