क्या एनआईए ने रतन दुबे हत्याकांड में सीपीआई-एम के दो ऑपरेटिव्स के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की?

सारांश
Key Takeaways
- एनआईए ने सीपीआई-एम के दो ऑपरेटिव्स के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है।
- रतन दुबे की हत्या राजनीतिक दुश्मनी का नतीजा है।
- जांच में सीपीआई (माओवादी) के सदस्यों की संलिप्तता का पता चला है।
- इस मामले में एनआईए की कार्रवाई से न्याय की उम्मीद बढ़ी है।
- छत्तीसगढ़ में चुनावी माहौल पर इस हत्या का गहरा असर पड़ा है।
नई दिल्ली, 26 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने 2023 के रतन दुबे हत्याकांड में प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) आतंकवादी संगठन के दो ऑपरेटिव्स के खिलाफ चार्जशीट पेश की है। एनआईए ने शुक्रवार को एक प्रेस विज्ञप्ति के जरिए यह जानकारी साझा की।
एनआईए के अनुसार, शिवानंद नाग और उनके पिता नारायण प्रसाद नाग पर छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में एनआईए स्पेशल कोर्ट में दाखिल दूसरे पूरक आरोप-पत्र में आईपीसी एक्ट और यूए(पी) एक्ट की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत आरोप लगाए गए हैं। जांच से यह स्पष्ट हुआ कि दोनों ने रतन दुबे की बेरहमी से हत्या की आपराधिक साजिश में सक्रिय रूप से भाग लिया।
एनआईए की जांच के अनुसार, नाग परिवार सीपीआई (माओवादी) का सक्रिय सदस्य था और उनका रतन दुबे से राजनीतिक, व्यावसायिक और व्यक्तिगत दुश्मनी का एक लंबा इतिहास रहा है।
स्थानीय भाजपा नेता रतन दुबे की नवंबर 2023 में छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले के झराघाटी क्षेत्र के कौशलनार गांव में एक भीड़भाड़ वाले साप्ताहिक बाजार में चुनाव प्रचार के दौरान कुल्हाड़ी से हत्या कर दी गई थी। यह टारगेट किलिंग चुनाव प्रक्रिया को बाधित करने और स्थानीय लोगों में आतंक फैलाने के उद्देश्य से की गई थी।
जांच के दौरान एनआईए ने सीपीआई (माओवादी) के पूर्व बस्तर डिवीजन के बयानार एरिया कमिटी और बारसूर एरिया कमेटी के सदस्यों तथा उनके ओवर ग्राउंड वर्कर्स (ओजीडब्ल्यू) की भूमिका और संलिप्तता का पता लगाया।
एजेंसी ने फरवरी 2024 में इस केस की जांच अपने हाथ में ली थी और पिछले साल जून में एक आरोपी धन सिंह कोर्राम को चार्जशीट किया था। उसके बाद दिसंबर 2024 में सैनुराम कोर्राम और लालुराम कोर्राम को गिरफ्तार कर चार्जशीट किया गया।
फिलहाल इस मामले में जांच जारी है।