क्या पटना में नर्सों ने पुरानी पेंशन के लिए धरना प्रदर्शन किया?

Click to start listening
क्या पटना में नर्सों ने पुरानी पेंशन के लिए धरना प्रदर्शन किया?

सारांश

पटना में नर्सों ने पुरानी पेंशन, सेवानिवृत्ति आयु में वृद्धि, और स्वास्थ्य कार्ड की मांग के लिए धरना प्रदर्शन किया। प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा, लेकिन सरकार की अनदेखी के कारण नर्सें निराश हैं। क्या यह प्रदर्शन मरीजों के लिए समस्या बनेगा?

Key Takeaways

  • नर्सों का धरना प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा।
  • मुख्यमंत्री और सरकार पर मांगों के प्रति अनदेखी का आरोप।
  • सामाजिक सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की आवश्यकता।

पटना, ७ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (पीएमसीएच) में नर्सों ने तीन प्रमुख मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा। इस दौरान नर्सों ने कहा कि भगवान श्रीराम ने भी १४ वर्ष का वनवास काटा था। हमें २० साल हो चुके हैं, लेकिन हमारे मुख्यमंत्री और प्रदेश सरकार ने अब तक हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दिया है।

राष्ट्र प्रेस से बातचीत में प्रदर्शनकारी नर्सों ने बताया कि हम पिछले २० वर्षों से मुख्यमंत्री नीतीश सरकार के निर्णय का इंतजार कर रहे हैं। हमें आशा है कि हमें राहत मिलेगी, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ है।

नर्सें पुरानी पेंशन योजना की बहाली, सेवानिवृत्ति की आयु को ६० से बढ़ाकर ७० वर्ष करने, और १० लाख रुपए का स्वास्थ्य कार्ड प्रदान करने की मांग कर रही हैं।

इस प्रदर्शन के कारण मरीजों को इलाज में देरी और अन्य असुविधाओं का सामना करना पड़ सकता है। मेडिकल कॉलेज में दूर-दूर से मरीज आते हैं, और नर्सों के प्रदर्शन से वहां का काम प्रभावित हो रहा है।

पीएमसीएच नर्स एसोसिएशन की महामंत्री वीथिका विश्वास ने बताया कि नर्सें २४ घंटे मरीजों की सेवा करती हैं, लेकिन उनकी मांगों पर सरकार या स्वास्थ्य विभाग ने कोई ध्यान नहीं दिया। इसके चलते नर्सों ने शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन और कार्य बहिष्कार का रास्ता अपनाया है। वे काफी समय से अपनी मांगों को लेकर अवगत करा रहे हैं। इसके बावजूद उनकी बातों को अनसुना किया जा रहा है।

नर्सों का कहना है कि जबकि झारखंड सरकार ने ऐसी मांगें पूरी की हैं, तो बिहार सरकार क्यों पीछे है? उन्होंने तर्क दिया कि जब डॉक्टरों और फिजियोथेरेपिस्ट की सेवानिवृत्ति आयु ६७ वर्ष तक बढ़ाई जा सकती है, तो नर्सों को ६० वर्ष में रिटायर करना अन्यायपूर्ण है।

इस हड़ताल के कारण बिहार के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल पीएमसीएच में चिकित्सकीय सेवाएं बाधित हो सकती हैं, जिससे मरीजों की परेशानी बढ़ सकती है।

Point of View

बल्कि स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में मौजूद चुनौतियों को भी सामने लाती है। नर्सों की मांगें जायज़ हैं और यह आवश्यक है कि सरकार उनकी बातों पर ध्यान दे। इस तरह की हड़तालें मरीजों के इलाज में बाधा डाल सकती हैं, इसलिए संवाद और समाधान का रास्ता अपनाना आवश्यक है।
NationPress
07/09/2025

Frequently Asked Questions

नर्सों की मांगें क्या हैं?
नर्सों की मुख्य मांगें पुरानी पेंशन योजना की बहाली, सेवानिवृत्ति की आयु को 60 से बढ़ाकर 70 वर्ष करना और 10 लाख रुपए का स्वास्थ्य कार्ड प्रदान करना है।
क्या प्रदर्शन का असर मरीजों पर पड़ेगा?
जी हां, नर्सों के प्रदर्शन के कारण मरीजों को इलाज में देरी और अन्य असुविधाओं का सामना करना पड़ सकता है।
सरकार ने अब तक क्या कार्रवाई की है?
सरकार ने अभी तक नर्सों की मांगों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है, जिससे नर्सों में निराशा है।