क्या नोएडा में प्रदूषण नियंत्रण के लिए सख्त कदम उठाए गए हैं?

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क्या नोएडा में प्रदूषण नियंत्रण के लिए सख्त कदम उठाए गए हैं?

सारांश

नोएडा में प्रदूषण की समस्या को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने के लिए प्रदूषण नियंत्रण विभाग ने आवश्यक कदम उठाए हैं। तीन विशेष टीमें गठित की गई हैं, जो 10 हॉटस्पॉट पर नजर रखेंगी। जानें, क्या हैं ये कदम और कैसे होगा प्रदूषण में सुधार।

Key Takeaways

  • नोएडा में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए टीमें गठित की गई हैं।
  • १० हॉटस्पॉट चिन्हित किए गए हैं जहाँ प्रदूषण का स्तर अधिक है।
  • ग्रैप-1 योजना लागू की गई है।
  • नागरिकों को सावधानियों का पालन करने के लिए सलाह दी गई है।
  • प्रदूषण नियंत्रण के लिए सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।

नोएडा, १८ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। नोएडा में प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए प्रदूषण नियंत्रण विभाग ने अपनी तैयारियों को और तेज कर दिया है। क्षेत्रीय अधिकारी रितेश कुमार तिवारी के नेतृत्व में विभाग ने तीन विशेष टीमें बनाई हैं, जो शहर के विभिन्न हिस्सों में प्रदूषण की स्थिति पर नज़र रखेंगी। विभाग ने नोएडा में १० हॉटस्पॉट चिन्हित किए हैं, जहाँ प्रदूषण का स्तर निरंतर ऊँचा पाया गया है।

प्रत्येक टीम में पाँच-पाँच अधिकारी तैनात किए गए हैं, जो现场 जाकर निरीक्षण करेंगे। इन टीमों को निर्देश दिया गया है कि वे निर्माणाधीन स्थलों, सड़कों और औद्योगिक क्षेत्रों में प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों पर रोक लगाएँ। नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

क्षेत्रीय अधिकारी रितेश कुमार तिवारी ने बताया कि नोएडा में ग्रैप-1 (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) लागू हो चुका है और जिलाधिकारी के निर्देश पर विभाग ने कार्य प्रारंभ कर दिया है। उन्होंने कहा कि टीमें निरंतर निगरानी कर रही हैं और यदि किसी क्षेत्र में प्रदूषण नियंत्रण से संबंधित कोई गड़बड़ी मिलती है, तो संबंधित प्राधिकरण से तत्काल कार्रवाई के लिए अनुरोध किया जा रहा है।

त्योहारों के कारण शहर में ट्रैफिक का दबाव बढ़ा है, जिससे कुछ असुविधा हो रही है, लेकिन प्रदूषण नियंत्रण विभाग को उम्मीद है कि स्थिति जल्द ही नियंत्रण में आ जाएगी और वायु गुणवत्ता में सुधार दिखाई देगा।

गौरतलब है कि एनसीआर में वायु प्रदूषण एक बार फिर चिंता का विषय बना हुआ है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के हालिया आंकड़ों के अनुसार, शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के अधिकांश हिस्सों में हवा की गुणवत्ता 'बहुत खराब' श्रेणी में दर्ज की गई है। इसमें गाजियाबाद सबसे प्रदूषित शहर है, उसके बाद नोएडा और दिल्ली का स्थान है।

विशेषज्ञों ने नागरिकों से सलाह दी है कि वे सुबह और शाम के समय बाहरी गतिविधियों से बचें, विशेषकर सांस के मरीजों और बुजुर्गों के लिए। साथ ही, मास्क पहनने और घर के अंदर एयर प्यूरीफायर का उपयोग करने की भी सलाह दी जा रही है।

Point of View

प्रदूषण एक ऐसे मुद्दे पर ध्यान देने की आवश्यकता है जो न केवल नोएडा बल्कि पूरे देश के लिए चिंता का विषय है। सरकार के प्रयासों को सराहना मिलनी चाहिए, लेकिन नागरिकों की जागरूकता भी आवश्यक है। हम सभी को मिलकर इस समस्या का समाधान खोजना होगा।
NationPress
18/10/2025

Frequently Asked Questions

नोएडा में प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए कौन से कदम उठाए जा रहे हैं?
प्रदूषण नियंत्रण विभाग ने तीन विशेष टीमें गठित की हैं, जो 10 हॉटस्पॉट की निगरानी करेंगी और नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेंगी।
ग्रैप-1 क्या है?
ग्रैप-1 (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) एक प्रणाली है जो प्रदूषण स्तर के अनुसार आवश्यक कार्रवाई निर्धारित करती है।
क्या नागरिकों को प्रदूषण के दौरान कोई सावधानियाँ बरतनी चाहिए?
विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि नागरिक सुबह और शाम के समय बाहरी गतिविधियों से बचें, और मास्क पहनें।
क्या त्योहारों के दौरान प्रदूषण बढ़ता है?
जी हाँ, त्योहारों के दौरान ट्रैफिक का दबाव बढ़ता है, जिससे प्रदूषण स्तर में वृद्धि हो सकती है।
एयर प्यूरीफायर का उपयोग क्यों किया जाना चाहिए?
एयर प्यूरीफायर का उपयोग घर के अंदर वायु गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए किया जाना चाहिए, खासकर प्रदूषण के समय।