क्या 'जी राम जी' बिल की वापसी के लिए सड़कों पर उतरेंगे पप्पू यादव?
सारांश
Key Takeaways
- पप्पू यादव ने 'जी राम जी' बिल के खिलाफ बड़ा आंदोलन करने का आह्वान किया।
- सरकार को सदन की कार्यवाही नहीं करने देने की बात की गई।
- मनरेगा गरीबों के अधिकारों का मुद्दा है।
- बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमलों की निंदा की गई।
नई दिल्ली, 27 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव ने 'जी राम जी' बिल के संदर्भ में जोर देकर कहा है कि इस बिल को वापस लेने के लिए किसान आंदोलन से भी बड़ा आंदोलन आवश्यक है, और चाहे परिणाम कितने भी गंभीर हों, सरकार को कार्यवाही नहीं करने दी जाएगी।
नई दिल्ली में सांसद पप्पू यादव ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत के दौरान कहा कि महात्मा गांधी के सिद्धांतों की रक्षा के लिए बिना किसी समझौते के संघर्ष करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि इस देश की संस्कृति और इतिहास से कोई समझौता नहीं होना चाहिए। यदि कुछ भी संविधान के खिलाफ है या लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए अनुकूल नहीं है, तो हमें इसके खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। हम सदन को नहीं चलने देंगे और परिणाम भुगतने के लिए तैयार हैं।
सांसद पप्पू यादव ने यह भी कहा कि मनरेगा का मुद्दा आम गरीबों का मुद्दा है। मनरेगा को समाप्त कर दिया गया है, इसे कैसे भुलाया जा सकता है? यह अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि गरीबों के लिए सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह द्वारा जो कार्य किए गए, वे हमेशा याद रखे जाएंगे। मनरेगा महात्मा गांधी से जुड़ा हुआ था। उन्होंने यह भी कहा कि राजीव गांधी के सपने पंचायती राज व्यवस्था को खत्म करने के प्रयास किए गए हैं, जिससे गांधी के ग्राम स्वराज का सपने को समाप्त किया गया है। गरीबों के अधिकार को कम किया गया है। इसलिए उस अधिकार की रक्षा के लिए किसान आंदोलन से बड़े आंदोलन की आवश्यकता है। यह बिल तब तक वापस नहीं लिया जाएगा, जब तक हम सड़कों पर नहीं उतरेंगे।
बांग्लादेश में हिंदुओं की मॉब लिंचिंग पर पप्पू यादव ने कहा कि हमें समझ नहीं आता कि वह सरकार, जो पाकिस्तान से लड़ने की क्षमता नहीं रखती, अपने देश के अंदर की ताकतों से लड़ने की हिम्मत क्यों नहीं दिखा रही है। पिछले छह महीनों से बांग्लादेश में सनातन मान्यताओं पर लगातार हमले हो रहे हैं, और यह सरकार चुपचाप देख रही है। आखिर कितनी हत्याओं के बाद कार्रवाई की जाएगी।