क्या एनएचएआई ने राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए आरएफपी प्रावधानों को सख्त किया है?

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क्या एनएचएआई ने राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए आरएफपी प्रावधानों को सख्त किया है?

सारांश

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने आरएफपी प्रावधानों को सख्त किया है ताकि परियोजनाओं की गुणवत्ता में सुधार हो सके। यह ठेकेदार योग्यता मानदंडों को मजबूत करने, अनुपालन लागू करने और वित्तीय प्रस्तुतियों में पारदर्शिता बढ़ाने का प्रयास है। क्या यह कदम राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं में सकारात्मक बदलाव लाएगा?

Key Takeaways

  • आरएफपी प्रावधानों में सख्ती से ठेकेदारों की योग्यता में सुधार होगा।
  • परियोजना निष्पादन में अनुपालन को लागू किया जाएगा।
  • वित्तीय प्रस्तुतियों में पारदर्शिता बढ़ेगी।
  • अनधिकृत उप-ठेकेदारों की नियुक्ति पर रोक लगेगी।
  • बुनियादी ढांचे की गुणवत्ता में सुधार होगा।

नई दिल्ली, 17 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने हाल ही में परियोजनाओं की निष्पादन गुणवत्ता में सुधार हेतु आरएफपी के प्रावधानों को सख्त किया है। इसका मुख्य उद्देश्य ठेकेदारों के योग्यता मानदंडों को मजबूत करना, परियोजना निष्पादन में अनुपालन को लागू करना और वित्तीय प्रस्तुतियों में पारदर्शिता को बढ़ावा देना है।

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि आरएफपी के विभिन्न खंडों में कठोर शर्तें यह सुनिश्चित करेंगी कि केवल तकनीकी रूप से सक्षम और अनुभवी ठेकेदार ही राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए योग्य हों।

इस प्रावधान का एक महत्वपूर्ण घटक बोली योग्यता में “समान कार्य” मानदंड का स्पष्ट उल्लेख है, जिसे ठेकेदार अक्सर बड़े पैमाने की राजमार्ग परियोजनाओं के लिए पात्रता प्राप्त करने में गलत तरीके से प्रस्तुत करते हैं, जबकि उनके पास केवल छोटे कार्यों का अनुभव होता है, जो पूर्ण राजमार्ग विकास की जटिलता को नहीं दर्शाते।

एनएचएआई ने अब स्पष्ट किया है कि “समान कार्य” केवल पूरी हो चुकी राजमार्ग परियोजनाओं को संदर्भित करेगा, जिसमें उस परियोजना के लिए आवश्यक सभी प्रमुख घटक शामिल होंगे, जिसके लिए बोली आमंत्रित की गई है।

मंत्रालय ने आगे कहा कि योग्यता मानदंडों में सुधार के अलावा, आरएफपी के स्पष्टीकरण में एचएएम और बीओटी (टोल) परियोजनाओं में ईपीसी ठेकेदारों और उप-ठेकेदारों की अनधिकृत नियुक्ति से संबंधित मुद्दों का समाधान करने का प्रयास किया गया है। ऐसे कई उदाहरण सामने आए हैं जहां चयनित बोलीदाताओं ने प्राधिकरण की आवश्यक स्वीकृति के बिना ठेकेदारों को नियुक्त किया है या उप-ठेका सीमा को पार कर लिया है।

इस प्रकार की प्रथाएं न केवल कॉन्ट्रैक्ट नियमों का उल्लंघन करती हैं, बल्कि गुणवत्ता आश्वासन, परियोजना समय-सीमा और नियामक निगरानी के लिए भी जोखिम उत्पन्न करती हैं। किसी भी अनधिकृत उप-अनुबंध और अनुमत सीमा से परे उप-अनुबंध को “अवांछनीय व्यवहार” के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा, जिससे धोखाधड़ी वाले व्यवहारों के समान दंड लगाया जा सकेगा। यह कदम अनुबंध निष्पादन में अनुशासन को बढ़ावा देने और कार्यान्वयन प्रक्रिया की अखंडता की रक्षा करेगा।

मंत्रालय के अनुसार, सुधार का एक अन्य प्रमुख पहलू, तीसरे पक्षों से प्राप्त “बोली और निष्पादन प्रतिभूतियों” को प्रस्तुत करने पर प्रतिबंध लगाना है। कुछ चुनिंदा बोलीदाताओं ने तीसरे पक्षों द्वारा जारी वित्तीय प्रतिभूतियां प्रस्तुत की हैं, जो जवाबदेही के सिद्धांत को कमजोर करती हैं। ऐसे उपकरणों को अस्वीकार करने का निर्णय लिया गया है और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि केवल बोलीदाता या उसकी अनुमोदित संस्थाओं द्वारा समर्थित प्रतिभूतियां ही स्वीकार की जाएं। इस कदम से वित्तीय पारदर्शिता में सुधार होने की उम्मीद है।

आरएफपी के लिए स्पष्टीकरण यह सुनिश्चित करने में मदद करेंगे कि राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाएं प्रमाणित तकनीकी और वित्तीय क्षमता वाले ठेकेदारों को सौंपी जाएं, अधिकृत और जवाबदेह संस्थाओं द्वारा निष्पादित की जाएं और बेहतर नियामक व्यवस्था के साथ निगरानी की जाएं।

इन उपायों से बेहतर बुनियादी ढांचे की गुणवत्ता, परियोजनाओं का समय पर पूरा होना और सार्वजनिक संसाधनों का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित होगा, जिससे राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क के विकास में गति मिलेगी।

Point of View

मैं कह सकता हूँ कि एनएचएआई के नए प्रावधानों का उद्देश्य ठेकेदारों की गुणवत्ता और पारदर्शिता में सुधार करना है। यह कदम न केवल परियोजनाओं की निष्पादन क्षमता को बढ़ाएगा, बल्कि सार्वजनिक संसाधनों के कुशल उपयोग में भी सहायक होगा।
NationPress
17/09/2025

Frequently Asked Questions

एनएचएआई ने आरएफपी प्रावधानों को क्यों सख्त किया?
एनएचएआई ने परियोजनाओं की गुणवत्ता में सुधार लाने और ठेकेदारों की योग्यता को मजबूत करने के लिए आरएफपी प्रावधानों को सख्त किया है।
इस बदलाव से क्या लाभ होगा?
इस बदलाव से राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की गुणवत्ता बढ़ेगी और पारदर्शिता में सुधार होगा, जिससे बेहतर बुनियादी ढांचे का निर्माण होगा।
क्या ठेकेदारों के लिए नए मानदंड लागू होंगे?
हाँ, नए मानदंडों के तहत केवल तकनीकी रूप से सक्षम और अनुभवी ठेकेदारों को राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के लिए पात्र माना जाएगा।