क्या रोजर मूर: दर्जी के बेटे जो बने जेम्स बॉंड, हमेशा 'भारत दिल पर करता है राज'?

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क्या रोजर मूर: दर्जी के बेटे जो बने जेम्स बॉंड, हमेशा 'भारत दिल पर करता है राज'?

सारांश

रोजर मूर का जीवन एक प्रेरणादायक कहानी है। एक दर्जी के बेटे से लेकर जेम्स बॉंड बनने की यात्रा ने उन्हें सिर्फ एक अभिनेता नहीं, बल्कि एक सच्चे इंसान के रूप में स्थापित किया। उनके भारत से संबंध भी गहरे रहे। जानिए उनकी रोचक कहानी।

Key Takeaways

  • रोजर मूर का जीवन संघर्ष और सफलता की प्रेरणा है।
  • उन्होंने जेम्स बॉंड को एक नया रूप दिया।
  • भारत के प्रति उनके प्रेम ने उन्हें अनोखा बना दिया।
  • उम्र के बावजूद, उन्होंने बॉंड की भूमिका निभाई।
  • उनकी मुस्कान में एक गहरी ताकत थी।

नई दिल्ली, 13 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। रोजर मूर, जिन्होंने दुनिया को जेम्स बॉन्ड के सूट में देखा, वास्तव में वे अब भी एक दर्ज़ी के बेटे थे, जो किस्मत से टक्सीडो पहनकर आए। उनका जन्म 14 अक्टूबर 1927 को लंदन में जॉर्ज अल्फ्रेड मूर और कलकत्तालिलियन के घर हुआ।

पिता पहले टेलर और फिर पुलिसकर्मी बने। घर में अनुशासन था, लेकिन संघर्ष भी कम नहीं। माता-पिता की इस इकलौती संतान ने बाद में आर्ट स्कूल में दाखिला लेकर चित्रकारी शुरू की, लेकिन एक दिन प्रोफेसर ने कहा—“तुम्हें पेंट नहीं, कैमरा संभालना चाहिए।” यही संवाद उनकी जिंदगी में नया मोड़ लाया। घर में अनुशासन था, लेकिन सपनों के लिए जगह नहीं थी।

फिल्मों में शुरुआत आसान नहीं थी। कभी टूथपेस्ट मॉडल, कभी टीवी में बैकग्राउंड चेहरे, कभी विज्ञापनों में मुस्कुराते हुए—रोजर मूर को कोई गंभीरता से नहीं लेता था। लोग कहते थे, “चेहरे पर मत चलो, करियर दिमाग से बनता है।” लेकिन वे शांत रहे। इंतज़ार करते रहे। 1973 में 'लिव एंड लेट डाई' ने किस्मत का दरवाजा खोला। इस नए जेम्स बॉन्ड के लिए सब कुछ आसान नहीं था। वे सीन कॉनरी के बाद आए थे, और तुलना रोकी नहीं जा सकती थी।

रोजर मूर ने जेम्स बॉन्ड को नया रूप दिया—गुस्से की जगह व्यंग्य और क्रोध की जगह आंखों की धूर्त मुस्कान। उनकी “माइ नेम इज बॉंड… जेम्स बॉंड” लाइन तलवार की तरह नहीं, बल्कि रेशमी रूमाल की तरह लहराती थी। वे केवल बॉंड नहीं बने—वे सबसे उम्रदराज बॉंड भी बने। आशंकाओं और संभावनाओं के बीच सवाल भी उठे। किसी ने पूछा, 45 की उम्र में पहली बार बॉंड और 58 की उम्र में आखिरी बार? जब इस उम्र पर सवाल हुआ, तो हंसकर बोले—“अगर बॉंड बुलेट्स (गोलियों) से बच सकता है तो उम्र क्या है।”

मूर का भारत से भी खास संबंध रहा। एक तो मां वाला और दूसरा फिल्मों वाला! 1983 में ऑक्टोपसी की शूटिंग के लिए वे भारत आए थे। उन्होंने अपनी जीवनी 'माई वर्ड इज माई बॉंड' में इस पूरे किस्से का जिक्र किया है, जिसमें बताया गया है कि उनके लिए भारत का क्या महत्व था।

किस्सा कुछ यूं है कि शूटिंग के दौरान वे भारत आए—उदयपुर, झीलें, महल, भीड़ और गर्मी… सबको दिल से अपनाया। एक शूट के दौरान एक भारतीय स्टंट कलाकार नाव से गिरते-गिरते बची। जानना चाहते हैं क्यों? क्योंकि मूर ने अपनी परवाह किए बिना उसे ऊपर खींच लिया। यूनिट के लोग दंग रह गए। उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा—“A Bond Must Save Lives Even Without Cameras” (कैमरे के सामने ही नहीं, इतर भी बॉंड जिंदगी बचाता है)। साथ ही, भारत को उन्होंने अपने शब्दों में अव्यवस्था की कविता कहा। लिखा “इंडिया इज़ केऑस एंड चार्म, टुगैदर।”

उदयपुर की गलियों में वे बिना किसी सुरक्षा घेरे के घूमे, बच्चों के साथ फोटो खींची, चाय पिया, और हर जगह यही कहा—“यू डोंट विजिट इंडिया... इंडिया विजिट्स यू फॉरएवर।” अपनी आत्मकथा “माई वर्ड इज माई बॉंड” में लिखते हैं—“मैं हीरो नहीं था, बस एक सज्जन आदमी था जिसे कभी-कभी बंदूक थमाई जाती थी।”

23 मई 2017 को मूर का निधन हो गया। उन्होंने गोलियां नहीं चलाईं, बल्कि मुस्कान से जीतते रहे। वे केवल 007 नहीं थे; वे वो बॉंड थे जो उम्रदराज होकर भी दिलों में जवान रहे और आज भी हैं।

Point of View

रोजर मूर की कहानी हमें यह सिखाती है कि कठिनाइयाँ कभी भी हमारी पहचान नहीं तय करतीं। उनके जीवन में भारत के प्रति प्रेम और इमानदारी के उदाहरण हैं। मूर ने हमें सिखाया कि सच्चा हीरो वही है जो दिल से दूसरों की मदद करता है।
NationPress
13/10/2025

Frequently Asked Questions

रोजर मूर का जन्म कब हुआ?
रोजर मूर का जन्म 14 अक्टूबर 1927 को लंदन में हुआ।
रोजर मूर का भारत से क्या संबंध था?
रोजर मूर का भारत से गहरा संबंध था, उन्होंने यहाँ कई फिल्में शूट कीं और इसे अपने दिल के करीब रखा।
रोजर मूर ने कितनी बार जेम्स बॉंड का किरदार निभाया?
रोजर मूर ने जेम्स बॉंड का किरदार कुल सात फिल्मों में निभाया।
रोजर मूर का निधन कब हुआ?
रोजर मूर का निधन 23 मई 2017 को हुआ।
रोजर मूर ने कौन सी फिल्म से जेम्स बॉंड की भूमिका शुरू की?
उन्होंने 1973 में 'लिव एंड लेट डाई' फिल्म से जेम्स बॉंड की भूमिका शुरू की।