क्या नोएडा पुलिस सड़क सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित कर रही है?

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क्या नोएडा पुलिस सड़क सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित कर रही है?

सारांश

नोएडा पुलिस ने सड़क सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण पहल शुरू की है, जिसमें जीरो फेटेलिटी डिस्ट्रिक्ट कार्यक्रम के तहत 9 क्रिटिकल पुलिस स्टेशनों को चिन्हित किया गया है। इस पहल का उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाना और जीवन बचाना है।

Key Takeaways

  • सड़क दुर्घटनाओं में कमी
  • पुलिस की प्रतिक्रिया क्षमता में सुधार
  • घायलों को तत्काल चिकित्सा सहायता
  • समुदाय में सड़क सुरक्षा जागरूकता
  • पुलिस और स्वास्थ्य सेवा का समन्वय

नोएडा, 15 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मृत्यु दर को कम करने और यातायात व्यवस्था को अधिक सुरक्षित एवं प्रभावी बनाने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस के महानिदेशक एवं अपर पुलिस महानिदेशक यातायात के निर्देश पर प्रदेश के 20 कमिश्नरेट/जनपदों में जीरो फेटेलिटी डिस्ट्रिक्ट कार्यक्रम लागू किया जा रहा है। इसी क्रम में कमिश्नरेट गौतमबुद्ध नगर को भी इस परियोजना में शामिल किया गया है, जिसके अंतर्गत जिले के 9 पुलिस थानों को क्रिटिकल पुलिस स्टेशन के रूप में चिन्हित किया गया है।

इन थाना क्षेत्रों में स्थित एनएच–33 4सी और एनआई–2 को दुर्घटना-प्रभावित क्रिटिकल कॉरिडोर घोषित किया गया है। डीजी सर्कुलर के अनुसार, इन मार्गों पर तेज और प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए 9 क्रिटिकल कॉरिडोर टीम का गठन किया गया है। प्रत्येक टीम में एक उपनिरीक्षक और चार आरक्षियों को शामिल किया गया है।

इन टीमों की मुख्य भूमिका दुर्घटना की सूचना मिलते ही तुरंत मौके पर पहुंचकर घायलों को निकटतम अस्पताल पहुंचाना, घटनास्थल का निरीक्षण करना, दुर्घटना के कारणों की जांच करना और संबंधित एजेंसियों से समन्वय स्थापित कर समस्याओं का समाधान करना है। इस पहल का उद्देश्य चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध कराकर अधिक से अधिक जीवन बचाना है। यातायात माह 2025 के दौरान पुलिस आयुक्त गौतमबुद्ध नगर के निर्देशन तथा संयुक्त पुलिस आयुक्त एवं डीसीपी ट्रैफिक के पर्यवेक्षण में सड़क सुरक्षा अभियान को मजबूती देने के लिए फेलिक्स अस्पताल की मेडिकल टीम द्वारा सेक्टर–108 सभागार में सीपीआर (कार्डियो पल्मोनरी रिज्यूसिटेशन) एवं बेसिक लाइफ-सेविंग टेक्नीक्स का विशेष प्रशिक्षण आयोजित किया गया।

प्रशिक्षण में डायल–112 के पुलिसकर्मियों के साथ-साथ थाना स्तर पर नियुक्त सभी क्रिटिकल कॉरिडोर टीमों ने भाग लिया। इस प्रशिक्षण में प्रतिभागियों को इमरजेंसी स्थितियों में शरीर की प्रतिक्रिया, हृदय गति रुकने पर सीपीआर प्रक्रिया, सांस रुकने की स्थिति में प्राथमिक उपचार, ब्लीडिंग कंट्रोल, और अन्य बेसिक लाइफ सपोर्ट तकनीकों की विस्तृत जानकारी दी गई। साथ ही, मॉडल डमी पर लाइव डेमो और प्रैक्टिकल अभ्यास कर पुलिसकर्मियों ने हार्ट-रेस्क्यू स्किल्स का प्रशिक्षण प्राप्त किया।

पुलिस विभाग का मानना है कि यह प्रशिक्षण आपातकालीन परिस्थितियों में पुलिस की प्रतिक्रिया क्षमता में गुणात्मक सुधार करेगा और दुर्घटनाओं में घायल व्यक्तियों की जान बचाने की संभावनाएं काफी बढ़ेंगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा सड़क दुर्घटनाओं में 50 प्रतिशत कमी लाने के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए यह पहल राज्य सरकार के मिशन को गति प्रदान करेगी। नोएडा पुलिस ने जनता से भी अपील की है कि यातायात नियमों का पालन करें, ओवरस्पीडिंग से बचें और सड़क सुरक्षा को जीवन सुरक्षा के समान महत्व दें। समय पर सहायता और सुरक्षित यातायात- दोनों मिलकर बचा सकते हैं अनगिनत जानें।

Point of View

बल्कि पुलिस की क्षमता को भी मजबूत बनाती है। यह नागरिकों के जीवन को बचाने के प्रयासों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
NationPress
15/11/2025

Frequently Asked Questions

जीरो फेटेलिटी डिस्ट्रिक्ट कार्यक्रम क्या है?
यह कार्यक्रम सड़क दुर्घटनाओं की मृत्यु दर को कम करने के लिए शुरू किया गया है।
सीपीआर प्रशिक्षण का उद्देश्य क्या है?
इसका उद्देश्य पुलिसकर्मियों को आपातकालीन परिस्थितियों में त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया सिखाना है।
क्रिटिकल पुलिस स्टेशन की पहचान कैसे की गई?
जिले के 9 थानों को दुर्घटनाओं के उच्चतम संभावित क्षेत्रों के आधार पर चिन्हित किया गया है।
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