क्या भद्रक में ऐतिहासिक काली पूजा समारोह का उल्लास और सुरक्षा प्रबंध पुख्ता हैं?

सारांश
Key Takeaways
- भद्रक काली पूजा का उत्सव ऐतिहासिक है।
- सुरक्षा प्रबंधों में सादे कपड़ों में पुलिसकर्मी शामिल हैं।
- भक्तों की संख्या हर साल बढ़ती जा रही है।
- 32 लाइसेंस प्राप्त आतिशबाजी स्टॉल इस वर्ष लगाए गए हैं।
- पूजा में समाज में जागरूकता बढ़ाने का प्रयास किया गया है।
भद्रक, 19 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। ओडिशा में ऐतिहासिक नौ दिवसीय काली पूजा समारोह की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं और भद्रक शहर उत्सव के उल्लास में डूबा हुआ है। चरम्पा पाथर काली, स्टेशन काली, पीडब्ल्यूडी काली, डगरसाही काली, बिशनी खरदा, हाई स्कूल काली और राजघाट काली जैसी प्रमुख पूजा समितियां अपनी सजावट और रोशनी को अंतिम रूप देने में व्यस्त हैं।
जिला प्रशासन और पुलिस ने ओडिशा और अन्य स्थानों से आने वाले लाखों श्रद्धालुओं की उपस्थिति को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन के लिए सख्त प्रबंध किए हैं। यातायात नियंत्रण और महिलाओं की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया है। प्रमुख स्थानों पर सादे कपड़ों में महिला पुलिसकर्मी तैनात की गई हैं, जबकि चेन स्नैचिंग और चोरी की घटनाओं को रोकने के लिए हर सौ मीटर पर सादे कपड़ों में पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं।
समारोह को सफलतापूर्वक संपन्न कराने के लिए जिले और बाहर से वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों सहित 25 प्लाटून का बल तैनात किया गया है।
इस वर्ष, शहर भर में 32 लाइसेंस प्राप्त आतिशबाजी स्टॉल लगाए गए हैं, जहाँ विभिन्न प्रकार के पटाखे उपलब्ध हैं। खरीदारों के बीच 'ग्रीन पटाखों' की मांग बहुत अधिक है।
पटाखा विक्रेता साई आशीष बारिक (राजा) ने बताया, ''इस साल 32 पटाखों के स्टॉल खोले गए हैं, जहाँ नए-नए प्रकार के पटाखे और फुलझड़ियां उपलब्ध हैं। व्यापार अच्छा चल रहा है। ग्रीन पटाखों की मांग भी काफी है।''
भद्रक काली पूजा समिति के संयुक्त सचिव लालत केशरी नंदा ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, ''भद्रक की काली पूजा ओडिशा के सबसे प्रसिद्ध त्योहारों में से एक है। भक्त न केवल विभिन्न जिलों से, बल्कि आंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे पड़ोसी राज्यों से भी आते हैं। यह पूजा शांतिपूर्ण और अनुशासित तरीके से मनाई जाती है। इस वर्ष एक मूर्ति के माध्यम से बाल विवाह के बाद एक लड़की की दुर्दशा को दर्शाते हुए हमने समाज में जागरूकता बढ़ाने का संदेश देने की कोशिश की है।''
भद्रक के एसपी मनोज राउत ने कहा, ''भद्रक में काली पूजा एक सामूहिक उत्सव है जिसमें एक ही दिन में एक लाख से अधिक श्रद्धालु आते हैं। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए यातायात की उचित व्यवस्था की गई है। कुछ रास्ते वाहनों के लिए प्रतिबंधित हैं और पैदल यात्रियों के लिए नए रास्ते बनाए गए हैं। चोरी रोकने और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सादे कपड़ों में पुरुष और महिला पुलिसकर्मी भीड़-भाड़ वाले इलाकों पर नजर रखेंगे। सभी प्रमुख क्षेत्रों में टीमें तैनात की जाएंगी। लोगों के सहयोग से श्रद्धालु एक शांतिपूर्ण और सुरक्षित उत्सव का आनंद उठा पाएंगे। पुलिस की कुल 25 प्लाटून और तीन जिलों के एसआई और एडिशनल एसपी सहित 100 से अधिक अधिकारियों को ड्यूटी पर लगाया गया है।''