नोएडा: क्या एसटीएफ की कार्रवाई से फर्जी दस्तावेजों से बैंक लोन ठगी करने वाला गिरोह बेनकाब हुआ?

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नोएडा: क्या एसटीएफ की कार्रवाई से फर्जी दस्तावेजों से बैंक लोन ठगी करने वाला गिरोह बेनकाब हुआ?

सारांश

गाजियाबाद में एसटीएफ ने एक संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो फर्जी दस्तावेजों के जरिए बैंक लोन की धोखाधड़ी कर रहा था। गिरोह के सदस्यों को गिरफ्तार कर उनके पास से महत्वपूर्ण सामग्री बरामद की गई है।

Key Takeaways

  • गिरोह ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बैंक लोन की ठगी की।
  • गिरोह के सदस्यों को गिरफ्तार किया गया और महत्वपूर्ण सामग्री बरामद की गई।
  • इस घटना ने वित्तीय प्रणाली में फर्जीवाड़े के प्रति सतर्कता को बढ़ाया है।

गाजियाबाद, 6 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश की एसटीएफ की नोएडा शाखा ने एक संगठित गिरोह का खुलासा किया है, जो फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से बैंक लोन की धोखाधड़ी कर रहा था। इस गिरोह ने बैंक कर्मचारियों की फर्जी प्रोफाइल बनाकर बैंकों से करोड़ों रुपये की ठगी की।

गिरोह के मुखिया गौरव दुआ सहित दो लोगों को 5 अगस्त की रात गाजियाबाद के कौशांबी क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार आरोपियों में गौरव दुआ (फरीदाबाद, हरियाणा) और देवेश बैसोया (लाजपत नगर, नई दिल्ली) शामिल हैं। इनके पास से 5.10 लाख रुपये नकद, 63 विभिन्न कंपनियों के पहचान पत्र, 30 बैंक चेक बुक, 39 डेबिट/क्रेडिट कार्ड, 8 मोबाइल फोन, 3 लैपटॉप, 2 फर्जी कंपनी और बैंक की मोहरें, 7 पेन ड्राइव और एक क्रेटा कार बरामद की गई है।

इसके अलावा, गिरोह से जुड़े कई अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं। जानकारी के अनुसार, आरोपी गौरव दुआ वर्ष 2020 से इस अपराध में सक्रिय है। उसने दिल्ली यूनिवर्सिटी से बीकॉम किया है और एयरटेल, एसबीआई कार्ड जैसी कंपनियों में नौकरी की है। गौरव ने बताया कि वह पहले से बैंक लोन संबंधी कार्य में था और एक अविनाश रंजन नामक डीएसए एजेंट के साथ मिलकर धोखाधड़ी की शुरुआत की।

गिरोह ने फर्जी प्रोफाइल तैयार कर आईडीएफसी, कोटक महिंद्रा, आईसीआईसीआई, एक्सिस बैंक, एचडीएफसी, बजाज फाइनेंस, आदित्य बिड़ला, यश बैंक जैसे कई वित्तीय संस्थानों से 10 करोड़ रुपये से अधिक का लोन लिया और कभी वापस नहीं किया। यह गिरोह लोगों को पैसे का लालच देकर उनके दस्तावेज़ लेकर उन्हें नकली कंपनियों के पेरोल पर दर्शाता था। उनकी नकली सैलरी उनके बैंक खातों में डालकर उनका सिविल स्कोर सुधारा जाता था, जिससे बड़े लोन पास करवाए जाते थे।

इसके बदले गौरव को 40 प्रतिशत कमीशन मिलता था। एसटीएफ नोएडा की टीम ने मुखबिर की सूचना पर गाजियाबाद पुलिस के साथ मिलकर यह गिरफ्तारी की। आरोपियों के खिलाफ थाना कौशांबी में मुकदमा दर्ज किया गया है। आगे की जांच स्थानीय पुलिस द्वारा की जा रही है।

Point of View

लेकिन हमें इसे रोकने के लिए और भी सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।
NationPress
06/08/2025

Frequently Asked Questions

गिरोह के सदस्य कौन थे?
गिरोह के मुखिया गौरव दुआ और देवेश बैसोया थे, जिन्हें गाजियाबाद में गिरफ्तार किया गया।
गिरोह ने कितने रुपये का लोन लिया?
गिरोह ने लगभग 10 करोड़ रुपये का लोन विभिन्न बैंकों से लिया।
एसटीएफ ने गिरोह के पास से क्या बरामद किया?
गिरोह के पास से नकद, फर्जी आईडी कार्ड, चेक बुक, डेबिट/क्रेडिट कार्ड और कई अन्य सामग्री बरामद की गई।