क्या निर्मल चौधरी की गिरफ्तारी निंदनीय और अलोकतांत्रिक है? : सचिन पायलट

सारांश
Key Takeaways
- निर्मल चौधरी की गिरफ्तारी पर विवाद गहरा हुआ है।
- सचिन पायलट ने सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए हैं।
- राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही का मुद्दा भी उभरा है।
- सरकार को विरोध की आवाज़ों को सुनना चाहिए।
- लोकतंत्र की रक्षा के लिए सभी को एकजुट होना होगा।
जयपुर, 21 जून (राष्ट्र प्रेस)। राजस्थान विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष निर्मल चौधरी की गिरफ्तारी ने सियासी हलचल उत्पन्न कर दी है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट ने इस मुद्दे पर राज्य सरकार को निशाने पर लिया है। उन्होंने इसे लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला मानते हुए सरकार की मंशा पर गंभीर सवाल उठाए।
पायलट ने कहा कि सरकार विरोध की आवाज को दबाने के लिए प्रशासन और पुलिस का दुरुपयोग कर रही है।
सचिन पायलट ने कहा, “सरकार का यह रवैया स्पष्ट है, जो हमारे खिलाफ बोलेगा, जो लड़ेगा, उसे कुचल देंगे। यह निंदनीय और अलोकतांत्रिक है। शांतिपूर्ण प्रदर्शन और धरना देना हर नागरिक का संवैधानिक हक है और विपक्ष का कर्तव्य है कि वह जनता की आवाज उठाए। लेकिन सरकार ऐसी कार्रवाइयों से गलत संदेश दे रही है। यह लोकतंत्र के लिए खतरा है। सरकार इस तरह की कार्रवाई करके जो संदेश देने का प्रयास कर रही है, उसे जायज नहीं ठहराया जा सकता। यह निंदनीय है।
उदयपुर संभाग के सबसे बड़े एमबी चिकित्सालय स्थित दिलशाद हॉस्टल में एक युवा डॉक्टर रवि शर्मा की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत का मामला तूल पकड़ रहा है।
पायलट ने इस घटना का जिक्र करते हुए सरकार की लापरवाही पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि हाल ही में उदयपुर में एक डॉक्टर के साथ दुखद घटना घटी और अब इस युवा की मौत के कारण लोग विरोध और प्रदर्शन कर रहे हैं। ऐसी परिस्थितियाँ क्यों उत्पन्न हो रही हैं? यह स्पष्ट रूप से सिस्टम में कमियों की ओर इशारा करता है। कहीं न कहीं प्रशासन और सरकार के काम करने का तरीका, लापरवाही, गंभीरता की कमी को दर्शाता है, जिसके चलते युवा डॉक्टर की मृत्यु हुई।
उन्होंने आगे कहा कि उसके परिवार और सहकर्मी न्याय की मांग कर रहे थे। इस मामले को सुलझा लिया गया और सरकार ने कार्रवाई की, जिससे परिवार संतुष्ट हो गया, लेकिन इसमें अनुचित रूप से लंबा समय लग गया। अगर सरकार ने पहले ही संवेदनशीलता दिखाई होती, तो पीड़ित परिवार को इतनी तकलीफ नहीं झेलनी पड़ती।