क्या निधि योजना ने उत्तर प्रदेश में महिला उद्यमिता को मजबूत आधार दिया है?
सारांश
Key Takeaways
- महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने वाली योजना।
- 714 महिला स्टार्टअप्स को सहायता प्राप्त हुई है।
- प्रदेश में 7 टीबीआई और आईटीबीआई की स्थापना।
- महिलाओं को तकनीकी और वित्तीय सहयोग।
- स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का प्रयास।
लखनऊ, 24 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार ने पिछले साढ़े आठ वर्षों में प्रदेश के विकास को नई दिशा और गति प्रदान की है। कानून-व्यवस्था के साथ-साथ सरकार का ध्यान नवाचार, उद्यमिता और आत्मनिर्भरता पर केंद्रित है। इसी दिशा में केंद्र सरकार की निधि योजना का प्रभाव उत्तर प्रदेश में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर आधारित स्टार्टअप्स, विशेषकर महिला नेतृत्व वाले उद्यमों के लिए प्रदेश में एक सकारात्मक और भरोसेमंद माहौल तैयार हुआ है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार का लक्ष्य उत्तर प्रदेश को श्रम शक्ति के साथ-साथ उद्यम शक्ति का भी केंद्र बनाना है।
निधि कार्यक्रम की शुरुआत वर्ष 2016 में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा की गई थी। इस योजना का उद्देश्य प्रारंभिक चरण के विज्ञान एवं तकनीक आधारित स्टार्टअप्स को वित्तीय और संस्थागत सहायता प्रदान करना है। योजना के अंतर्गत देश में कुल 714 महिला नेतृत्व वाले स्टार्टअप्स को सहायता दी जा चुकी है। वर्ष 2017-18 में 23 महिला स्टार्टअप्स को सहायता मिली, वर्ष 2023-24 में 152, 2024-25 में 140 और वर्ष 2025-26 में 84 महिला नेतृत्व वाले स्टार्टअप्स को समर्थन दिया गया।
निधि कार्यक्रम के अंतर्गत देश भर में महिला नेतृत्व वाले स्टार्टअप्स को शुरुआती स्तर पर सहायता प्रदान की जा रही है। इस राष्ट्रीय पहल में उत्तर प्रदेश ने भी अपनी मज़बूत उपस्थिति दर्ज कराई है। प्रदेश में 25 महिला नेतृत्व वाले स्टार्टअप्स को निधि योजना के तहत वित्तीय और तकनीकी सहयोग प्राप्त हुआ है। यह इस बात का संकेत है कि प्रदेश की महिलाएं अब केवल रोजगार की तलाश में नहीं हैं, बल्कि रोजगार देने वाली उद्यमी बनने की दिशा में आगे बढ़ रही हैं। योगी सरकार की स्टार्टअप नीति और महिला सशक्तिकरण से जुड़ी योजनाओं ने इस बदलाव को गति दी है।
उत्तर प्रदेश में निधि प्रौद्योगिकी व्यापार इनक्यूबेटर (टीबीआई) और समावेशी प्रौद्योगिकी व्यापार इनक्यूबेटर (आईटीबीआई) की स्थापना योगी सरकार के विकास मॉडल की बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। प्रदेश में 7 टीबीआई और आईटीबीआई स्थापित किए गए हैं, जो महिला स्टार्टअप्स के लिए मार्गदर्शन का केंद्र बन रहे हैं। इन इनक्यूबेटरों के माध्यम से महिलाओं को तकनीकी सलाह, व्यवसायिक रणनीति, बौद्धिक संपदा अधिकार, कानूनी और नियामक सहयोग प्रदान किया जा रहा है। इसका लाभ यह हुआ है कि छोटे शहरों और कस्बों की महिलाएं भी अब नवाचार आधारित उद्यम शुरू करने का साहस कर पा रही हैं, यह योगी आदित्यनाथ सरकार के विजन से ही संभव हो पा रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का स्पष्ट विजन है कि विकास केवल बड़े शहरों तक सीमित न रहे। इसी सोच के अंतर्गत टियर वन और टियर टू स्तर के शहरों में स्टार्टअप संस्कृति को बढ़ावा दिया जा रहा है। उत्तर प्रदेश के कई ऐसे जिले जो पहले उद्यमिता के मानचित्र पर नहीं थे, अब धीरे-धीरे स्टार्टअप गतिविधियों के केंद्र बन रहे हैं। निधि योजना से जुड़े इनक्यूबेटर इन क्षेत्रों में स्थानीय महिलाओं को प्रशिक्षण और संसाधन उपलब्ध करा रहे हैं। इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है।