क्या भारत एक संवैधानिक देश है? बागेश्वर बाबा की बातें क्यों हैं विभाजनकारी?

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क्या भारत एक संवैधानिक देश है? बागेश्वर बाबा की बातें क्यों हैं विभाजनकारी?

सारांश

बागेश्वर बाबा और रामभद्राचार्य के विवादास्पद बयानों पर मुस्लिम नेता कारी मोहम्मद जमील ने अपनी राय पेश की है। उनका कहना है कि ऐसे बयान समाज में नफरत फैलाते हैं और संविधान के विपरीत हैं। जानें इस मुद्दे पर उनकी विस्तृत प्रतिक्रिया।

Key Takeaways

  • भारत एक संविधानिक देश है जहां विभिन्न धर्मों के लोग एक साथ रहते हैं।
  • विभाजनकारी बयानों से समाज में नफरत फैलती है।
  • धार्मिक नेताओं को एकता और समरसता का संदेश देना चाहिए।
  • भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच के संदर्भ में सकारात्मक दृष्टिकोण
  • सभी को मिलकर देश की एकता को बनाए रखना चाहिए।

रामपुर, १३ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री (बागेश्वर बाबा) द्वारा 'हिंदू राष्ट्र' और जगद्गुरु रामभद्राचार्य के 'मिनी पाकिस्तान' वाले बयानों पर मुस्लिम नेता कारी मोहम्मद जमील ने कड़ा विरोध जताया है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के बयान समाज में नफरत फैलाने वाले हैं और ये देश के संविधान के खिलाफ हैं।

कारी मोहम्मद जमील ने बागेश्वर बाबा के बयानों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि भारत एक संविधानिक देश है, जहां सभी धर्मों के लोग आपसी भाईचारे और प्यार के साथ रहते हैं।

उन्होंने आगे कहा, "ऐसे बयान देना कि भारत को हिंदू राष्ट्र बनाना चाहिए, समाज को बांटने की कोशिश है। ऐसी बातें न तो प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और न ही मुख्यमंत्री करते हैं। बागेश्वर बाबा का यह बयान गलत है और इससे नफरत फैलती है।"

उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत सभी धर्मों का देश है और इसे हिंदू राष्ट्र बनाने का विचार संविधान के खिलाफ है।

इसी तरह, मेरठ में कथा के दौरान जगद्गुरु रामभद्राचार्य द्वारा पश्चिमी उत्तर प्रदेश को "मिनी पाकिस्तान" कहने पर भी कारी जमील ने आपत्ति जताई। उन्होंने कहा, "रामभद्राचार्य धार्मिक बातें करते हैं, जो स्वागत योग्य हैं, लेकिन मेरठ को पाकिस्तान से जोड़ना गलत है। पश्चिमी यूपी में हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई और दलित सभी मिलकर रहते हैं। हमें अपने देश हिंदुस्तान की बातें करनी चाहिए, न कि पाकिस्तान से तुलना।"

उन्होंने कहा कि धार्मिक नेताओं को समाज को जोड़ने वाली बातें करनी चाहिए, न कि नफरत फैलाने वाली। कारी जमील ने अन्य साधु-संतों का उदाहरण देते हुए कहा कि कई संत सकारात्मकता और एकजुटता की बातें करते हैं, जो समाज के लिए लाभकारी हैं। मेरी उनसे अपील है कि वे इस तरह के बयान देने से बचें, जो सामाजिक समरसता को ठेस पहुंचाती है। मैं धार्मिक नेताओं से अपील करता हूं कि वे अपने बयानों में संयम बरतें और समाज में प्रेम व एकता का संदेश दें। देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए सभी को मिलकर काम करना चाहिए।

भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच के संदर्भ में कारी जमील ने कहा, "यह हमारा मुल्क है। हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपने देश के खिलाड़ियों, इसकी जीत और इसकी तरक्की की तारीफ करें। कोई भी मुसलमान पाकिस्तान के खिलाड़ियों या उस देश की तारीफ नहीं करता, न ही करनी चाहिए। हम हिंदुस्तान की सलामती और भारत-पाकिस्तान मैच में भारत की जीत के लिए दुआ करते हैं।"

Point of View

जहां विभिन्न धर्मों के बीच भाईचारा होना चाहिए। ऐसे विभाजनकारी बयानों से बचना चाहिए, ताकि राष्ट्रीय एकता और अखंडता को बनाए रखा जा सके।
NationPress
13/09/2025

Frequently Asked Questions

बागेश्वर बाबा का बयान क्या था?
बागेश्वर बाबा ने भारत को 'हिंदू राष्ट्र' बनाने की बात कही थी।
कारी मोहम्मद जमील ने क्या प्रतिक्रिया दी?
उन्होंने कहा कि ऐसे बयान समाज में नफरत फैलाते हैं और संविधान के खिलाफ हैं।
क्या भारत सभी धर्मों का देश है?
जी हां, भारत एक संविधानिक देश है जहां सभी धर्मों के लोग मिलकर रहते हैं।
क्या धार्मिक नेताओं को समाज को जोड़ने वाली बातें करनी चाहिए?
बिल्कुल, धार्मिक नेताओं को नफरत फैलाने वाले बयानों से बचना चाहिए और एकता का संदेश देना चाहिए।
भारत-पाकिस्तान मैच पर कारी जमील का क्या कहना है?
उन्होंने कहा कि हमें अपने देश के खिलाड़ियों की तारीफ करनी चाहिए और भारत की जीत के लिए दुआ करनी चाहिए।