क्या नोएडा में आईजीएल गैस पाइपलाइन लीक से बड़ा हादसा टल गया?
सारांश
Key Takeaways
- गैस लीक की घटना ने सुरक्षा मानकों की आवश्यकता को उजागर किया।
- स्थानीय प्राधिकरण को सभी विभागों के साथ समन्वय बनाना चाहिए।
- समय पर कार्रवाई ने एक बड़े हादसे को टाल दिया।
नोएडा, 15 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। मंगलवार दोपहर को नोएडा के सेक्टर-39 के सेक्टर-98 में स्थित स्काईमार्क बिल्डिंग के पास उस समय हड़कंप मच गया, जब भूमिगत खुदाई के दौरान इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (आईजीएल) की मुख्य गैस पाइपलाइन क्षतिग्रस्त हो गई और गैस लीक होने लगी। कुछ ही समय में आसपास के क्षेत्र में तीखी गैस की गंध फैल गई, जिसके बाद स्थानीय निवासियों ने इसकी सूचना पुलिस और अग्निशामक विभाग को दी। यदि समय पर कार्रवाई नहीं की जाती, तो यह घटना एक बड़े हादसे में बदल सकती थी।
सूचना मिलने पर आईजीएल के अधिकारी और तकनीकी टीम तुरंत घटनास्थल पर पहुंची। गैस पाइपलाइन में हो रहे रिसाव को नियंत्रित करने के लिए टीम ने आपातकालीन प्रक्रिया के तहत संबंधित सप्लाई को अस्थायी रूप से बंद किया और क्षतिग्रस्त हिस्से की मरम्मत शुरू की। इसके साथ ही, सुरक्षा के दृष्टिकोण से पुलिस और अग्निशामक विभाग की टीम ने क्षेत्र को घेराबंदी कर खाली कराया, ताकि लोग प्रभावित क्षेत्र से दूर रहें और कोई दुर्घटना न हो।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, गैस पाइपलाइन में लीक होने की घटना नोएडा अथॉरिटी के इलेक्ट्रिकल विभाग की लापरवाही के कारण हुई है। बताया जा रहा है कि इलेक्ट्रिकल विभाग की ओर से केबल बिछाने के लिए चल रही खुदाई के दौरान बिना उचित सर्वेक्षण और समन्वय के जमीन खोदी जा रही थी, जिसके दौरान आईजीएल की भूमिगत पाइपलाइन क्षतिग्रस्त हो गई।
आसपास के निवासियों और कर्मचारियों ने कहा कि निर्माण और खुदाई कार्य के दौरान कई बार बिना नक्शे और सुरक्षा प्रोटोकॉल के काम होते हैं, जिससे ऐसे हादसे की आशंका बनी रहती है। लगभग एक घंटे तक चले राहत और मरम्मत कार्य के बाद पाइपलाइन को सफलतापूर्वक दुरुस्त किया गया और गैस लीक को पूरी तरह से रोक दिया गया।
स्थिति सामान्य होने के बाद पुलिस ने क्षेत्र से बैरिकेडिंग हटा दी। सौभाग्य से, इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ और एक बड़ा हादसा टल गया। स्थानीय लोगों ने मांग की है कि नोएडा अथॉरिटी ऐसे कार्यों के दौरान आईजीएल और अन्य विभागों के साथ समन्वय स्थापित करके ही खुदाई कार्य कराए, ताकि शहर में किसी भी प्रकार की जान-माल की क्षति न हो। वहीं, इस घटना के बाद आईजीएल टीम और पुलिस प्रशासन द्वारा मामले की विस्तृत जांच शुरू कर दी गई है और संबंधित विभाग की कार्यवाही की लापरवाही की भी समीक्षा की जा रही है।