क्या उद्धव और राज ठाकरे की मुलाकात अर्थविहीन है? रामकदम का बयान

सारांश
Key Takeaways
- रामकदम ने उद्धव और राज ठाकरे की मुलाकात को अर्थविहीन कहा।
- जनता को अपने नेता का चुनाव काम के आधार पर करना होगा।
- उद्धव ठाकरे को ब्रांड के रूप में पेश करना गलत है।
- आरएसएस हमेशा राष्ट्र निर्माण को प्राथमिकता देता है।
- कांग्रेस नेताओं के बयानों पर रामकदम ने आपत्ति जताई।
मुंबई, 13 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा नेता रामकदम ने उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे की मुलाकात को अर्थविहीन बताया। उनका कहना है कि महाराष्ट्र में किसी भी चुनाव में, जनता को अपने नेता का चुनाव काम के आधार पर करना होगा।
राष्ट्र प्रेस से बातचीत में रामकदम ने कहा कि किस पार्टी का किसके साथ आना या न आना, यह उनका निजी निर्णय है और इस पर मैं कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता।
उन्होंने उद्धव ठाकरे को एक ब्रांड के रूप में प्रस्तुत करने पर आपत्ति जताई और कहा कि महाराष्ट्र की राजनीति में केवल बाला साहेब ठाकरे का नाम ही प्रमुख है, जबकि अब यह ब्रांड एकनाथ शिंदे के साथ है।
रामकदम ने कहा कि महाराष्ट्र की राजनीति में मुलाकातों का कोई विशेष महत्व नहीं है।
पश्चिम बंगाल में 23 वर्षीय छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की टिप्पणी को उन्होंने दुर्भाग्यपूर्ण कहा। उन्होंने यह भी कहा कि सनातन धर्म में महिलाओं को देवीकानून व्यवस्था कमजोर हो चुकी है।
रामकदम ने टीएमसी सांसद काकोली घोष के बयानों को भी आपत्तिजनक बताया और कहा कि ममता बनर्जी के कार्यकाल में उनके मंत्रियों ने सनातन धर्म पर हमले किए हैं।
कर्नाटक सरकार के मंत्री प्रियांक खड़गे के आरएसएस से जुड़े बयानों पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता सुर्खियों में रहने के लिए कुछ भी कह देते हैं, लेकिन जनता ऐसे बयानों को स्वीकार नहीं करेगी।
रामकदम ने कहा कि आरएसएस हमेशा राष्ट्र निर्माण को प्राथमिकता देता है। जब भी कोई आपदा आती है, आरएसएस के कार्यकर्ता तुरंत सहायता के लिए पहुंचते हैं।
उन्होंने कहा कि संघ की तुलना तालिबान से करने का कोई औचित्य नहीं है।
अखिलेश यादव के सीएम योगी के संदर्भ में दिए गए बयान को निंदनीय बताते हुए उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव को आगामी चुनाव में हार का सामना करना पड़ेगा।