क्या एनआईए ने आतंकवादी संगठन को समर्थन देने के लिए सीपीआई (एम) कार्यकर्ता के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया?

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क्या एनआईए ने आतंकवादी संगठन को समर्थन देने के लिए सीपीआई (एम) कार्यकर्ता के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया?

सारांश

झारखंड में एक सीपीआई (माओवादी) कार्यकर्ता को एनआईए ने गंभीर आरोपों के तहत आरोपित किया है। यह मामला आतंकवाद और राजनैतिक साजिशों से जुड़ा है, जिसमें हथियारों और धन उगाही का संदर्भ है। जानें पूरी कहानी में क्या हुआ।

Key Takeaways

  • एनआईए ने आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है।
  • राजेश देवगाम पर गंभीर आरोप हैं जो देश की सुरक्षा को खतरे में डाल सकते हैं।
  • आरोपपत्र में कई कड़े कानूनों का उल्लेख किया गया है।
  • इस मामले में अन्य आरोपियों की जांच भी चल रही है।
  • आतंकवाद से लड़ाई में जनता की जागरूकता आवश्यक है।

रांची, 3 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड में एक सीपीआई (माओवादी) कार्यकर्ता को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने हथियार रखने, लेवी इकट्ठा करने और प्रतिबंधित आतंकी संगठन के सदस्यों को शरण देने के आरोप में आरोपित किया है।

झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के राजेश देवगम पर गुरुवार को रांची स्थित एनआईए की विशेष अदालत में दाखिल पूरक आरोपपत्र में आईपीसी, शस्त्र अधिनियम, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और यूए(पी) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं। आरोप है कि राजेश सीपीआई (माओवादी) संगठन के लिए काम कर रहा था, जो कि देश में बैन किया हुआ आतंकी संगठन है।

यह मामला मार्च 2024 में सामने आया था, जब लोकल पुलिस ने 5 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था। उस वक्त माओवादी लीडर मिसिर बेसरा से जुड़ा काफी कैश और संदिग्ध सामान बरामद हुआ था। जुलाई 2024 में एनआईए ने इस केस की जांच अपने हाथ में ली।

स्थानीय पुलिस द्वारा मूल रूप से पांच व्यक्तियों के खिलाफ दर्ज किया गया मामला आरसी-02/2024/एनआईए-आरएनसी, मार्च 2024 में प्रमुख सीपीआई (माओवादी) सदस्य मिसिर बेसरा से संबंधित भारी मात्रा में धन और विभिन्न आपत्तिजनक सामग्रियों की बरामदगी से संबंधित है।

जुलाई 2024 में जांच का जिम्मा संभालने वाली एनआईए ने पाया कि देवगाम आतंकवादी कृत्यों को अंजाम देने, बैठकें आयोजित करने और ठेकेदारों एवं व्यापारियों से धन उगाही करने के लिए प्रतिबंधित संगठन की आपराधिक साजिश का सक्रिय रूप से समर्थन कर रहा था।

देवगाम के खुलासे के बाद जिलेटिन की छड़ें, 10,50,000 रुपये नकद, वॉकी-टॉकी, सैमसंग टैबलेट, पावर बैंक, रेडियो सेट, लेवी संग्रह रसीद और अन्य आपत्तिजनक सामग्री जब्त की गई। ये सामग्री हुसिपी और राजाभासा गांवों के बीच के जंगल में दफन पाई गई।

राजेश देवगाम पर इंडियन पीनल कोड, आर्म्स एक्ट, एक्सप्लोसिव सब्सटेंसेज़ एक्ट और यूएपीए जैसी कड़ी धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है। एनआईए ने बताया कि अभी इस केस में शामिल बाकी आरोपियों की जांच भी चल रही है। एजेंसी जल्द ही और गिरफ्तारियां और चार्जशीट दाखिल कर सकती है।

अन्य आरोपियों के खिलाफ आगे की जांच जारी है।

Point of View

यह महत्वपूर्ण है कि हम इस मामले को गंभीरता से लें। आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई में हमें हर स्तर पर सजग रहना चाहिए। एनआईए का यह कदम एक सकारात्मक संकेत है कि सुरक्षा एजेंसियां सक्रिय हैं और किसी भी प्रकार की आतंकवादी गतिविधियों को रोकने के लिए तत्पर हैं।
NationPress
23/07/2025

Frequently Asked Questions

एनआईए ने राजेश देवगाम के खिलाफ क्या आरोप लगाए हैं?
एनआईए ने राजेश देवगाम पर हथियार रखने, लेवी इकट्ठा करने और प्रतिबंधित आतंकी संगठन के सदस्यों को शरण देने के आरोप लगाए हैं।
इस मामले में जांच का क्या हाल है?
जुलाई 2024 में एनआईए ने इस मामले की जांच अपने हाथ में ली थी और अन्य आरोपियों के खिलाफ भी जांच जारी है।
क्या यह मामला सिर्फ एक व्यक्ति तक सीमित है?
नहीं, यह मामला एक बड़े नेटवर्क को उजागर कर सकता है जो आतंकवादी गतिविधियों में संलग्न हो सकता है।