क्या नोएडा में वायु प्रदूषण नियंत्रण को लेकर प्राधिकरण ने सख्ती बरती है?
सारांश
Key Takeaways
- ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (ग्रेप) के तहत सख्त निगरानी।
- 14 विशेष टीमों का गठन किया गया है।
- प्रदूषण नियंत्रण के लिए 60 टैंकरों का उपयोग।
- सड़क सफाई के लिए 14 मैकेनिकल स्वीपिंग मशीनें कार्यरत।
- धूल नियंत्रण के लिए एंटी स्मॉग गन तैनात।
नोएडा, 5 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण के मद्देनजर, आयोग फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (सीएक्यूएम) द्वारा 14 अक्टूबर से लागू किए गए ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (ग्रेप) के तहत, नोएडा प्राधिकरण ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए अपनी कार्रवाई को और सख्त किया है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) लगातार 'खराब' श्रेणी में रहने के कारण, शहर में विशेष उपाय किए जा रहे हैं।
नोएडा प्राधिकरण ने ग्रेप के दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलाया है और कई चरणों में नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। प्राधिकरण द्वारा बताया गया कि ग्रेप गाइडलाइंस के अनुपालन के लिए 14 विशेष टीमें बनाई गई हैं, जो पूरे शहर में निर्माण स्थलों, मुख्य मार्गों और खुली जगहों की लगातार निगरानी कर रही हैं। इन टीमों द्वारा की गई सख्त मॉनिटरिंग में, जहां भी नियमों का उल्लंघन पाया गया, वहां कुल 14,95,000 रुपए का अर्थदंड लगाया गया है।
प्राधिकरण का दावा है कि सभी टीमें रोजाना सक्रिय रूप से कार्यरत हैं ताकि प्रदूषण को न्यूनतम किया जा सके। सड़कों पर उड़ती धूल को नियंत्रित करने के लिए नगर क्षेत्र में प्रतिदिन 60 टैंकरों के माध्यम से 260 से 280 किलोमीटर लंबाई तक शोधित जल का छिड़काव किया जा रहा है। साथ ही, 14 मैकेनिकल स्वीपिंग मशीनें रोजाना लगभग 340 किलोमीटर सड़क की सफाई कर रही हैं, जिससे धूल प्रदूषण को कम किया जा सके। उद्यान विभाग भी प्रदूषण नियंत्रण के इस अभियान में सक्रिय है।
विभाग रोजाना 25 टैंकरों की मदद से सेंट्रल वर्ज पर लगे पौधों की धुलाई कर रहा है, जिससे धूल जमने की समस्या को कम किया जा सके। निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण के लिए 88 स्टैटिक और 10 ट्रक-माउंटेड एंटी स्मॉग गन तैनात की गई हैं, जो लगातार काम कर रही हैं। सी एंड क्यू वेस्ट (निर्माण एवं विध्वंस मलबा) के उचित निस्तारण के लिए सेक्टर-80 में 400 टीपीडी क्षमता वाला प्रोसेसिंग प्लांट अपनी पूरी क्षमता से कार्य कर रहा है। ग्रेप अवधि के दौरान नोएडा के विभिन्न क्षेत्रों से कुल 12,199 टन सी एंड क्यू वेस्ट एकत्र कर प्रोसेस किया गया, जिससे अवैध डंपिंग पर नियंत्रण पाया गया है।
प्राधिकरण की 14 टीमें प्रतिदिन निर्माण परियोजनाओं का निरीक्षण कर यह सुनिश्चित कर रही हैं कि सभी निर्माण सामग्री ग्रीन नेट से ढकी हो, नियमित रूप से पानी का छिड़काव हो, और साइट के चारों ओर मेटल शीट व ग्रीन कारपेट लगाए गए हों। जहां भी ग्रेप गाइडलाइन और हरित न्यायाधिकरण के आदेशों का उल्लंघन पाया गया, वहां तत्काल कार्रवाई की गई है। नोएडा प्राधिकरण का कहना है कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए यह अभियान आगे भी जारी रहेगा और नियमों का पालन न करने वालों के खिलाफ कठोर कदम उठाए जाएंगे।