क्या कैपिटल मार्केट जल्द घरेलू बचत का पसंदीदा स्थान बन सकता है?

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क्या कैपिटल मार्केट जल्द घरेलू बचत का पसंदीदा स्थान बन सकता है?

सारांश

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड के अध्यक्ष तुहीन कांत पांडे का कहना है कि भारत का कैपिटल मार्केट जल्द घरेलू बचत के लिए एक प्रमुख स्थान बन सकता है। यह न केवल निवेशकों के विश्वास को बढ़ेगा, बल्कि देश की आर्थिक गति को भी बनाए रखने में मदद करेगा।

Key Takeaways

  • कैपिटल मार्केट घरेलू बचत के लिए महत्वपूर्ण बनता जा रहा है।
  • निवेशकों का आधार अगले तीन से पांच वर्षों में दोगुना हो सकता है।
  • सरकार ने वित्तीय क्षेत्र में कई सुधार किए हैं।
  • भारत में निवेशकों की संख्या 13.5 करोड़ तक पहुंच गई है।
  • कैपिटल मार्केट का विकास देश की आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगा।

मुंबई, 17 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के अध्यक्ष तुहीन कांत पांडे ने सोमवार को बताया कि भारत का कैपिटल मार्केट जल्द ही घरेलू बचत के लिए एक पसंदीदा स्थान बन सकता है, जो देश की आर्थिक गति को बनाए रखने में भी सहायक होगा।

देश की आर्थिक राजधानी में आयोजित 'सीआईआई नेशनल फाइनेंसिंग समिट' में बोलते हुए सेबी के अध्यक्ष ने कहा कि कम आधार के चलते भारत का अद्वितीय निवेशक आधार अगले तीन से पांच वर्षों में दोगुना होने की संभावना है।

उन्होंने आगे कहा कि यह पहले ही एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर पार कर चुका है। अब घरेलू निवेशकों (आम नागरिक और संस्थागत निवेश) के पास विदेशी निवेशकों की तुलना में लिस्टेड कंपनियों में अधिक हिस्सेदारी है। यह बाजार में निवेशकों के बढ़ते विश्वास को दर्शाता है।

पांडे के अनुसार, देश में निवेशकों की संख्या बढ़कर 13.5 करोड़ हो गई है। इस स्थिति में, देश की बचत पूल को व्यवसाय के लिए दीर्घकालिक पूंजी में बदलना अत्यंत आवश्यक है।

आर्थिक मामलों की सचिव अनुराधा ठाकुर ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में सरकार ने वित्तीय क्षेत्र के नियामकों के साथ मिलकर अनुपालन को आसान बनाने के लिए कई सुधार लागू किए हैं।

ठाकुर ने कहा, "इन मूलभूत सुधारों के पीछे का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि नियामक प्रभावशीलता और जवाबदेही में सुधार हो, आवश्यक नियम बने रहें और वे अधिक लागत-प्रभावी, सरल और अनुपालन में आसान हों।"

सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, "हमारा वित्तीय क्षेत्र अब तक विकास को बढ़ावा देने में सफल रहा है, लेकिन 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए एक मजबूत वित्तीय ढांचे और अधिक मात्रा में पूंजी जुटाने की आवश्यकता है। अगले दो दिनों में, हम भारत के भविष्य को कुशलतापूर्वक और स्थायी रूप से वित्तपोषित करने के लिए आवश्यक प्रमुख नियामक और बाजार सुधारों पर चर्चा करेंगे।"

इस महीने की शुरुआत में, सेबी के अध्यक्ष ने कहा था कि भारत की आर्थिक मजबूती में कैपिटल मार्केट की महत्वपूर्ण भूमिका होगी और यह 'विकसित भारत' लक्ष्य की ओर देश की प्रगति और पूंजी निर्माण के लिए आवश्यक है।

सेबी के अध्यक्ष ने यह भी कहा कि देश की विकसित होती आकांक्षाओं को पूरा करने में कैपिटल मार्केट एक महत्वपूर्ण उपकरण के रूप में कार्य कर रहा है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष कंपनियों ने प्राथमिक बाजारों से लगभग दो लाख करोड़ रुपए जुटाए हैं, जो निवेशकों के मजबूत विश्वास को दर्शाता है।

Point of View

ताकि हम एक मजबूत और स्थायी वित्तीय ढांचा तैयार कर सकें।
NationPress
17/11/2025

Frequently Asked Questions

कैपिटल मार्केट क्या है?
कैपिटल मार्केट एक ऐसा वित्तीय बाजार है जहां दीर्घकालिक वित्तीय उपकरणों का व्यापार किया जाता है।
सेबी का क्या कार्य है?
सेबी का कार्य प्रतिभूति बाजार को विनियमित करना और निवेशकों के हितों की रक्षा करना है।
हमारे निवेशकों का आधार कैसे बढ़ सकता है?
निवेशकों का आधार बढ़ाने के लिए बेहतर नियम और निवेशकों के विश्वास में सुधार आवश्यक है।
भारत में निवेशक संख्या कितनी है?
भारत में निवेशकों की संख्या बढ़कर 13.5 करोड़ हो गई है।
कैपिटल मार्केट में निवेश के फायदे क्या हैं?
कैपिटल मार्केट में निवेश करने से लाभांश, पूंजी वृद्धि और विविधता जैसे फायदे मिलते हैं।
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