क्या ऑपरेशन धराली में शहीद अग्निवीर जवान को श्रद्धांजलि दी गई?

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क्या ऑपरेशन धराली में शहीद अग्निवीर जवान को श्रद्धांजलि दी गई?

सारांश

भारतीय थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने धराली में प्राकृतिक आपदा के दौरान शहीद हुए अग्निवीर समय सिंह को श्रद्धांजलि दी। उनके साहस और बलिदान की कहानी जानें और सेना की राहत कार्यों की जानकारी प्राप्त करें।

Key Takeaways

  • अग्निवीर समय सिंह ने अपने कर्तव्य के लिए बलिदान दिया।
  • भारतीय सेना का ऑपरेशन धराली राहत कार्य के लिए महत्वपूर्ण था।
  • 357 से अधिक नागरिकों को सुरक्षित निकाला गया।
  • सेना ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 150 जवानों को भेजा।
  • प्राकृतिक आपदा के समय संचार साधनों की बहाली की गई।

नई दिल्ली, 13 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय थलसेना के प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने 14 राजपूताना राइफल्स के वीर जवान अग्निवीर समय सिंह को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। अग्निवीर समय सिंह ने उत्तराखंड के धराली में प्राकृतिक आपदा से बचाव अभियान के दौरान अपना सर्वोच्च बलिदान दिया था।

सोमवार को भारतीय सेना के आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जनरल द्विवेदी ने लिखा, ''हम अग्निवीर समय सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, जिन्होंने प्राकृतिक आपदा के दौरान अपने कर्तव्य को निभाते हुए अद्वितीय साहस का प्रदर्शन किया। उनकी वीरता हमारे दिलों में हमेशा जीवित रहेगी और भविष्य की पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी। इस कठिन समय में भारतीय सेना उनके परिवार के साथ खड़ी है।''

गौरतलब है कि उत्तराखंड के धराली और हर्षिल क्षेत्र में आई भीषण बाढ़ और भूस्खलन के बाद भारतीय सेना ने ऑपरेशन धराली के तहत राहत कार्यों की जिम्मेदारी संभाली। सेना के अनुसार, यहां से 357 से अधिक नागरिकों को सुरक्षित निकाला गया, हालांकि इस दौरान कुछ नागरिकों की मृत्यु की पुष्टि भी हुई।

14 राजपूताना राइफल्स के कुछ सैनिक भी इस प्राकृतिक आपदा के शिकार हुए। 5 अगस्त की दोपहर लगभग 1:45 बजे धराली गांव के पास भूस्खलन हुआ, जो हर्षिल स्थित सेना के शिविर से लगभग 4 किलोमीटर दूर था। इस आपदा में कुछ सैनिक लापता भी हुए।

सेना के अधिकारियों ने बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही 150 जवानों को तुरंत रवाना किया गया, जो मात्र 10 मिनट में मौके पर पहुंचे और बचाव कार्य शुरू किया। प्रारंभिक प्रयास में ही सेना ने 20 लोगों को सुरक्षित निकाला।

7 अगस्त को कुल 68 हेलीकॉप्टर उड़ानें संचालित की गईं। इसके साथ ही, भारतीय सेना की टुकड़ियाँ, इंजीनियर्स, मेडिकल टीमें और खोजी कुत्ते राहत कार्य में जुटे रहे। एनडीआरएफ के 105 जवान और एसडीआरएफ की टीम भी मौके पर सक्रिय रही।

हालांकि, धराली का सड़क मार्ग पूरी तरह से अवरुद्ध हो गया था, लेकिन सड़क साफ करने का कार्य जल्द ही प्रमुख मार्ग तक पहुँच गया। इस दौरान सेना ने यहाँ एक बैले ब्रिज का निर्माण भी किया। प्राकृतिक आपदा के बाद संचार साधन पूरी तरह से ध्वस्त हो गए थे, जिसे देखते हुए सेना ने हर्षिल में एक संचार नियंत्रण कक्ष स्थापित किया, जिसमें वाई-फाई और सैटेलाइट कनेक्टिविटी उपलब्ध थी।

भारतीय सेना ने प्रभावित नागरिकों की सुरक्षा और भलाई के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाई और कठिन भू-भाग एवं प्रतिकूल मौसम की चुनौतियों के बावजूद राहत कार्य 24 घंटे जारी रखा।

Point of View

NationPress
13/10/2025

Frequently Asked Questions

ऑपरेशन धराली क्या है?
ऑपरेशन धराली एक राहत कार्य था जो उत्तराखंड के धराली में प्राकृतिक आपदा के दौरान किया गया।
अग्निवीर समय सिंह ने किस अभियान में शहादत पाई?
अग्निवीर समय सिंह ने प्राकृतिक आपदा बचाव अभियान में शहादत पाई।
भारतीय सेना ने कितने नागरिकों को सुरक्षित निकाला?
भारतीय सेना ने 357 से अधिक नागरिकों को सुरक्षित निकाला।
इस आपदा में कितने सैनिक लापता हुए?
इस आपदा में कुछ सैनिक लापता हुए थे, जिनकी जानकारी सेना द्वारा दी गई।
सेना ने राहत कार्यों के दौरान क्या उपाय किए?
सेना ने हेलीकॉप्टर उड़ानें संचालित कीं और संचार नियंत्रण कक्ष स्थापित किया।