क्या नोएडा प्राधिकरण ने वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए सख्त कदम उठाए हैं?

सारांश
Key Takeaways
- वायु गुणवत्ता सूचकांक में सुधार हेतु उपयुक्त कदम उठाए जा रहे हैं।
- प्राधिकरण द्वारा जुर्माना लगाया जाएगा नियमों के उल्लंघन पर।
- निर्माण स्थलों पर सख्त निगरानी की जा रही है।
- जनता से प्रदूषण नियंत्रण में सहयोग की अपील की गई है।
नोएडा, 16 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली एनसीआर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के खराब स्तर पर पहुँचने के बाद केंद्र सरकार के कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट ने 14 अक्टूबर से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान स्टेज-I लागू किया है। इस योजना के अंतर्गत नोएडा प्राधिकरण ने क्षेत्र में वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए कठोर कदम उठाना शुरू कर दिया है।
नोएडा प्राधिकरण की 14 विशेष टीमें लगातार सेक्टरों और ग्राम क्षेत्रों में निरीक्षण कर रही हैं। इन टीमों ने गुरुवार को शहर के 20 अलग-अलग स्थानों का दौरा कर आमजन को ग्रेप गाइडलाइंस और राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के नियमों का पालन करने के लिए जागरूक किया।
प्राधिकरण ने स्पष्ट किया कि नियमों का उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना लगाया जाएगा। वायु प्रदूषण के सबसे बड़े स्रोत सड़क धूल को नियंत्रित करने के लिए प्राधिकरण ने नोएडा के मुख्य मार्गों पर 20 टैंकरों और 10 ट्रक-माउंटेड एंटी स्मॉग गन्स की तैनाती की। इनकी मदद से कुल 120 किलोमीटर लंबाई में शोधित पानी का छिड़काव किया गया। इससे सड़कों पर उड़ने वाली धूल में प्रभावी कमी आई।
इसके अलावा, जन स्वास्थ्य विभाग द्वारा 14 मैकेनिकल स्वीपिंग मशीनों के माध्यम से 340 किलोमीटर मुख्य सड़कों की लगातार सफाई की जा रही है। उद्यान विभाग ने पानी के 5 टैंकरों की सहायता से सेंट्रल वर्ज के पौधों की धुलाई कर धूल जमाव को कम किया है। नोएडा के निर्माण स्थलों को वायु प्रदूषण का प्रमुख स्रोत मानते हुए वहां भी सख्त निगरानी शुरू की गई है।
प्राधिकरण की रिपोर्ट के अनुसार, कुल 50 एंटी स्मॉग गन मशीनों का संचालन विभिन्न निर्माण परियोजनाओं पर किया गया है। निरीक्षण के दौरान यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि निर्माण सामग्री को ग्रीन नेट से ढका जाए, नियमित पानी का छिड़काव हो, और निर्माण स्थल की सीमा पर मेटल शीट या ग्रीन कारपेट लगाया जाए। जिन स्थलों पर ग्रेप गाइडलाइन्स या एनजीटी के आदेशों का पालन नहीं किया गया, वहां प्राधिकरण ने अर्थदंड लगाना शुरू कर दिया है।
नोएडा प्राधिकरण ने जनता से अपील की है कि वे भी प्रदूषण नियंत्रण में जिम्मेदारी निभाएं और कूड़ा या पत्ते न जलाएं, निर्माण सामग्री को खुले में न रखें और वाहन चलाते समय प्रदूषण प्रमाणपत्र अवश्य साथ रखें। प्राधिकरण ने यह भी स्पष्ट किया है कि ग्रेप के अगले चरण लागू होते ही और अधिक सख्ती बढ़ाई जाएगी।