क्या निक्की भाटी हत्याकांड में जेठ रोहित की जमानत याचिका खारिज हो गई?

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क्या निक्की भाटी हत्याकांड में जेठ रोहित की जमानत याचिका खारिज हो गई?

सारांश

निक्की भाटी हत्या मामले में जेठ रोहित भाटी की जमानत याचिका खारिज, अदालत ने गंभीर आरोपों पर ध्यान दिया। यह फैसला परिवार की सामूहिक साजिश के सबूतों के आधार पर लिया गया। क्या न्याय की प्रक्रिया तेज होगी? जानें इस हत्याकांड के महत्वपूर्ण पहलुओं को।

Key Takeaways

  • निक्की भाटी की हत्या के मामले में कई आरोपियों की संलिप्तता है।
  • अदालत ने जमानत याचिका खारिज कर दी है।
  • साक्ष्यों से साबित होता है कि हत्या पूर्व नियोजित थी।
  • मामला स्थानीय स्तर पर चर्चा का विषय बना हुआ है।
  • न्याय की प्रक्रिया तेज होने की उम्मीद है।

ग्रेटर नोएडा, 5 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। सिरसा गांव में घटित निक्की भाटी के हत्याकांड में जिला अदालत ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए आरोपी जेठ रोहित भाटी की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। सत्र न्यायालय में शुक्रवार को सुनवाई के दौरान, अदालत ने आरोपी पक्ष की दलीलों को नकारते हुए यह माना कि मामले में आरोप अत्यंत गंभीर हैं और इन परिस्थितियों में जमानत देना उचित नहीं है।

इस हत्या के मामले में पुलिस ने पहले ही निक्की के पति विपिन भाटी, सास दया, ससुर सत्यवीर और जेठ रोहित भाटी को आरोपी माना है। कासना कोतवाली पुलिस ने इस मामले में परिवार की सामूहिक संलिप्तता का आरोप लगाते हुए 500 से अधिक पन्नों की विस्तृत चार्जशीट अदालत में प्रस्तुत की थी। चार्जशीट में यह स्पष्ट किया गया है कि निक्की की हत्या पूर्व नियोजित साजिश के तहत की गई, जिसमें परिवार के सभी सदस्य किसी न किसी प्रकार से शामिल रहे।

मृतका पक्ष की ओर से अधिवक्ता उधम सिंह तोंगड़ और दिनेश कुमार कलसन ने अदालत में अपनी बात रखते हुए कहा कि चार्जशीट में दर्ज तथ्यों और पुलिस की जांच से यह साबित होता है कि रोहित की भूमिका इस घटना में महत्वपूर्ण थी। आरोपियों ने योजनाबद्ध तरीके से निक्की को लक्षित किया और उसकी हत्या कोई आकस्मिक घटना नहीं, बल्कि एक सुनियोजित षड्यंत्र का हिस्सा थी। अधिवक्ताओं ने अदालत को बताया कि मृतका के परिवार पर लंबे समय से मानसिक और सामाजिक दबाव बनाए रखा गया था।

जांच में कई ऐसे सबूत मिले हैं जो इस हत्या को एक सोची-समझी योजना का परिणाम बताते हैं। इसी आधार पर उन्होंने रोहित की जमानत याचिका का विरोध किया। अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद यह कहते हुए जमानत याचिका खारिज की कि प्रस्तुत साक्ष्यों से आरोपी की संलिप्तता का संकेत मिलता है और मामले की गंभीरता को देखते हुए उसे रिहा करना न्यायहित में नहीं होगा।

इस मामले में निक्की के पति विपिन, सास दया और ससुर सत्यवीर ने भी जमानत याचिका दाखिल की है, जिनकी सुनवाई की तारीख जनवरी 2026 के लिए तय की गई है। मृतका के परिजनों ने अदालत के इस फैसले को न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है और उम्मीद जताई है कि उन्हें इस जघन्य अपराध में शामिल सभी आरोपियों को कड़ी सजा मिलेगी।

निक्की भाटी की हत्या ने पूरे क्षेत्र को हिलाकर रख दिया था और यह मामला अब भी स्थानीय स्तर पर चर्चा का विषय बना हुआ है। अदालत का यह ताजा फैसला मामले को एक नए मोड़ पर ले आया है, जहां न्याय की प्रक्रिया और तेज होने की उम्मीद है।

Point of View

यह मामला न केवल कानूनी दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि सामाजिक दृष्टिकोण से भी। न्याय की प्रक्रिया की गति और यह सुनिश्चित करना कि अपराधियों को सजा मिले, समाज के लिए आवश्यक है। इस प्रकार के अपराधों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
NationPress
08/12/2025

Frequently Asked Questions

निक्की भाटी हत्या मामला क्या है?
निक्की भाटी हत्या मामले में उसके परिवार के सदस्यों पर हत्या का आरोप है, जिसमें जेठ रोहित भाटी शामिल हैं।
अदालत ने रोहित की जमानत याचिका क्यों खारिज की?
अदालत ने मामले की गंभीरता और साक्ष्यों के आधार पर जमानत याचिका खारिज की।
क्या निक्की के परिवार के अन्य सदस्य भी आरोपी हैं?
हाँ, निक्की के पति विपिन भाटी, सास दया और ससुर सत्यवीर भी आरोपी हैं।
इस मामले की सुनवाई कब होगी?
इस मामले की अगली सुनवाई जनवरी 2026 में होगी।
क्या न्याय मिलेगा?
परिजनों ने अदालत के फैसले को न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है।
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