क्या बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जदयू के कोष में अपना एक माह का वेतन दिया?
सारांश
Key Takeaways
- नीतीश कुमार ने जदयू के कोष में एक माह का वेतन दिया।
- पार्टी की मजबूती के लिए सहयोग की अपील की गई है।
- जदयू कार्यकर्ताओं की मदद के लिए फंड का उपयोग किया जाएगा।
- नीतीश कुमार का जीवन जनसेवा की मिसाल है।
- पार्टी के कोष में कमी न होने का ध्यान रखना सभी का दायित्व है।
पटना, 18 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने जनता दल (यूनाइटेड) के कोष में अपना एक माह का वेतन दिया। विधानपरिषद में सत्तारूढ़ दल के उपनेता सह पार्टी के कोषाध्यक्ष ललन कुमार सर्राफ को उन्होंने 1, अणे मार्ग, पटना में अपने एक माह के वेतन का चेक सौंपा।
इस अवसर पर उन्होंने पार्टी के मंत्रियों, सांसदों, विधानमंडल दल के सदस्यों, विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर आसीन नेताओं तथा पार्टी की विचारधारा में आस्था रखने वाले सभी समृद्ध एवं सामर्थ्यवान लोगों से आह्वान किया कि वे पार्टी की मजबूती के लिए यथासंभव सहयोग करें।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जनता दल (यूनाइटेड) कार्यकर्ताओं की पार्टी है। न्याय के साथ विकास के पथ पर चलते हुए पार्टी ने न केवल लगातार कार्यक्रम आयोजित किए हैं बल्कि जरूरतमंद साथियों की मदद भी तत्परता से की है। इसके लिए आवश्यक है कि पार्टी के कोष में कोई कमी न हो। उन्होंने कहा कि जदयू को अभी बहुत लंबा सफर तय करना है और जनसेवा को नया आयाम देना है। सभी को ध्यान रखना चाहिए कि सेवा के लिए साधनों में कमी न हो।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रति आभार प्रकट करते हुए ललन कुमार सर्राफ ने कहा कि नीतीश कुमार का जीवन जनसेवा की एक अद्भुत मिसाल है। मुख्यमंत्री के रूप में वे समस्त बिहारवासियों के प्रति हर पल चिंता करते हैं और पार्टी के लाखों कार्यकर्ताओं का ध्यान भी अभिभावक की तरह रखते हैं। उन्होंने अपना क्षण-क्षण और कण-कण लोककल्याण के लिए न्योछावर कर दिया है। हमें उनके पथ का अनुसरण कर पार्टी की मजबूती में योगदान देना चाहिए।
साथ ही, जदयू के तमाम नेताओं से अपील की गई है कि वे अपने क्षमता के अनुसार, पार्टी के कोष में फंड जमा करें। बताया गया कि यह फंड पार्टी की तरफ से विभिन्न लोगों की मदद के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है।