क्या नितेश राणे पर कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किया?
सारांश
Key Takeaways
- कुडाल कोर्ट ने नितेश राणे के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया।
- यह कार्रवाई कोर्ट में लगातार गैरहाजिर रहने के कारण हुई।
- प्रोटेस्ट से जुड़े मामलों में अन्य नेताओं पर भी वारंट जारी हुए हैं।
सिंधुदुर्ग, २४ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र के कुडाल कोर्ट ने राज्य के कैबिनेट मंत्री और सिंधुदुर्ग जिले के गार्डियन मिनिस्टर नितेश राणे को एक बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है। यह कार्रवाई उनके लंबे समय से कोर्ट में पेश न होने और बार-बार गैरहाजिर रहने के कारण की गई है।
संविधान की रक्षा के लिए आयोजित प्रोटेस्ट से जुड़े मामले में विधायक प्रवीण दरेकर और विधायक प्रसाद लाड के खिलाफ भी गैर जमानती वारंट जारी किया गया है। यह मामला २६ जून २०२१ का है, जब सिंधुदुर्ग जिले में ओबीसी आंदोलन के दौरान कुडाल पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था।
प्रोटेस्ट के सिलसिले में राजन तेली, विधायक नीलेश राणे, मंत्री नितेश राणे और ४२ अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। बुधवार को हुई सुनवाई में विधायक नीलेश राणे, राजन तेली और अन्य आरोपी कोर्ट में उपस्थित थे, जबकि नितेश राणे सहित कुल छह आरोपी गैरहाजिर रहे।
कोर्ट ने नितेश राणे के वकीलों द्वारा दी गई गैरहाजिरी की याचिका को खारिज कर दिया। लगातार तारीखों पर पेश न होने को गंभीरता से लेते हुए कोर्ट ने उनके खिलाफ नॉन बेलेबल अरेस्ट वारंट जारी किया।
इससे पहले, नासिक हाउसिंग घोटाले से जुड़े मामले में कोर्ट ने महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और एनसीपी (अजित पवार गुट) नेता माणिकराव कोकाटे को दो साल की सजा सुनाई थी। बॉम्बे हाईकोर्ट ने दोषसिद्धि पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, लेकिन गिरफ्तारी से संरक्षण देते हुए दो साल की जेल की सजा को अंतिम सुनवाई तक निलंबित कर दिया।
हाईकोर्ट का यह आदेश नासिक सेशन कोर्ट के उस फैसले के खिलाफ दायर पुनरीक्षण याचिका पर आया है, जिसमें कोकाटे को सरकारी फ्लैटों के अवैध अधिग्रहण से जुड़े हाउसिंग फ्रॉड मामले में दो साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई थी। सेशन कोर्ट के फैसले के बाद कोकाटे ने हाईकोर्ट का रुख किया था।