क्या नोएडा में यमुना का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ का खतरा है?

सारांश
Key Takeaways
- यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है।
- बाढ़ का खतरा कई गांवों में पैदा हो गया है।
- प्रशासन ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है।
- मौसम विभाग ने लगातार बारिश की भविष्यवाणी की है।
- स्वास्थ्य विभाग को आपात स्थिति के लिए तैयार रखा गया है।
नोएडा, 20 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए लाखों क्यूसेक पानी का प्रभाव यमुना नदी के जलस्तर पर स्पष्ट रूप से देखा जा रहा है। नदी का जलस्तर निरंतर बढ़ता जा रहा है, जिसका सीधा असर गौतमबुद्ध नगर जिले के यमुना किनारे स्थित डूब क्षेत्र पर हो रहा है। कई गांवों, बस्तियों और कई फार्म हाउस तक पानी पहुंचने लगा है। इसके चलते वहां के निवासियों ने पलायन करना शुरू कर दिया है।
जिला प्रशासन ने पहले ही एक अलर्ट जारी किया है। हाल ही में आयोजित बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए गए थे कि डूब क्षेत्र में निवास करने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए, ताकि अचानक आने वाली बाढ़ की स्थिति में जनहानि से बचा जा सके। प्रशासन लगातार गश्त कर रहा है और प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है।
इस बीच, लोगों की चिंताएं बढ़ गई हैं क्योंकि मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में लगातार बारिश की भविष्यवाणी की है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार 20 और 21 अगस्त को यमुना क्षेत्र में आंधी-तूफान के साथ बारिश होने की संभावना है। 22 और 23 अगस्त को भी आसमान में बादल छाए रहने की उम्मीद है और मध्यम बारिश हो सकती है।
इसके अलावा, 24 और 25 अगस्त तक गरज-चमक के साथ बारिश या तेज बौछारें पड़ने की चेतावनी दी गई है। तापमान 31 से 33 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 22 से 24 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का अनुमान है। वहीं, ह्यूमिडिटी 60 से 95 प्रतिशत तक पहुंचने की संभावना जताई गई है, जिससे उमस भी लोगों को परेशान करेगी।
यमुना के बढ़ते जलस्तर और लगातार हो रही बारिश ने डूब क्षेत्र में रह रहे परिवारों की समस्याएँ दोगुनी कर दी हैं। एक तरफ घरों में पानी घुसने का खतरा है, तो दूसरी तरफ लगातार बारिश के कारण फसल और पशुधन भी प्रभावित हो सकते हैं। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए तुरंत सुरक्षित स्थानों पर शरण लें। साथ ही, स्वास्थ्य विभाग और बचाव दल को भी स्टैंडबाय पर रखा गया है ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत मदद पहुंचाई जा सके।