क्या नितिन नबीन ने भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनने के बाद बिहार में मंत्री पद छोड़ा?
सारांश
Key Takeaways
- नितिन नबीन ने एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत का पालन करते हुए मंत्री पद छोड़ा।
- उन्हें भाजपा का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया।
- यह निर्णय बिहार की राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है।
- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को नई जिम्मेदारियों की घोषणा करनी है।
- भाजपा में संगठनात्मक बदलाव जारी है।
पटना, 16 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनने के बाद नितिन नबीन ने बिहार में मंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया है। सूत्रों के अनुसार, उन्होंने पार्टी के एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत के अनुसार यह निर्णय लिया। बताया गया है कि नितिन नबीन ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अपना त्यागपत्र भेजा है।
नितिन नबीन ने बिहार की नीतीश सरकार में पथ निर्माण विभाग और नगर विकास एवं आवास विभाग की जिम्मेदारियों का निर्वहन किया था। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन विभागों की जिम्मेदारी किसे सौंपते हैं। 14 जनवरी से पहले बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार की कोई संभावना नहीं दिखाई दे रही है।
गौरतलब है कि दो दिन पहले नितिन नबीन को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं मुख्यालय प्रभारी अरुण सिंह ने इसकी घोषणा की थी। नियुक्ति पत्र में कहा गया है कि भाजपा के संसदीय बोर्ड ने नितिन नबीन को राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया है।
उन्होंने यह भी कहा कि यह नियुक्ति तत्काल प्रभाव से लागू होगी। इस आदेश की जानकारी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, सभी प्रदेश प्रभारियों, प्रदेश अध्यक्षों और संगठन महामंत्रियों को भेज दी गई है। नितिन नबीन ने सोमवार को भाजपा मुख्यालय में पदभार ग्रहण कर लिया।
पार्टी के इस फैसले को संगठनात्मक रूप से एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है। नितिन नबीन की नियुक्ति से भाजपा के संगठन को राष्ट्रीय स्तर पर मजबूती मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।
भाजपा लगातार संगठन में बदलाव कर रही है। बिहार प्रदेश अध्यक्ष के रूप में भी दिलीप जायसवाल को हटाकर दरभंगा के विधायक संजय सरावगी को जिम्मेदारी सौंपी गई है।