क्या जोहानसबर्ग में पायलट ट्रेनिंग के दौरान रांची के युवक की हुई मौत?

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क्या जोहानसबर्ग में पायलट ट्रेनिंग के दौरान रांची के युवक की हुई मौत?

सारांश

दक्षिण अफ्रीका में पायलट ट्रेनिंग के दौरान रांची के पीयूष पुष्प की दर्दनाक मौत ने पूरे परिवार को एक गहरे शोक में डाल दिया है। उनके सपनों की उड़ान को रोकने वाली इस घटना के पीछे की तकनीकी समस्या क्या थी? जानिए इस दुखद कहानी के बारे में।

Key Takeaways

  • दक्षिण अफ्रीका में पायलट ट्रेनिंग के दौरान विमान दुर्घटना।
  • पीयूष पुष्प की आकस्मिक मृत्यु ने पूरे परिवार को गहरे शोक में डाल दिया।
  • घटनास्थल पर तकनीकी समस्याओं का ध्यान रखना आवश्यक है।
  • परिवार और समाज को इस दुखद घटना से सीखने की जरूरत है।
  • युवाओं के सपनों की सुरक्षा सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है।

रांची, 13 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। दक्षिण अफ्रीका के जोहानसबर्ग में पायलट ट्रेनिंग के दौरान एक दर्दनाक विमान दुर्घटना में रांची के युवक पीयूष पुष्प की आकस्मिक मृत्यु हो गई। 20 वर्षीय पीयूष रांची के अरगोड़ा कटहल मोड़, लाजपत नगर का निवासी था और रांची स्थित जवाहर विद्या मंदिर, श्यामली के पूर्व शिक्षक टीएन साहू का पुत्र था।

जानकारी के अनुसार, ट्रेनिंग के दौरान विमान उड़ाते समय अचानक तकनीकी समस्या उत्पन्न हो गई, जिससे विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। गंभीर रूप से घायल पीयूष को जोहानसबर्ग के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उपचार के दौरान उसकी मृत्यु हो गई।

पीयूष दक्षिण अफ्रीका के प्रतिष्ठित वालकैन एविएशन इंस्टीट्यूट में पायलट ट्रेनिंग कर रहा था। कुछ महीने पहले ही उसने इस कोर्स में दाखिला लिया था और उसका सपना था कि ट्रेनिंग पूरी कर वह देश लौटकर पायलट बने। इंस्टीट्यूट द्वारा रविवार देर रात पीयूष की मृत्यु की सूचना परिवार को दी गई।

इस होनहार युवक की असामयिक मौत से माता-पिता और परिजन गहरे शोक में हैं। जोहानसबर्ग में भारतीय दूतावास के माध्यम से पीयूष का पार्थिव शरीर भारत लाने की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। पीयूष जवाहर विद्या मंदिर, श्यामली का पूर्व छात्र था।

परिजनों के अनुसार, वह बचपन से ही विमानन क्षेत्र में करियर बनाने के प्रति बेहद उत्साही था। हाल ही में, उसने अपने पिता से कहा था कि वह जल्द ही फ्लाइंग सर्टिफिकेट प्राप्त कर लेगा। दुर्घटना के कारणों की विस्तृत जानकारी अभी प्राप्त नहीं हुई है।

उसके निधन की सूचना मिलते ही अरगोड़ा लाजपत नगर में शोक की लहर दौड़ गई। पड़ोसी, शिक्षक और सहपाठी बड़ी संख्या में साहू परिवार के घर पहुंचकर संवेदना व्यक्त कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि पीयूष एक होनहार, मेधावी और अनुशासित छात्र था।

Point of View

लेकिन ऐसी घटनाएं हमें यह सोचने पर मजबूर करती हैं कि सुरक्षा मानकों का पालन कितना जरूरी है। हम सभी को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारे युवा सुरक्षित वातावरण में अपनी प्रतिभा को निखारें।
NationPress
13/10/2025

Frequently Asked Questions

पीयूष पुष्प की उम्र क्या थी?
पीयूष पुष्प 20 वर्ष के थे।
पीयूष का सपना क्या था?
पीयूष का सपना पायलट बनना था।
यह घटना कब हुई?
यह घटना 13 अक्टूबर को हुई।
पीयूष किस संस्थान में ट्रेनिंग कर रहा था?
पीयूष वालकैन एविएशन इंस्टीट्यूट में पायलट ट्रेनिंग कर रहा था।
पीयूष का पार्थिव शरीर कब भारत लाया जाएगा?
जोहानसबर्ग में भारतीय दूतावास के माध्यम से पार्थिव शरीर लाने की प्रक्रिया शुरू की गई है।