क्या नोएडा में पुलिस मुठभेड़ में वाहन चोरों की गिरफ्तारी ने सुरक्षा को मजबूत किया?
सारांश
Key Takeaways
- नोएडा पुलिस की सक्रियता ने एक बड़े वाहन चोरी गिरोह का पर्दाफाश किया।
- गिरफ्तार किए गए आरोपियों के पास से कई चोरी की लग्जरी कारें और अवैध हथियार बरामद हुए।
- पुलिस की गुप्त सूचना प्रणाली की प्रभावशीलता को दर्शाता है।
- मुठभेड़ के दौरान पुलिस ने आत्मरक्षा में जवाबी कार्रवाई की।
- आरोपियों के आपराधिक इतिहास ने सुरक्षा की चिंता को बढ़ाया है।
नोएडा, 1 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। नोएडा की थाना फेस-2 पुलिस, सीआरटी और सर्विलांस टीम (सेंट्रल नोएडा) ने मिलकर एक बड़े वाहन चोरी गिरोह का पर्दाफाश किया है। गुप्त सूचना और इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस के आधार पर पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान तीन वाहन चोरों को गिरफ्तार किया।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने तीन चोरी की लग्जरी कारें, 91 हजार रुपए नकद, मोबाइल फोन, एटीएम कार्ड, अवैध तमंचा और घटना में प्रयुक्त कार बरामद की है। यह घटना 1 दिसंबर 2025 को हुई, जब पुलिस ने सेक्टर-92 सर्विस रोड पर संदिग्ध गतिविधि की सूचना पर घेराबंदी की।
गिरफ्तारी के समय आरोपी पंकज पुत्र अवधेश शाह ने पुलिस पर फायरिंग कर दी। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में पंकज के पैर में गोली लगी, जिसके बाद उसे हिरासत में लेकर अस्पताल भेजा गया। अन्य दो आरोपी—विवेक यादव और प्रेमपाल यादव—को मौके पर पकड़ा गया। आरोपियों के पास से बरामद कारों में अर्टिगा, क्रेटा और टाटा हेरियर शामिल हैं। इसके अलावा घटना में उपयोग की गई और कार भी जब्त की गई।
आरोपियों के पास से एक .315 बोर का तमंचा और जिंदा और खोखा कारतूस भी मिले। जांच में पता चला कि तीनों आरोपी पेशे से टैक्सी ड्राइवर हैं और एनसीआर क्षेत्र में रेकी कर वाहनों की चोरी करते थे। चोरी के बाद वे वाहनों को कुछ दिनों तक सुनसान स्थलों पर खड़ा रखते थे ताकि पुलिस की निगरानी से बच सकें। फिर इन्हें मध्य प्रदेश, बिहार और यूपी के ग्रामीण क्षेत्रों में बेचने की कोशिश की जाती थी। टोल टैक्स से बचने के लिए सफर कच्चे और गांव के रास्तों से किया जाता था।
यदि वाहन की उचित कीमत नहीं मिलती थी, तो गिरोह दूसरे राज्यों में सौदा खोजता था। पुलिस से बचने के लिए आरोपी इंटरनेट कॉलिंग का भी उपयोग करते थे। आरोपी पंकज के खिलाफ दिल्ली और एनसीआर में आधा दर्जन से अधिक आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं, जबकि अन्य आरोपियों का भी आपराधिक इतिहास सामने आया है। डीसीपी सेंट्रल नोएडा ने मुठभेड़ और रिकवरी में सफलता के लिए पुलिस टीम को 25 हजार रुपये पुरस्कार देने की घोषणा की है।