क्या ओडिशा के मुख्यमंत्री ने केंद्रीय इस्पात मंत्री से मुलाकात में राउरकेला स्टील प्लांट के विस्तार पर चर्चा की?

सारांश
Key Takeaways
- राउरकेला स्टील प्लांट का विस्तार ओडिशा के औद्योगिक विकास में सहायक होगा।
- मुख्यमंत्री का 'विजन ओडिशा 2036 और 2047' दस्तावेज महत्वपूर्ण है।
- यह मुलाकात ओडिशा में नए निवेश को प्रोत्साहन दे सकती है।
- औद्योगिक क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
- राज्य के शहरीकरण को बढ़ावा मिलेगा।
नई दिल्ली, 6 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने मंगलवार को दिल्ली में केंद्रीय इस्पात और भारी उद्योग मंत्री एच. डी. कुमारस्वामी से महत्वपूर्ण मुलाकात की। इस दौरान, मुख्यमंत्री ने ओडिशा में इस्पात क्षेत्र (स्टील सेक्टर) के विकास पर चर्चा की।
राउरकेला स्टील प्लांट के विस्तार पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया। इसके अतिरिक्त, राज्य में औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन से संबंधित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी विचार किया गया।
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री को ओडिशा सरकार की दीर्घकालिक विकास योजना का खाका 'विजन ओडिशा 2036 और 2047' दस्तावेज के रूप में सौंपा। इस दस्तावेज़ में भविष्य में राज्य के सामाजिक, आर्थिक और औद्योगिक विकास की रणनीति को विस्तार से समझाया गया है।
मोहन चरण माझी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "दिल्ली में केंद्रीय इस्पात और भारी उद्योग मंत्री एच. डी. कुमारस्वामी से मुलाकात की। इस अवसर पर ओडिशा में स्टील सेक्टर के विकास, राउरकेला स्टील प्लांट के विस्तार, औद्योगिक वृद्धि और रोजगार सृजन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई। साथ ही उन्हें 'विजन ओडिशा 2036 और 2047' दस्तावेज भेंट किया।"
गौरतलब है कि राउरकेला स्टील प्लांट को ओडिशा के औद्योगिक ढांचे की रीढ़ माना जाता है। इसके विस्तार से राज्य में स्टील उत्पादन क्षमता बढ़ने, नए निवेश, रोजगार के अवसर और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को भी मजबूती मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। मुख्यमंत्री की यह पहल ओडिशा को एक औद्योगिक शक्ति केंद्र के रूप में विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
'विजन ओडिशा 2036 और 2047' के तहत ओडिशा को उसके स्थापना के 100वें वर्ष (2036) और भारत की आजादी के 100 वर्ष (2047) तक एक विकसित, समावेशी और आत्मनिर्भर राज्य बनाना है। इस विजन में ओडिशा के शहरीकरण को वर्तमान 17 प्रतिशत से बढ़ाकर 2036 तक 40 प्रतिशत और 2047 तक 60 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें औद्योगिक समूहों के आसपास के आठ शहरों जैसे अंगुल, बलांगीर, भद्रक, कलिंग नगर, क्योंझर, बारीपदा, रायगढ़ा और राउरकेला का रूपांतरण शामिल है।