क्या नोएडा में ऑपरेशन तलाश से फर्जी सिम कार्ड और साइबर अपराधों पर लगेगी लगाम?

सारांश
Key Takeaways
- ऑपरेशन तलाश का मुख्य उद्देश्य फर्जी सिम कार्डों पर अंकुश लगाना है।
- यह अभियान 25 अगस्त तक चलेगा।
- सामाजिक सुरक्षा के लिए सिम कार्ड के विक्रेताओं का सत्यापन किया जाएगा।
- जनता को केवल अधिकृत विक्रेताओं से सिम कार्ड खरीदने की सलाह दी गई है।
- संदिग्ध गतिविधियों की सूचना तुरंत पुलिस को दें।
नोएडा, 1 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। गौतमबुद्धनगर पुलिस कमिश्नरेट ने साइबर और आर्थिक अपराधों की रोकथाम के लिए “ऑपरेशन तलाश” नामक एक विशेष अभियान की शुरुआत की है। यह अभियान 25 अगस्त तक जारी रहेगा।
पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह के निर्देशन और अपर पुलिस आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था) डॉ. राजीव नारायण मिश्र के पर्यवेक्षण में यह अभियान जिले भर में सक्रियता से संचालित किया जा रहा है। इस विशेष ऑपरेशन का मुख्य उद्देश्य फर्जी और प्री-एक्टिवेटेड सिम कार्डों के माध्यम से होने वाले अपराधों पर प्रभावी अंकुश लगाना है। सिम कार्ड वितरकों, विक्रेताओं, दुकानों और ग्राहकों के प्वाइंट ऑफ सेल का व्यापक भौतिक सत्यापन किया जा रहा है ताकि उन तत्वों की पहचान की जा सके जो फर्जीवाड़े और अवैध गतिविधियों में शामिल हैं।
पुलिस इस दौरान भारत सरकार और दूरसंचार विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करवा रही है, जिसमें ई-केवाईसी की अनिवार्यता, एक व्यक्ति के लिए सीमित सिम कार्ड, सिम ट्रांसफर प्रक्रिया और पुराने सिम कार्डों का दोबारा सत्यापन शामिल हैं। गौतमबुद्धनगर पुलिस ने स्पष्ट किया है कि यदि किसी दुकान, विक्रेता या व्यक्ति को अवैध गतिविधियों में संलिप्त पाया गया, तो उसके खिलाफ विभिन्न धाराओं में कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
“ऑपरेशन तलाश” के माध्यम से न केवल अपराधियों की पहचान की जा रही है, बल्कि आम नागरिकों की डिजिटल सुरक्षा को भी सुनिश्चित किया जा रहा है। फर्जी सिम कार्डों का उपयोग आजकल बैंकिंग फ्रॉड और साइबर ठगी जैसे अपराधों में किया जा रहा है, जिससे आम लोग भारी नुकसान झेल रहे हैं। पुलिस प्रशासन ने जनता से अपील की है कि वे केवल अधिकृत विक्रेताओं से सिम कार्ड खरीदें और सिम लेते समय वैध दस्तावेज उपलब्ध कराएं। साथ ही यदि किसी भी दुकान या व्यक्ति द्वारा संदिग्ध गतिविधि देखी जाए, तो उसकी सूचना तुरंत पुलिस को दें।