क्या ओडिशा विधानसभा सत्र में बीजद के 24 वर्षों और भाजपा के 15 महीनों की उपलब्धियों पर चर्चा होगी? : मुकेश महालिंग

सारांश
Key Takeaways
- ओडिशा विधानसभा सत्र में बीजद और भाजपा की उपलब्धियों की चर्चा होगी।
- महिलाओं और किसानों के मुद्दों पर सरकार गंभीर है।
- प्रधानमंत्री मोदी के 75वें जन्मदिन पर खास अभियान शुरू होंगे।
- 75 लाख पेड़ लगाने की योजना पर्यावरण संरक्षण के लिए है।
- अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल व्यापार चर्चा के लिए भारत में है।
भुवनेश्वर, 16 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। ओडिशा के संसदीय कार्य, स्वास्थ्य और आईटी मंत्री मुकेश महालिंग ने आगामी विधानसभा मानसून सत्र और अन्य महत्वपूर्ण गतिविधियों के बारे में मंगलवार को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष प्रमिला मलिक की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक में सत्ता पक्ष और विपक्ष ने सत्र के सुचारू संचालन के लिए सहयोग का आश्वासन दिया।
महालिंग ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कांग्रेस द्वारा बीजद के समर्थन से अविश्वास प्रस्ताव लाने के दावे को ख़ारिज किया। उन्होंने कहा, "कांग्रेस के पास आवश्यक संख्या नहीं है और बीजद-कांग्रेस की विचारधाराएं एक-दूसरे के विपरीत हैं। ओडिशा की जनता ने भाजपा को स्पष्ट जनादेश दिया है।"
उन्होंने कहा कि सरकार विपक्ष द्वारा उठाए गए मुद्दों, विशेष रूप से किसानों, शिक्षकों, छात्रों और महिलाओं से संबंधित विषयों पर चर्चा करने के लिए तैयार है। इस सत्र में बीजद के 24 साल के शासन, पूर्व कांग्रेस सरकार और भाजपा के 15 महीने की उपलब्धियों पर भी चर्चा होगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 75वें जन्मदिन पर दो बड़े अभियानों के बारे में महालिंग ने बताया, "पीएम मोदी के 75वें जन्मदिन, 17 सितंबर को, ओडिशा सरकार 2 अक्टूबर तक चलने वाले दो प्रमुख राज्यव्यापी अभियानों की शुरुआत करेगी। पहला, 'स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार', महिलाओं के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के उद्देश्य से है। इस पहल के तहत, महिलाओं की विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के निदान और उपचार के लिए राज्य भर में 29,000 जांच शिविर और 3,000 से अधिक चिकित्सा शिविर आयोजित किए जाएंगे। दूसरा कार्यक्रम, 'एक पेड़ मां के नाम' है, जो पर्यावरण संरक्षण पर केंद्रित है। इस अभियान के अंतर्गत, ओडिशा में 75 लाख पेड़ लगाए जाएंगे ताकि पेड़ों को मां के समान सम्मान देने के बारे में जागरूकता फैलाई जा सके।"
उन्होंने बताया, "एक उच्च-स्तरीय अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल व्यापार और शुल्क चर्चा के लिए भारत में है। भारत के मजबूत और निरंतर रुख ने अमेरिका को शुल्कों पर अपने रुख पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर किया है। यह बदलाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्णायक नेतृत्व के कारण संभव हुआ है। उनके नेतृत्व में, भारत बहुत जल्द दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है।"