क्या पवन खेड़ा का वोटर आईडी विवाद चुनाव आयोग तक पहुंचेगा?

सारांश
Key Takeaways
- पवन खेड़ा का डबल वोटर आईडी विवाद
- भाजपा के अमित मालवीय का आरोप
- चुनाव कानून का उल्लंघन
- चुनाव आयोग की भूमिका
- कांग्रेस और भाजपा के बीच तकरार
नई दिल्ली, ११ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा की डबल वोटर आईडी को लेकर राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने आरोप लगाया है कि पवन खेड़ा ने अपने पुराने नंबर को बनाए रखते हुए नए ईपीआईसी नंबर के लिए आवेदन किया था, जो कि चुनाव कानून का गंभीर उल्लंघन है।
अमित मालवीय ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पार्टी के लॉ, मानवाधिकार व आरटीआई विभाग के अध्यक्ष अभिषेक मनु सिंघवी की प्रेस कॉन्फ्रेंस का उल्लेख करते हुए कहा कि पवन खेड़ा ने अपना नाम नई दिल्ली (४०) से जंगपुरा (४१) में स्थानांतरित करने के लिए मतदाता पंजीकरण नियम-१९६० के नियम-१३ के अनुसार फॉर्म-६ भरा था।
इस पर मालवीय ने दावा किया कि पता या निर्वाचन क्षेत्र बदलने के लिए फॉर्म ८ का उपयोग होता है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "पवन खेड़ा ने नाम स्थानांतरित करने के लिए फॉर्म ६ भरा था, लेकिन यहाँ एक पेच है। फॉर्म ६ केवल नए मतदाताओं के लिए है, जिन्होंने पहले कभी पंजीकरण नहीं कराया।"
मालवीय ने आगे कहा, "यही वह धोखाधड़ी है, जिसे राहुल गांधी ने अपने फर्जी 'वोट चोरी' कार्यक्रम में फैलाने का प्रयास किया। यह स्पष्ट है कि पवन खेड़ा ने अपने पुराने नंबर को बनाए रखते हुए नए ईपीआईसी नंबर के लिए आवेदन किया, अर्थात् दो वोट अपने पास रख लिए, जो चुनाव कानून का गंभीर उल्लंघन है।"
उन्होंने चुनाव आयोग से इस मुद्दे पर गंभीरता से ध्यान देने की मांग की। मालवीय ने लिखा, "जो व्यक्ति वोट चोरी के बारे में सबसे जोर से चिल्लाता है, वह स्वयं चुनावी कदाचार का दोषी है। कांग्रेस का तंत्र ऐसे वोट चोर लोगों से भरा पड़ा है, जिन्होंने भारतीय नागरिकता प्राप्त करने से पहले ही 1980 और 1983 में खुद को मतदाता के रूप में सूचीबद्ध करवा लिया था।"
भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कांग्रेस पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि असली सच अब सामने आ गया है। जो लोग दूसरों पर धोखाधड़ी का आरोप लगाते हैं, वे खुद सबसे बड़े धोखेबाज हैं।