क्या वृद्धाश्रम कांड में विदेशी फंडिंग का मामला सच है?

सारांश
Key Takeaways
- वृद्धाश्रम के अमानवीय हालात का खुलासा
- विदेशी फंडिंग के साक्ष्य पाए गए
- जांच रिपोर्ट शासन को भेजी गई
- बुजुर्गों के अधिकारों का उल्लंघन
- भविष्य में बड़ी कार्रवाई की संभावना
नोएडा, २ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के नोएडा में एक वृद्धाश्रम में बुजुर्गों को अमानवीय स्थिति में रखने के आरोपों के बाद अब विदेशी फंडिंग के प्रमाण भी उजागर हुए हैं। जिला प्रशासन द्वारा की गई जांच में जो तथ्य सामने आए हैं, उनकी एक विस्तृत रिपोर्ट शासन को भेजी गई है, जिसके बाद संबंधित एजेंसियां इसकी जांच कर सकती हैं।
नोएडा के सेक्टर-५५ में स्थित आनंद निकेतन वृद्ध सेवा आश्रम की गतिविधियों के संदर्भ में उठे सवालों के बीच जिला प्रशासन ने विस्तृत जांच रिपोर्ट शासन को प्रस्तुत की है। इस रिपोर्ट में वृद्धाश्रम की व्यवस्थाओं को “असंतोषजनक” करार दिया गया है, साथ ही कई गंभीर अनियमितताओं की ओर भी संकेत किया गया है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, जिला स्तर पर हुई जांच में यह तथ्य सामने आया है कि आश्रम के खातों में विदेशों से फंडिंग हुई है, जिसके साक्ष्य जिला प्रशासन को प्राप्त हुए हैं। रिपोर्ट में फॉर्म ८ और फॉर्म १२ का भी उल्लेख किया गया है, जो विदेशी अंशदान नियमन अधिनियम (एफसीआरए) से संबंधित दस्तावेज हैं।
इन फॉर्मों का जिक्र इस ओर इशारा करता है कि आश्रम को विदेशी स्रोतों से धन प्राप्त हुआ है, जिसकी ट्रांजेक्शन डिटेल्स की जांच की जा सकती है।
सूत्रों के अनुसार, आने वाले दिनों में इस मामले की जांच और अधिक गहराई से की जाएगी और यह जांच किसी अधिकृत एजेंसी द्वारा कराई जा सकती है। वर्तमान में शासन स्तर से आधिकारिक जांच आदेशों का इंतजार किया जा रहा है।
यदि आश्रम में विदेशी फंडिंग से संबंधित नियमों का उल्लंघन पाया गया तो आश्रम की समस्याएं और भी बढ़ सकती हैं। प्रशासन की प्राथमिक जांच में न केवल वित्तीय गड़बड़ियों, बल्कि बुजुर्गों की देखभाल की व्यवस्था को भी बेहद लचर और मानवाधिकारों के खिलाफ पाया गया है।
इस पूरे मामले को शासन की प्राथमिकता में रखा गया है और आने वाले समय में इस संबंध में बड़ी कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।