क्या एनआरसी और एसआईआर वास्तव में अलग चीजें हैं? ममता बनर्जी कर रही राजनीति: अशोक चौधरी
सारांश
Key Takeaways
- एसआईआर और एनआरसी अलग प्रक्रियाएं हैं।
- ममता बनर्जी का बयान राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है।
- बिहार के नेता इस पर राजनीति कर रहे हैं।
- बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा भी जुड़ा हुआ है।
पटना, 27 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। पश्चिम बंगाल के मतदाता सूची में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने यह दावा किया कि एसआईआर के बाद केंद्र सरकार एनआरसी लागू करने की योजना बना रही है। बिहार सरकार के कई मंत्रियों ने ममता के इस बयान की आलोचना की है। उन्होंने ममता बनर्जी पर आरोप लगाया कि वह एसआईआर के मुद्दे पर राजनीति कर रही हैं।
बिहार सरकार के मंत्री और जदयू नेता अशोक चौधरी ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में पश्चिम बंगाल की ममता सरकार पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा, "ममता बनर्जी एसआईआर और एनआरसी के मुद्दे पर राजनीति कर रही हैं। एनआरसी और एसआईआर दोनों अलग चीजें हैं।"
उन्होंने यह भी कहा, "देश में एसआईआर पहली बार नहीं हो रहा है। पहले भी इसे चार से पांच बार किया जा चुका है। एसआईआर को एनआरसी से कैसे जोड़ा जा सकता है। पश्चिम बंगाल में चुनाव का समय है और ममता बनर्जी अपने तरीके से बातों को पेश कर रही हैं। वह इस मुद्दे पर राजनीति करके जनता को एक संदेश देना चाहती हैं।"
पश्चिम बंगाल में गीता पाठ कराने के विवाद पर अशोक चौधरी ने कहा, "हर किसी की अपनी धार्मिक भावनाएं हैं। इसे रोका नहीं जा सकता। अगर मैं अपने विधानसभा क्षेत्र में रामध्वनि करूं और वहां 50 लोग इकट्ठा हों, तो इसमें सरकार की क्या भूमिका है?"
बिहार सरकार के मंत्री और भाजपा नेता नितिन नबीन ने भी टीएमसी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने ममता बनर्जी पर बांग्लादेशी घुसपैठियों को भारत के नागरिकों का हक देने का गंभीर आरोप लगाया।
नितिन नबीन ने कहा, "मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जो लगता हो; वो लगे, लेकिन हम उन्हें पश्चिम बंगाल के लोगों का हक नहीं छीनने देंगे। ममता बनर्जी बांग्लादेशी घुसपैठियों को पीछे के दरवाजे से देश के नागरिकों का हक दिलवाना चाहती हैं, लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे। देश के संसाधनों और योजनाओं पर पहला हक यहां के नागरिकों का है। देश के नागरिकों को ही यहां की नई सरकार चुनने का मौका दिया जाएगा न कि बांग्लादेशी घुसपैठियों को।"