क्या ऑनलाइन गेमिंग को विनियमित करने वाले विधेयक पर उद्योग जगत ने सरकार से बैठक का अनुरोध किया?

सारांश
Key Takeaways
- ऑनलाइन गेमिंग विधेयक का उद्देश्य कानूनी ढांचे के तहत गेमिंग को लाना है।
- अगर विधेयक पारित होता है, तो भारतीय गेमर्स को नुकसान हो सकता है।
- उद्योग जगत ने सरकार से तत्काल बैठक का अनुरोध किया है।
- ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र का उद्यम मूल्यांकन तेजी से बढ़ रहा है।
- इस विधेयक का प्रभाव रोजगार सृजन और निवेश पर पड़ेगा।
नई दिल्ली, 20 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। कैबिनेट द्वारा ऑनलाइन गेमिंग को विनियमित करने वाले विधेयक को स्वीकृति मिलने के बाद, उद्योग जगत के प्रमुख प्रतिनिधियों ने सरकार के साथ तत्काल बैठक का अनुरोध किया है।
उनका कहना है कि यदि यह विधेयक पास होता है, तो भारतीय उपयोगकर्ताओं और नागरिकों को गंभीर नुकसान होगा।
ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन (एआईजीएफ), ई-गेमिंग फेडरेशन (ईजीएफ) और फेडरेशन ऑफ इंडिया फैंटेसी स्पोर्ट्स (एफआईएफएस) द्वारा लिखे गए पत्र में, उद्योग के नेताओं ने कहा कि उनका मानना है कि ऑनलाइन स्किल गेमिंग इंडस्ट्री, प्रधानमंत्री के 1 ट्रिलियन डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था के दृष्टिकोण की नींव हो सकती है।
गेमिंग संगठनों ने पत्र में कहा, "हमें विश्वास है कि आपके समर्थन से, भारत का गेमिंग क्षेत्र जिम्मेदारी से आगे बढ़ सकता है, रोजगार पैदा कर सकता है, महत्वपूर्ण कर राजस्व में योगदान दे सकता है और अवैध ऑपरेटरों को रोक सकता है।"
यह विधेयक ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म को एक कानूनी ढांचे के अंतर्गत लाने और डिजिटल ऐप्स के माध्यम से जुआ खेलने पर दंड लगाने का प्रस्ताव करता है।
प्रस्तावित कानून राज्य के कानूनों में लत, धोखाधड़ी और विसंगतियों पर चिंता व्यक्त करता है और इसमें दंड और सजा के प्रावधान हैं।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को ऑनलाइन गेमिंग के लिए केंद्रीय नियामक के रूप में नामित किया जा सकता है। इस विधेयक का उद्देश्य अनधिकृत ऑनलाइन सट्टेबाजी पर भी रोक लगाना है।
गेमिंग फेडरेशन के अनुसार, ऑनलाइन स्किल गेमिंग एक उभरता हुआ क्षेत्र है, जिसका उद्यम मूल्यांकन 2 लाख करोड़ रुपए से अधिक है, राजस्व 31,000 करोड़ रुपए से अधिक है, वार्षिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर 20,000 करोड़ रुपए से अधिक है और यह 20 प्रतिशत सीएजीआर से बढ़कर 2028 तक और भी अधिक ऊंचाइयों को छूने वाला है।
भारतीय ऑनलाइन गेमर्स की कुल संख्या 2020 में 36 करोड़ से बढ़कर 2024 में 50 करोड़ से अधिक हो गई।
पत्र में आगे कहा गया है, "भारत के गेमिंग उद्योग ने जून 2022 तक 25,000 करोड़ रुपए से अधिक का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आकर्षित किया है। यह उद्योग वर्तमान में 2 लाख से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष नौकरियों का सृजन करता है, और अगले कुछ वर्षों में यह संख्या काफी बढ़ जाएगी।"
उन्होंने कहा कि "एकमुश्त प्रतिबंध इस वैध, रोजगार सृजन उद्योग को समाप्त कर देगा और भारतीय उपयोगकर्ताओं और नागरिकों को गंभीर नुकसान पहुंचाएगा।"
पत्र में कहा गया है, "विनियमित और जिम्मेदार भारतीय प्लेटफॉर्म को बंद करने से करोड़ों खिलाड़ी अवैध मटका नेटवर्क, विदेशी जुआ वेबसाइटों और बिना किसी सुरक्षा उपाय, उपभोक्ता संरक्षण या कराधान के काम करने वाले अस्थायी संचालकों के हाथों में चले जाएंगे।"
प्रस्तावित प्रतिबंध न केवल इन अवसरों को समाप्त करेगा, बल्कि वैश्विक निवेश और निवेशकों की भावना को भी बाधित करेगा, 2 लाख से अधिक नौकरियां खत्म करेगा, 400 से ज्यादा कंपनियां बंद हो जाएंगी और एक डिजिटल इनोवेटर के रूप में भारत की स्थिति कमजोर होगी।
पत्र में कहा गया है, "इस विधेयक के एकमात्र लाभार्थी अवैध विदेशी जुआ संचालक होंगे।"
सरकार अक्टूबर 2023 से ऑनलाइन गेमिंग गतिविधियों पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाकर ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र को विनियमित करने की प्रक्रिया में है।