क्या पटना में उद्योगपति गोपाल खेमका की हत्या ने शहर को हिलाकर रख दिया?

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क्या पटना में उद्योगपति गोपाल खेमका की हत्या ने शहर को हिलाकर रख दिया?

सारांश

पटना में उद्योगपति गोपाल खेमका की हत्या ने पूरे शहर को हिला दिया है। स्थानीय लोगों और परिवार ने पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल उठाए हैं। क्या अपराधियों को जल्द पकड़ा जाएगा? जानिए इस घटना के पीछे की कहानी और स्थानीय प्रतिक्रिया।

Key Takeaways

  • गोपाल खेमका का हत्याकांड पटना में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाता है।
  • पुलिस की समय पर कार्रवाई की कमी ने स्थानीय लोगों में नाराजगी पैदा की।
  • सरकार को इस घटना को गंभीरता से लेकर त्वरित न्याय सुनिश्चित करना चाहिए।

पटना, 5 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार की राजधानी पटना में शुक्रवार की रात को उद्योगपति गोपाल खेमका की हत्या ने पूरे शहर में हड़कंप मचा दिया है। गांधी मैदान थाना क्षेत्र के रामगुलाम चौक के पास गोपाल खेमका को गोली मारकर हत्या कर दी गई। घटना स्थल से गांधी मैदान थाना की दूरी केवल 600 मीटर है। इसके बावजूद, पुलिस समय पर घटनास्थल पर नहीं पहुंच सकी, जिस पर परिवार और स्थानीय निवासियों ने गहरी नाराजगी व्यक्त की है।

भाजपा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव ने खेमका परिवार से मुलाकात के बाद राष्ट्र प्रेस से कहा कि जब परिवार का मुख्य सदस्य चला जाए, तो उस स्थिति को समझा जा सकता है। 6 साल में पिता-पुत्र दोनों की हत्या होना केवल दुर्भाग्य नहीं, बल्कि यह एक गंभीर चिंता का विषय है। गोपाल खेमका एक सम्मानित व्यवसायी और समाजसेवी थे। सरकार को इस घटना को गंभीरता से लेना चाहिए और अपराधियों को तुरंत गिरफ्तार कर स्पीडी ट्रायल कराना चाहिए।

उन्होंने कहा कि यह बेहद दुखद है कि इतनी बड़ी घटना शहर के बीचों-बीच होती है और पुलिस समय पर नहीं पहुंचती है। प्रशासन को सचेत होना होगा और ऐसा कड़ा संदेश देना होगा कि भविष्य में कोई भी अपराधी ऐसी दुस्साहसिक हरकत की हिम्मत न कर सके।

गोपाल खेमका के भाई शंकर खेमका ने कहा कि हमें नहीं लगता कि उनकी किसी से कोई दुश्मनी थी। वे रोज सुबह 10 बजे ऑफिस जाते थे। घटना की जानकारी मिलने के बाद भी पुलिस निष्क्रिय रही, यह समझ से परे है। रात करीब डेढ़ बजे गांधी मैदान थाना की पुलिस पहुंची और करीब 2 बजे टाउन डीएसपी, फिर ढाई बजे पटना सिटी एसपी आईं। हमने खुद पुलिस को बताया कि कहां गोली चली है, कहां खोखा गिरा है। इसके बाद वे लोग ईंट से घेराबंदी करने लगे। ऐसा लग रहा था जैसे वे तमाशा देखने आए हों।

घटनास्थल पर मौजूद बिल्डिंग के गार्ड राम पारस ने बताया कि रात करीब साढ़े 11 बजे गोपाल खेमका ने बिल्डिंग का गेट खोलने के लिए गाड़ी का हॉर्न बजाया। जैसे ही वे गेट खोलने पहुंचे, तभी गोलियों की आवाज सुनाई दी। गेट खोलने के बाद देखा कि खेमका की मौत हो चुकी थी। हम कुछ समझ पाते इससे पहले ही सब कुछ हो गया। कोई दिखाई नहीं दिया।

फिलहाल एफएसएल की टीम मौके से सबूत इकट्ठा कर रही है। घटनास्थल से दो खाली कारतूस बरामद किए गए हैं। सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस सुराग नहीं मिला है। टाउन डीएसपी-2 प्रकाश ने बताया कि मामले की जांच जारी है। सीसीटीवी फुटेज का गहन विश्लेषण किया जा रहा है और जो भी साक्ष्य मिल सकते हैं, उन्हें इकट्ठा किया जा रहा है।

Point of View

बल्कि यह भी दर्शाता है कि शहर में सुरक्षा व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता है। ऐसे मामले में त्वरित कार्रवाई और प्रभावी जांच न केवल न्याय की मांग करती है, बल्कि समाज में विश्वास भी स्थापित करती है।
NationPress
03/09/2025

Frequently Asked Questions

गोपाल खेमका कौन थे?
गोपाल खेमका एक प्रतिष्ठित उद्योगपति और समाजसेवी थे, जिनकी हत्या पटना में हुई।
हत्या के समय घटनास्थल पर कौन-कौन था?
घटनास्थल पर बिल्डिंग के गार्ड और अन्य स्थानीय लोग मौजूद थे।
पुलिस ने घटना के बाद क्या कदम उठाए?
पुलिस ने घटनास्थल से सबूत इकट्ठा करने की प्रक्रिया शुरू की है।