क्या जिलाधिकारी ने क्लब-बार संचालकों को सुरक्षा मानकों के लिए सख्त निर्देश दिए?

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क्या जिलाधिकारी ने क्लब-बार संचालकों को सुरक्षा मानकों के लिए सख्त निर्देश दिए?

सारांश

नोएडा में जिलाधिकारी मेधा रूपम ने क्लब और बार संचालकों के साथ बैठक की। सुरक्षा मानकों को मजबूत बनाने और आपदा प्रबंधन की योजना पर जोर दिया गया। इस बैठक में सुरक्षा उपायों की अनुपालन की सख्ती से निगरानी की जाएगी।

Key Takeaways

  • सुरक्षा मानकों का पालन अनिवार्य है।
  • अग्निशामक उपकरणों की नियमित जांच जरूरी है।
  • इमरजेंसी एग्जिट की स्पष्ट व्यवस्था होनी चाहिए।
  • ज्वलनशील सामग्री का भंडारण न करें।
  • कर्मचारियों को नियमित प्रशिक्षण दिया जाएगा।

नोएडा, 8 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। नोएडा के सेक्टर-27 में स्थित कैंप कार्यालय के सभागार में सोमवार को जिलाधिकारी मेधा रूपम की अध्यक्षता में जनपद के क्लब, बार, होटल, रेस्टोरेंट और मैरिज लॉन संचालकों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की गई। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य शहर में बढ़ते आयोजनों, भीड़भाड़ और उत्सवी मौसम को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा मानकों को और अधिक सुदृढ़ बनाना तथा संभावित आपदा स्थितियों से निपटने के लिए ठोस व्यवस्था सुनिश्चित करना था।

जिलाधिकारी मेधा रूपम ने बैठक के दौरान स्पष्ट किया कि जनपद में किसी भी प्रकार की दुर्घटना, आगजनी या अन्य आपदा को रोकना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने सभी संस्थानों को निर्देशित किया कि वे अपने यहां सुरक्षा मानकों का कड़ाई से पालन करें। अग्निशामक उपकरणों की उपलब्धता और उनकी नियमित जांच, इमरजेंसी एग्जिट की स्पष्ट व्यवस्था, समुचित सीसीटीवी कवर, पार्किंग प्रबंधन और भीड़ नियंत्रण प्रणाली हर हालत में दुरुस्त रहनी चाहिए।

इसके अलावा उन्होंने चेतावनी दी कि किसी भी प्रतिष्ठान में ज्वलनशील सामग्री का अनावश्यक भंडारण न किया जाए। एंट्री और एग्जिट गेट पर स्पष्ट लाइटिंग साइनेज लगाना अनिवार्य बताया गया, ताकि किसी भी आपात स्थिति में लोग तुरंत रास्ता पहचान सकें।

जिलाधिकारी ने सभी संचालकों को निर्देशित किया कि वे अपने यहां एक इमरजेंसी इंचार्ज नामित करें और उसकी सूची जिला प्रशासन को उपलब्ध कराएं। उन्होंने कहा कि प्राथमिक उपचार सामग्री, पब्लिक एड्रेस सिस्टम और दिव्यांगजन-अनुकूल सुविधाएं भी मानक के अनुसार उपलब्ध होनी चाहिए। कर्मचारियों को नियमित प्रशिक्षण, मॉक ड्रिल और आपदा प्रबंधन अभ्यास कराने पर भी जोर दिया गया, ताकि आकस्मिक परिस्थितियों में तुरंत और प्रभावी कार्रवाई की जा सके।

जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि समय-समय पर निरीक्षण किए जाएंगे तथा निर्देशों की अवहेलना करने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। बैठक में पुलिस विभाग, अग्निशामक विभाग, विद्युत सुरक्षा विभाग, आबकारी विभाग और आपदा प्रबंधन टीम के अधिकारियों ने विभिन्न तकनीकी बिंदुओं पर संचालकों को जानकारी दी।

विशेषज्ञों ने बताया कि प्रतिष्ठानों में क्षमता के अनुरूप भीड़ प्रबंधन, विद्युत सुरक्षा, लाइसेंस शर्तों का पालन और सभी सुरक्षा उपकरणों की उपलब्धता अत्यंत आवश्यक है। क्रिसमस और नववर्ष के आयोजनों को देखते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि सभी प्रतिष्ठान अपनी कार्ययोजना पहले से तैयार रखें और किसी भी कार्यक्रम के आयोजन से पूर्व सक्षम अधिकारी से अनिवार्य रूप से अनुमति प्राप्त करें।

इस महत्वपूर्ण बैठक में अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) अतुल कुमार, मुख्य अग्निशामक अधिकारी प्रदीप चौबे, जिला आबकारी अधिकारी सुबोध कुमार, सहायक निदेशक विद्युत सुरक्षा रमेश कुमार, जिला आपदा विशेषज्ञ ओमकार चतुर्वेदी सहित संबंधित विभागों के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

Point of View

जो कि जनपद में संभावित आपदाओं से बचाव के लिए अत्यंत आवश्यक है। यह कदम प्रशासन की जिम्मेदारी और नागरिकों की सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
NationPress
08/12/2025

Frequently Asked Questions

जिलाधिकारी ने सुरक्षा मानकों को लेकर क्या निर्देश दिए?
सुरक्षा मानकों का पालन करना अनिवार्य है, अग्निशामक उपकरणों की उपलब्धता और नियमित जांच, इमरजेंसी एग्जिट की व्यवस्था सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया है।
क्या किसी प्रतिष्ठान में ज्वलनशील सामग्री का भंडारण करना मना है?
जी हां, जिलाधिकारी ने किसी भी प्रतिष्ठान में ज्वलनशील सामग्री का अनावश्यक भंडारण न करने की चेतावनी दी है।
क्या सभी संस्थानों को इमरजेंसी इंचार्ज नामित करना आवश्यक है?
हां, सभी संस्थानों को एक इमरजेंसी इंचार्ज नामित करने और उसकी सूची जिला प्रशासन को उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है।
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