क्या शीतकालीन सत्र में पक्ष-विपक्ष आमने-सामने हैं? जानिए किसने क्या कहा?

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क्या शीतकालीन सत्र में पक्ष-विपक्ष आमने-सामने हैं? जानिए किसने क्या कहा?

सारांश

क्या शीतकालीन सत्र में कांग्रेस और भाजपा के बीच तीखी नोकझोंक हुई? जानें इस सत्र में उठे अहम मुद्दे और नेताओं के बयानों पर चर्चा।

Key Takeaways

  • वंदे मातरम् पर कांग्रेस और भाजपा के बीच विवाद।
  • केंद्र सरकार पर नाम बदलने का आरोप।
  • फौजिया खान का हलाल पैसे की बात।
  • महुआ माझी का फूट की संभावना को खारिज करना।
  • विपक्ष के मुद्दों पर भाजपा का बयान।

नई दिल्ली, 3 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। संसद के शीतकालीन सत्र में पहुंचे कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने बुधवार को भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि इन लोगों को वंदे मातरम् पर अपनी बात रखने का कोई नैतिक हक नहीं है। हमारी पार्टी ने वंदे मातरम् को जीया है, जो हमारी रगों में है।

उन्होंने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि अंग्रेजों से लड़ाई में कांग्रेस सबसे आगे रही। हम लोगों ने वंदे मातरम् गाते हुए अंग्रेजों के खिलाफ मोर्चा खोला। भाजपा को किसी भी सूरत में वंदे मातरम् को लेकर अपनी बात कहने का कोई हक नहीं है।

कांग्रेस नेता ने तंज कसते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने नाम बदलने में महारत हासिल कर रखी है। इन लोगों ने शहरों, सड़कों और ऐतिहासिक इमारतों का नाम बदलने के अलावा और कुछ भी हासिल नहीं किया। अब मेरा केंद्र सरकार को यही कहना है कि आप लोग काम करने का तरीका बदलो, तो ज्यादा बेहतर रहेगा।

वहीं, एनसीपी (शरदचंद्र गुट) नेता फौजिया खान ने पश्चिम बंगाल में मस्जिद विवाद पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि किसी भी मस्जिद का निर्माण सरकारी पैसे से नहीं होता है। मस्जिद का निर्माण नमाज पढ़ने वाले लोगों के सहयोग से होता है। साथ में शर्त यह होती है कि वो पैसा हलाल होना चाहिए, यानी की किसी भी अनैतिक गतिविधियों से कमाया हुआ पैसा नहीं होना चाहिए, क्योंकि किसी भी गैर कानूनी तरीके से कमाए जाने वाले पैसे मस्जिद का निर्माण वर्जित है। ऐसी स्थिति में मस्जिद का निर्माण उसी पैसे से होता है, जो मेहनत की कमाई की होती है। अब ऐसे में अगर कोई मस्जिद निर्माण के विषय को तूल देने की कोशिश कर रहा है, तो वो ऐसा करके लोगों का ध्यान मूल मुद्दों से भटकाने की कोशिश कर रहा है, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है।

वहीं, फौजिया खान ने समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव के बयान के संबंध में कहा कि देश में आगे चलकर कैसे हालात होंगे, ये उस देश की जनता पर निर्भर करता है। इस पर हम किसी भी प्रकार की टिप्पणी नहीं कर सकते हैं। लेकिन, इस बात को खारिज नहीं किया जा सकता है कि केंद्र की मोदी सरकार लगातार जनता के हितों पर कुठाराघात कर रही है। हालात ऐसे हो चुके हैं कि देश का लोकतंत्र खतरे में आ चुका है। ऐसी स्थिति बद से बदतर हो चुकी है। अगर सरकार ने स्थिति को बदलने की कोशिश नहीं की, तो लोगों का आक्रोश अपने चरम पर पहुंच जाएगा और मौजूदा समय में सरकार अपनी गलतियों से सीखने के लिए तैयार नहीं हो रही है।

टीएमसी सांसद कीर्ति आजाद ने कहा कि केंद्र सरकार मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर अनैतिक रास्ता अपना रही है, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है। अब केंद्र सरकार की मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर पूरी पोल खुल रही है। अब देश की जनता पर्दे के पीछे की पूरी सच्चाई से वाकिफ हो रही है। हर कोई केंद्र सरकार की मंशा को समझ पा रहा है।

झारखंड मुक्ति मोर्चा की सांसद महुआ माझी ने कहा कि संसद के शीतकालीन सत्र में मौजूदा समय में कई मुद्दों को लेकर चर्चा हो रही है, जिसमें वंदे मातरम और संचार साथी एप प्रमुख रूप से शामिल हैं। ऐसी स्थिति में हमें पूरी उम्मीद है कि आगामी दिनों में संसद का सत्र आगामी दिनों में सुचारू रूप से चलेगा।

वहीं, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह के बयान पर महुआ माझी ने कहा कि उस समय किन परिस्थितियों में कोई निर्णय लिया गया, वो कई कारकों पर निर्भर करता है। उस समय देश अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हुआ ही था, तो उन दिनों किन परिस्थितियों में निर्णय लिए गए थे, वो कई कारकों पर निर्भर करता है। ऐसी स्थिति में हम वर्तमान में एकदम से कोई भी टिप्पणी नहीं कर सकते हैं।

झारखंड सरकार में फूट की संभावना को सांसद महुआ माझी ने खारिज करते हुए कहा कि ऐसा कुछ भी नहीं है। जब हमारे मुख्यमंत्री को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया था, वे पांच महीने तक जेल में रहे थे, तब भी हमने घुटने नहीं टेके थे, तो ऐसी स्थिति में अब इस तरह के सवाल उठने की कोई संभावना ही नहीं है। स्थिति पूरी तरह से संतुलित है।

भाजपा नेता शमिक भट्टाचार्य ने कहा कि आज की तारीख में विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है। वो बेवजह के मुद्दों को लेकर चर्चा करने पर जोर दे रहे हैं, जिसका कोई मतलब नहीं है। विपक्ष के लोगों को यह समझना होगा कि एसआईआर चुनाव आयोग की तरफ से कराया जा रहा है, जिसके तहत फर्जी नागरिकों को चिन्हित किया जा रहा है। अब अगर विपक्ष को इस पर आपत्ति है, तो इस मुद्दे को लेकर संसद में चर्चा की जाएगी। हमारी सरकार खुली किताब की तरह है, जो हर मुद्दे पर चर्चा करती है। हम चर्चा से भागते नहीं हैं। देश की जनता से कुछ भी छुपाया नहीं जाएगा।

भाजपा सांसद दर्शन चौधरी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि इन लोगों ने सत्ता में रहते हुए देश को गर्त में पहुंचा दिया था। इन लोगों ने हमेशा से ही सत्ता का दुरुपयोग करते हुए जनता के हितों पर कुठाराघात किया, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश सही दिशा में है। आज की तारीख में हर जगह विकास कार्य हो रहे हैं। हमारी सरकार जनता के हितों के साथ किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करती है।

प्रधानमंत्री कार्यालय का नाम सेवा तीर्थ किए जाने का भाजपा सांसद ने स्वागत किया। उन्होंने कहा कि एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में एक सच्चे जनसेवक की यही पहचान होती है।

Point of View

NationPress
09/12/2025

Frequently Asked Questions

क्या वंदे मातरम् पर विवाद है?
हाँ, कांग्रेस ने भाजपा पर वंदे मातरम् को लेकर नैतिक हक न होने का आरोप लगाया है।
क्या केंद्र सरकार के नाम बदलने के विषय में चर्चा हुई?
कांग्रेस नेता ने केंद्र सरकार पर नाम बदलने का आरोप लगाया है, जो उन्होंने ध्यान केंद्रित करने के लिए उठाया।
क्या फौजिया खान का मस्जिद निर्माण पर बयान महत्वपूर्ण है?
जी हाँ, उन्होंने मस्जिद निर्माण के लिए हलाल पैसे की आवश्यकता पर जोर दिया।
क्या महुआ माझी ने झारखंड सरकार में फूट की संभावना को खारिज किया?
महुआ माझी ने फूट की संभावना को पूरी तरह से खारिज किया है।
क्या भाजपा का कहना है कि विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है?
भाजपा नेता ने कहा कि विपक्ष बेवजह के मुद्दों पर चर्चा कर रहा है।
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