क्या 'विकसित भारत-जी राम जी' पर पठानकोट के लोगों ने पीएम मोदी की सराहना की?
सारांश
Key Takeaways
- 125 दिनों का गारंटी रोजगार मिलेगा।
- मजदूरी में वृद्धि की गई है।
- सरकार के इस कदम का स्थानीय लोगों ने स्वागत किया है।
- प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में ग्रामीण विकास को बढ़ावा मिलेगा।
- इस योजना का उद्देश्य आर्थिक सुधार लाना है।
पठानकोट, 18 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्र सरकार ने ‘मनरेगा’ योजना का नाम बदलकर ‘विकसित भारत गारंटी रोजगार एवं आजीविका मिशन (ग्रामीण)’ यानी विकसित भारत-जी राम जी रखने का प्रस्ताव संसद में पेश किया है। इस योजना के तहत अब ग्रामीण क्षेत्रों में सालाना 100 दिनों की जगह 125 दिनों का गारंटी रोजगार उपलब्ध होगा और मजदूरी में भी वृद्धि की गई है।
सरकार के इस निर्णय का पठानकोट के गांव बुंगल और बधानी के श्रमिक परिवारों ने स्वागत किया और इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया। लोगों का कहना था कि दिहाड़ी में वृद्धि से गरीब परिवार अपनी दैनिक आवश्यकताएं बेहतर तरीके से पूरी कर सकेंगे। इससे उनकी आय में भी सुधार होगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र की एनडीए सरकार का आभार व्यक्त किया।
पठानकोट के एक नागरिक ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि मनरेगा का नाम बदलकर विकसित भारत-जी राम जी रखा गया है। इससे कोई परेशानी नहीं है, बल्कि अब लोगों को 100 की बजाय 125 दिन का काम मिलेगा। यह एक सकारात्मक कदम है। भुगतान भी समय पर मिल रहा है, जिससे गरीबों को लाभ मिल रहा है। इस निर्णय की प्रशंसा की जानी चाहिए।
शुभाषचंद्र नामक नागरिक ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री ने मनरेगा का नाम बदला है, रोजगार में भी वृद्धि की है, और दिहाड़ी भी ठीक मिल रही है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि नरेंद्र मोदी अगली बार भी प्रधानमंत्री बनेंगे। गरीबों को काम मिल रहा है और समय पर पैसे मिल रहे हैं, यह सब प्रधानमंत्री की देन है। उन्होंने प्रार्थना की कि उनकी उम्र लंबी हो और वे फिर से प्रधानमंत्री बनें।
प्रेमलाल का कहना है कि पहले लोगों को 100 दिन रोजगार मिलता था, लेकिन अब 125 दिन मिलेगा। इसके साथ ही समय पर भुगतान भी हो रहा है और दिहाड़ी में भी वृद्धि हुई है। इससे लोगों को लाभ होगा और उनके लिए अपने परिवार का पालन-पोषण करना आसान होगा।