क्या ओडिशा में दो नए मेडिकल कॉलेजों को मंजूरी मिली? सीएम माझी ने पीएम मोदी और नड्डा का आभार व्यक्त किया

सारांश
Key Takeaways
- ओडिशा में दो नए मेडिकल कॉलेजों की मंजूरी मिली है।
- प्रत्येक कॉलेज में 100 एमबीबीएस सीटें होंगी।
- यह निर्णय स्थानीय स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करेगा।
- तालचेर और कंधमाल में नए अवसर खुलेंगे।
- ओडिशा सरकार अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देगी।
भुवनेश्वर, 2 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) द्वारा शैक्षणिक वर्ष 2025-26 से दो नए मेडिकल कॉलेजों को मंजूरी मिलने पर खुशी जताई है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय स्वास्थ्य एवं कल्याण मंत्री जे.पी. नड्डा का भी आभार व्यक्त किया।
इन दो नए मेडिकल कॉलेजों में तालचेर का पबित्र मोहन प्रधान मेडिकल कॉलेज और कंधमाल का राजकीय मेडिकल कॉलेज, फूलबनी शामिल हैं, जहां प्रत्येक में 100 एमबीबीएस सीटें स्वीकृत की गई हैं।
मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "ओडिशा की जनता की ओर से, मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा का हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं। यह ऐतिहासिक कदम चिकित्सा शिक्षा के नए रास्ते खोलेगा और तालचेर, कंधमाल व पूरे ओडिशा में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करेगा।" उन्होंने कहा कि यह निर्णय किफायती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं तक लोगों की पहुंच बढ़ाएगा।
यह मंजूरी ओडिशा के लिए स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। नए मेडिकल कॉलेजों से न केवल चिकित्सा शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता भी बढ़ेगी। खासकर कंधमाल जैसे आदिवासी बहुल क्षेत्रों में यह कदम स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ करने में मील का पत्थर साबित होगा।
तालचेर और फूलबनी में मेडिकल कॉलेज की स्थापना से स्थानीय युवाओं को चिकित्सा शिक्षा की नई संभावनाएं मिलेंगी, जिससे क्षेत्र में डॉक्टरों की कमी को दूर करने में मदद मिलेगी।
माझी ने इस कदम को ओडिशा के विकास की दिशा में एक बड़ा कदम बताया। उन्होंने कहा, "यह पहल न केवल शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार लाएगी, बल्कि रोजगार सृजन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी प्रोत्साहन देगी। ओडिशा सरकार इस दिशा में केंद्र के सहयोग से और अधिक स्वास्थ्य परियोजनाओं को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है।"
बता दें कि यह कदम ओडिशा के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि मानी जा रही है, जो स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में नई संभावनाएं खोलेगी।