क्या केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिले पन्नीरसेल्वम ने राजनीतिक पुनर्संयोजन की दिशा में कदम बढ़ाया?

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क्या केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिले पन्नीरसेल्वम ने राजनीतिक पुनर्संयोजन की दिशा में कदम बढ़ाया?

सारांश

तमिलनाडु की राजनीति में ओ पन्नीरसेल्वम की अमित शाह से मुलाकात ने संभावित राजनीतिक पुनर्संयोजन का संकेत दिया है। क्या ओपीएस की आगामी घोषणा राज्य की राजनीति को प्रभावित करेगी?

Key Takeaways

  • ओ पन्नीरसेल्वम की अमित शाह से मुलाकात ने राजनीतिक हलचल को तेज किया है।
  • इस मुलाकात को विधानसभा चुनावों के संदर्भ में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
  • ओपीएस की अगली घोषणा राजनीतिक समीकरणों को प्रभावित कर सकती है।
  • भाजपा ओपीएस से संबंध बनाए रखना चाहती है।
  • ओपीएस की राजनीतिक स्थिति का खुलासा जल्द होगा।

चेन्नई, 3 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। तमिलनाडु की राजनीति में तेज होती हलचल के बीच पूर्व मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम (ओपीएस) ने नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ करीब 20 मिनट की महत्वपूर्ण मुलाकात की। यह बैठक अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले राज्य में संभावित राजनीतिक पुनर्संयोजन के संकेत के रूप में देखी जा रही है।

बंद कमरे में हुई इस मुलाकात के बाद ओपीएस की अगली राजनीतिक रणनीति को लेकर अटकलें और तेज हो गई हैं, खासकर ऐसे समय में जब उन्होंने हाल ही में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से बाहर होने का फैसला किया था।

ओपीएस 2024 लोकसभा चुनाव में एनडीए का हिस्सा थे, लेकिन 2026 विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा और एआईएडीएमके की फिर से गठबंधन की घोषणा के बाद समीकरण बदल गए। बताया जाता है कि भाजपा–एआईएडीएमके साझेदारी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तमिलनाडु यात्रा के दौरान उनसे मुलाकात नहीं होने जैसी घटनाओं से ओपीएस असंतुष्ट थे। इन परिस्थितियों ने अंततः उन्हें एनडीए से अलग होने के फैसले तक पहुंचा दिया।

सूत्रों के अनुसार भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के. अन्नामलाई और तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष नैनार नागेंद्रन के प्रयासों के बावजूद ओपीएस को मनाने में सफलता नहीं मिल सकी।

एनडीए से अलग होने के बाद ओपीएस ने 24 नवंबर को एआईएडीएमके जनरल काउंसिल (दावा पुनर्स्थापन समिति) बैठक में संकेत दिया कि वह 15 दिसंबर को “महत्वपूर्ण घोषणा” करेंगे। माना जा रहा है कि यह घोषणा उनके राजनीतिक भविष्य या एआईएडीएमके नेतृत्व व पार्टी प्रतीक को लेकर संघर्ष के अगले चरण से जुड़ी होगी।

इसी बीच, भाजपा नेतृत्व के निमंत्रण पर ओपीएस अपने पुत्र के साथ दिल्ली पहुंचे और अमित शाह से मुलाकात की। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार भाजपा दक्षिणी जिलों में प्रभाव रखने वाले थेवर समुदाय के नेता ओपीएस से संबंध बनाए रखना चाहती है।

ओपीएस दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं और सूत्रों के अनुसार, आने वाले दिनों में वह भाजपा के अन्य शीर्ष नेताओं से भी मुलाकात करेंगे। इसके बाद ही अपनी अंतिम राजनीतिक स्थिति का खुलासा करेंगे।

Point of View

यह स्पष्ट है कि ओ पन्नीरसेल्वम और अमित शाह की मुलाकात ने तमिलनाडु की राजनीति में नई संभावनाएं खोली हैं। इस समय, जब राज्य में राजनीतिक हलचल तेज है, ओपीएस की अगली घोषणा महत्वपूर्ण होगी। हमें इस पर नजर रखनी होगी।
NationPress
09/12/2025

Frequently Asked Questions

ओ पन्नीरसेल्वम ने अमित शाह से क्यों मुलाकात की?
यह मुलाकात संभावित राजनीतिक पुनर्संयोजन के संकेत के रूप में देखी जा रही है, खासकर विधानसभा चुनावों के संदर्भ में।
क्या ओपीएस ने एनडीए से बाहर होने का फैसला लिया?
हाँ, ओपीएस ने हाल ही में एनडीए से बाहर होने का फैसला किया था।
ओपीएस की अगली घोषणा कब होगी?
ओपीएस ने संकेत दिया है कि वह 15 दिसंबर को महत्वपूर्ण घोषणा करेंगे।
भाजपा ओपीएस के साथ क्यों जुड़ी रहना चाहती है?
भाजपा दक्षिणी जिलों में प्रभाव रखने वाले थेवर समुदाय के नेता ओपीएस से संबंध बनाए रखना चाहती है।
क्या ओपीएस भाजपा के अन्य नेताओं से भी मुलाकात करेंगे?
जी हाँ, सूत्रों के अनुसार ओपीएस आने वाले दिनों में भाजपा के अन्य शीर्ष नेताओं से भी मुलाकात करेंगे।
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