क्या तेजस्वी यादव अपने पिता को मानसिक तनाव दे रहे हैं?
सारांश
Key Takeaways
- बिहार की राजनीति में गरमाई स्थिति।
- परिवार के अंदरूनी विवाद का सार्वजनिक होना।
- नीरज कुमार की गंभीर टिप्पणियाँ।
- तेजस्वी यादव और उनके साथियों का सवाल।
- रोहिणी आचार्य का आरोप और प्रतिक्रिया।
पटना, 17 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। राजद प्रमुख लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य द्वारा अपने परिवार पर लगाए गए गंभीर आरोपों से बिहार की राजनीति में हलचल मच गई है। सोमवार को जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि तेजस्वी यादव अपने बीमार पिता को मानसिक पीड़ा दे रहे हैं।
जदयू प्रवक्ता ने रोहिणी आचार्य के आरोपों पर राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "यह राष्ट्रीय जनता दल परिवार का आंतरिक मामला है। लेकिन, यह महत्वपूर्ण है कि रोहिणी आचार्य केवल राजद परिवार की बेटी नहीं, बल्कि बिहार की बेटी हैं। परिवार का यह अंदरूनी विवाद अब सार्वजनिक हो चुका है।"
उन्होंने कहा कि लालू और राबड़ी देवी ने रोहिणी का कन्यादान किया था। उस समय भी आंसू निकले होंगे। अभी भी रोहिणी आचार्य ने कहा कि माता-पिता की आंखों से आंसू बह रहे हैं। नीरज कुमार ने कहा, "जिसने अपने पिता की प्राण रक्षा की हो, और अपने भाई की कलाई में रक्षा सूत्र बांधा हो, उस बहन-बेटी के मन में पीड़ा होना चिंताजनक है। क्या यह संकेत है कि लालू यादव को राजनीतिक रूप से नजरबंद किया गया है? क्या उनकी भूमिका सीमित हो गई है?"
रोहिणी आचार्य के एक वीडियो का जिक्र करते हुए जदयू प्रवक्ता ने कहा, "कुछ लोग रोहिणी आचार्य के पैर छू रहे थे। वे वही लोग होंगे, जो उनके सहकर्मी और कर्मी होंगे। इसका मतलब है कि उनके मन में भी पीड़ा है कि रोहिणी आचार्य के खिलाफ गलत हुआ है। अब लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी लाचार हैं। यह हमारे लिए चिंता का विषय है।"
राजद नेता तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए नीरज कुमार ने कहा, "तेजस्वी को अपनी आंखें खोलकर देखना चाहिए कि उनके साथ कौन लोग हैं। ये लोग बिहार की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हैं, लेकिन हत्या और अन्य मामलों में जेल जाने वाले लोग आपके प्रेरणास्त्रोत बन गए हैं। यही जनता ने सजा दी है।"
गौरतलब है कि रोहिणी आचार्य ने अपने परिवार के सदस्यों पर गालियां देने और चप्पल दिखाने के आरोप लगाए हैं। लालू प्रसाद यादव को किडनी देने वाली रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया पर लिखा कि भूलकर भी अपने भगवान जैसे पिता को नहीं बचाएं।