क्या आदित्य ठाकरे की बीसीसीआई पर नाराजगी सही है?

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क्या आदित्य ठाकरे की बीसीसीआई पर नाराजगी सही है?

सारांश

एशिया कप में भारत-पाकिस्तान का क्रिकेट मैच होने से पहले, आदित्य ठाकरे ने बीसीसीआई पर कठोर शब्दों में नाराजगी जताई है। क्या देश की राजनीति इस खेल पर हावी हो रही है? जानिए इस विवाद के पीछे की कहानी और राजनैतिक प्रतिक्रियाएँ।

Key Takeaways

  • आदित्य ठाकरे ने बीसीसीआई की नीति पर सवाल उठाया।
  • भारत-पाकिस्तान मैच के संदर्भ में राजनीति का प्रभाव।
  • पूर्व और वर्तमान भाजपा की रणनीतियों में अंतर।
  • खेल और राजनीति के बीच की जटिलता।

मुंबई, १३ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। एशिया कप में भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट का मुकाबला हो रहा है, लेकिन इससे पहले देश की राजनीति गर्म हो गई है। शिवसेना (यूबीटी) के नेता और पूर्व महाराष्ट्र मंत्री आदित्य ठाकरे ने बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड) के खिलाफ अपनी कड़ी नाराजगी

उन्होंने पाकिस्तान के साथ होने वाले क्रिकेट मैच को लेकर बीसीसीआई की नीति पर सवाल उठाए हैं।

आदित्य ठाकरे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "पहलगाम में हुए कायराना हमले को ६ महीने भी पूरे नहीं हुए। किसी को नहीं पता कि आतंकवादी कैसे घुसे। इसके बाद 'ऑपरेशन सिंदूर' हुआ। प्रधानमंत्री ने कहा कि खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते। रक्षा मंत्री ने अचानक हुए युद्धविराम के बाद कहा कि ऑपरेशन सिंदूर रुका है, खत्म नहीं हुआ है।"

ठाकरे ने आगे कहा, "पाकिस्तान ने भारत में एशिया कप हॉकी का बहिष्कार किया। यह भी एक बहुपक्षीय टूर्नामेंट था, लेकिन बीसीसीआई पाकिस्तान से खेलने के लिए बेताब है। क्या बीसीसीआई इतना मजबूत है कि वह प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री की अवज्ञा कर सके?"

उन्होंने क्रिकेट बोर्ड से पूछा, "क्या बीसीसीआई को जरा भी शर्म नहीं आती? पहलगाम में मारे गए लोगों या हमारे सशस्त्र बलों के लिए कोई भावना नहीं है?

उन्होंने भाजपा पर भी निशाना साधा और कहा, "दुखद है कि भाजपा ने अपनी विचारधारा बदल ली है, लेकिन यह भी सच है कि वही भाजपा बिहार चुनावों में हमारे सशस्त्र बलों के पराक्रम का इस्तेमाल करेगी। वे ऑपरेशन सिंदूर का राजनीतिक जिक्र तो करेंगे, लेकिन मैच रद्द नहीं करेंगे।"

हालांकि, भारत-पाकिस्तान मैच पर विपक्ष के हमलों का महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नितेश राणे ने जवाब दिया है। उन्होंने शिवसेना-यूबीटी से सवाल करते हुए कहा, "क्या उद्धव ठाकरे को भारत-पाकिस्तान मैच के बारे में बोलने का नैतिक अधिकार है? जब उद्धव ठाकरे मुंबई और महाराष्ट्र से सांसद चुने गए थे तो उनकी विजय रैली में 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगे थे, हरे झंडे लहराए गए थे, हरा गुलाल उड़ाया गया था और नारे लगाए गए थे। उस समय, उनके मन में पाकिस्तान के प्रति कोई गुस्सा नहीं था, लेकिन अब अचानक वे भारत के लिए प्यार से भर गए हैं?"

राणे ने आगे कहा, "ये भारत-पाक मैच की बात करते हैं। जिहादी हृदय सम्राट जैसे देशभक्तों की कोई जरूरत नहीं है।" आदित्य ठाकरे पर कटाक्ष करते हुए नितेश राणे ने कहा, "आदित्य ठाकरे बुर्का पहनकर भारत-पाकिस्तान मैच छुपकर देखेंगे।"

Point of View

यह जरूरी है कि हम खेल और राजनीति के बीच की सीमा को समझें। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि खेल का माहौल सकारात्मक बना रहे और राजनीति इसे न बिगाड़े। भारत की एकता और अखंडता हमेशा सर्वोपरि होनी चाहिए।
NationPress
13/09/2025

Frequently Asked Questions

आदित्य ठाकरे ने बीसीसीआई पर क्या आरोप लगाए हैं?
आदित्य ठाकरे ने बीसीसीआई पर पाकिस्तान के साथ मैच खेलने के लिए दबाव बनाने का आरोप लगाया है, जबकि देश में आतंकवाद के मुद्दे अभी भी महत्वपूर्ण हैं।
क्या नितेश राणे ने ठाकरे के आरोपों का जवाब दिया है?
हाँ, नितेश राणे ने आदित्य ठाकरे के आरोपों का जवाब देते हुए उनकी पूर्व स्थिति पर सवाल उठाया है।