क्या दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने ऑनलाइन स्टॉक मार्केट स्कैम के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया?

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क्या दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने ऑनलाइन स्टॉक मार्केट स्कैम के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया?

सारांश

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक बड़े ऑनलाइन स्टॉक मार्केट स्कैम का पर्दाफाश करते हुए आरोपी को गिरफ्तार किया है। जानें कैसे ठगी का ये नया तरीका सामने आया और पुलिस ने क्या कदम उठाए।

Key Takeaways

  • दिल्ली पुलिस ने 27 लाख रुपए के ऑनलाइन स्टॉक मार्केट स्कैम को उजागर किया।
  • आरोपी ने निवेशकों को झांसे में लेने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया।
  • पुलिस ने आरोपी का बैंक खाता ट्रेस किया जिसमें 8 लाख रुपए थे।
  • आरोपी ने अपनी पहचान छुपाने के लिए कई बैंक खातों का उपयोग किया।
  • साइबर सुरक्षा को लेकर जागरूकता बढ़ाना आवश्यक है।

नई दिल्ली, 31 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। साइबर अपराधों के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कार्रवाई में, दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की साइबर सेल ने 27 लाख रुपए के हाई-प्रोफाइल ऑनलाइन स्टॉक मार्केट घोटाले के मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया है। यह आरोपी निवेशकों को प्री-लॉन्च आईपीओ और स्टॉक मार्केट में निवेश का झांसा देकर ठगता था।

गिरफ्तार आरोपी की पहचान ऋषि रणदीर सिंह, निवासी इंदिरा नगर, पुणे (महाराष्ट्र), के रूप में हुई है। यह गिरफ्तारी एक वरिष्ठ नागरिक से 27 लाख रुपए की ठगी के मामले की गहन जांच के बाद की गई। शिकायतकर्ता को फेसबुक और फिर व्हाट्सएप संदेशों के माध्यम से फर्जी स्टॉक ट्रेडिंग एप्लिकेशन इंस्टॉल करने के लिए राजी किया गया। बाद में उसे एक धोखाधड़ी वाले इन्वेस्टमेंट टिप्स ग्रुप में जोड़ा गया, जहां आईपीओ फंडिंग और प्रॉफिट विदड्रॉल के नाम पर धीरे-धीरे निवेश करने के लिए प्रेरित किया गया।

पुलिस के अनुसार, ठगों ने शिकायतकर्ता से रकम इकट्ठा करने के लिए आईएमपीएस, एनईएफटी और यूपीआई के जरिए कई व्यक्तिगत बैंक खातों का इस्तेमाल किया। जब पीड़ित ने अपने निवेश की राशि निकालने की मांग की, तो आरोपियों ने धमकी और दबाव बनाकर उससे और पैसे ट्रांसफर कराए। जांच के दौरान पुलिस ने ऋषि रणदीर के नाम से संचालित एक बैंक खाते का पता लगाया, जिसमें अकेले 8 लाख रुपए जमा हुए थे।

क्राइम ब्रांच की टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर आरोपी की लोकेशन करोल बाग, दिल्ली में ट्रेस की और तुरंत दबिश देकर उसे पकड़ लिया। यह अभियान इंस्पेक्टर मंजीत कुमार के नेतृत्व में एसआई परवेश राठी, एएसआई कंवर पाल, एचसी विनोद और एचसी मनीष डबास की टीम ने एसीपी अनिल शर्मा की देखरेख में सफलतापूर्वक अंजाम दिया।

आरोपी ऋषि ने पूछताछ के दौरान यह खुलासा किया कि वह आठवीं कक्षा तक पढ़ा हुआ एक इलेक्ट्रीशियन है। लालच के चलते वह दो अन्य व्यक्तियों के संपर्क में आया, जिन्होंने उसे बैंक में करंट अकाउंट खुलवाने और हर महीने 30 हजार रुपए कमाने का लालच दिया। इसके बाद उसने अपना बैंक खाता और अन्य जानकारियां उन्हें सौंप दीं, जिनका इस्तेमाल ऑनलाइन ठगी के लिए किया गया।

पुलिस ने बताया कि अब तक की जांच में आरोपी की भूमिका स्पष्ट हो चुकी है और उसके अन्य साथियों और सहआरोपियों की तलाश जारी है। क्राइम ब्रांच ने कहा है कि इस साइबर वित्तीय अपराध के पूरे नेटवर्क का जल्द ही पर्दाफाश किया जाएगा।

Point of View

यह घटना हमें यह बताती है कि हमारे देश में साइबर सुरक्षा एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। हमें सतर्क रहने की आवश्यकता है और ऐसे ठगों से बचने के लिए जागरूकता फैलानी चाहिए।
NationPress
01/09/2025

Frequently Asked Questions

क्या यह स्कैम केवल एक व्यक्ति तक सीमित था?
नहीं, यह स्कैम कई लोगों को प्रभावित कर सकता है, और पुलिस इसके पूरे नेटवर्क की जांच कर रही है।
क्या आरोपी ने सभी पैसे वापस किए?
अभी तक नहीं, पुलिस जांच कर रही है और आरोपी के अन्य साथियों की तलाश जारी है।