क्या नेहल मोदी की गिरफ्तारी पर गुरु प्रकाश ने कहा कि विपक्ष को आत्ममंथन की आवश्यकता है?

सारांश
Key Takeaways
- नेहल मोदी की गिरफ्तारी भारतीय कानून की सफलता है।
- यह विपक्ष के लिए आत्ममंथन का समय है।
- सीबीआई और ईडी की मेहनत ने इसे संभव बनाया।
- भ्रष्टाचार के खिलाफ नरेंद्र मोदी की नीति जारी है।
- अमेरिका में गिरफ्तारी ने भारतीय कानून की प्रभावशीलता को दर्शाया।
पटना, 6 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाला मामले में भगोड़ा घोषित नीरव मोदी का भाई नेहल मोदी अब कानून के शिकंजे में आ चुका है। अमेरिका में उनकी गिरफ्तारी हुई है। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गुरु प्रकाश ने इस घटना को बड़ी सफलता के रूप में वर्णित किया।
गुरु प्रकाश ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि यह भारतीय कानून और राजनयिक प्रभाव का परिणाम है कि नीरव मोदी का भाई नेहल मोदी गिरफ्तार हुआ। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) इस मामले की जांच में जुटे हुए थे। यूपीए शासन में पीएनबी में हजारों करोड़ के घोटाले हुए थे, जिसमें आम आदमी के पैसे का दुरुपयोग हुआ।
उन्होंने आगे कहा कि यह भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है और यह विभिन्न एजेंसियों की मेहनत का नतीजा है। मेरा मानना है कि विपक्ष को इस मामले पर आत्ममंथन करने की आवश्यकता है।
उन्होंने जोड़ा कि विपक्ष के कुछ लोग जो हमारी एजेंसियों की निष्ठा और स्वतंत्रता पर सवाल उठाते हैं, उनके ऊपर आज एक बड़ा प्रश्नचिह्न लग गया है। वास्तव में कोई भी आरोपी चाहे जहां हो, उसे पकड़ा जा रहा है। यह हमारी एजेंसियों और सरकार की प्रतिबद्धता का परिणाम है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमेशा कहा है कि 'जीरो कॉम्प्रोमाइज, जीरो टॉलरेंस ऑन करप्शन'। यही कारण है कि नेहल मोदी को गिरफ्तार किया गया है।
अमेरिका के न्याय विभाग ने भारतीय अधिकारियों को सूचित किया है कि भगोड़े आर्थिक अपराधी नीरव मोदी के भाई नेहल मोदी को 4 जुलाई 2025 को गिरफ्तार किया गया। यह गिरफ्तारी ईडी और सीबीआई द्वारा प्रस्तुत प्रत्यर्पण अनुरोध के आधार पर की गई है।
ईडी के अनुसार, नेहल मोदी देश के सबसे बड़े बैंकिंग घोटालों में से एक पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के बहु-करोड़ डॉलर के घोटाले से संबंधित है। जांच में यह भी पता चला है कि उसने नीरव मोदी की ओर से अपराध की आय को छिपाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने शेल कंपनियों और विदेशी लेन-देन के जाल के माध्यम से बड़ी मात्रा में अवैध धन को छिपाने और स्थानांतरित करने में मदद की, जो भारतीय कानूनों का उल्लंघन है।