क्या पशुपति पारस ने महागठबंधन के साथ जाने के संकेत दिए?

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क्या पशुपति पारस ने महागठबंधन के साथ जाने के संकेत दिए?

सारांश

पशुपति कुमार पारस ने विधानसभा चुनाव में महागठबंधन के साथ सहयोग के संकेत दिए हैं। उन्होंने सत्ता परिवर्तन की लहर का जिक्र करते हुए वर्तमान सरकार के खिलाफ जनता की भावना को उजागर किया है। जानिए इस पर उनका क्या कहना है।

Key Takeaways

  • पशुपति कुमार पारस ने महागठबंधन के साथ जाने की बात की है।
  • बिहार में सत्ता परिवर्तन की लहर चल रही है।
  • मतदाता सूची पुनरीक्षण पर भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए गए।
  • पारस ने लोकतंत्र की रक्षा का संकल्प लिया।
  • 5 जुलाई को रामविलास पासवान की जयंती मनाई जाएगी।

पटना, 3 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने आगामी विधानसभा चुनाव में महागठबंधन के साथ जाने के संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में सत्ता परिवर्तन की लहर सक्रिय है और राज्य की जनता वर्तमान सरकार से छुटकारा पाना चाहती है।

पारस ने बताया कि उनकी पार्टी जल्द ही गठबंधन के बारे में एक महत्वपूर्ण निर्णय लेने जा रही है और वे विधानसभा चुनाव में पूरी ताकत से भाग लेंगे। उन्होंने कहा, "हम और हमारी पार्टी इस वर्ष बिहार में सामाजिक न्याय की सरकार बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।" उन्होंने महागठबंधन के नेताओं के साथ बातचीत होने की पुष्टि भी की।

पटना में पार्टी के प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री ने मतदाता सूची पुनरीक्षण का विरोध किया। उन्होंने कहा कि भाजपा और एनडीए गठबंधन में शामिल दल विधानसभा चुनाव में अपनी हार की आशंका के कारण चुनाव आयोग का सहारा लेकर ग्रामीण क्षेत्रों के दलित, गरीब, वंचित और शोषित तबके के मतदाताओं के मतदान के अधिकार को छीनने की साजिश कर रहे हैं।

पारस ने कहा कि भाजपा निर्वाचन आयोग और अन्य संवैधानिक संस्थाओं का उपयोग कर बिहार और अन्य राज्यों में चुनाव जीतने की कोशिश कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा देश में क्षेत्रीय पार्टियों को समाप्त करने की दिशा में बढ़ रही है और 'वन नेशन-वन पार्टी' की सोच रखती है।

पशुपति पारस ने कहा कि उनकी पार्टी चुनाव आयोग के मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान के खिलाफ उच्च न्यायालय और सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी। उन्होंने कहा, "हम लोकतंत्र और लोकतांत्रिक मूल्यों को खत्म नहीं होने देंगे।"

उन्होंने वक्फ संशोधन कानून पर भी केंद्र सरकार को निशाने पर लिया और कहा कि एनडीए सरकार देश के मुसलमानों की संपत्तियों, मस्जिदों, मदरसों, और खानकाहों को हड़पने की कोशिश कर रही है, लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने एनडीए में जल्द टूटने का दावा किया।

प्रेस वार्ता में उन्होंने 5 जुलाई को पार्टी के संस्थापक रामविलास पासवान की जयंती पटना के पार्टी कार्यालय में धूमधाम से मनाए जाने की जानकारी भी साझा की।

Point of View

यह जरूरी है कि हम बिहार में हो रहे राजनीतिक परिवर्तनों पर ध्यान दें। पशुपति पारस का महागठबंधन के साथ जाने का संकेत बिहार की राजनीति को प्रभावित कर सकता है। सभी दलों को अपनी रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित करना होगा।
NationPress
20/07/2025

Frequently Asked Questions

पशुपति पारस ने महागठबंधन के साथ जाने का संकेत क्यों दिया?
पशुपति पारस ने कहा कि बिहार में सत्ता परिवर्तन की लहर है और जनता वर्तमान सरकार से छुटकारा चाहती है।
पारस ने मतदाता सूची पुनरीक्षण का विरोध क्यों किया?
उन्होंने भाजपा और एनडीए के दलों पर आरोप लगाया कि वे चुनाव आयोग का सहारा लेकर वोटरों के अधिकारों को छीनने की कोशिश कर रहे हैं।