क्या भारत में प्रत्यक्ष कर संग्रह 25 लाख करोड़ रुपए के आंकड़े को पार करेगा?

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क्या भारत में प्रत्यक्ष कर संग्रह 25 लाख करोड़ रुपए के आंकड़े को पार करेगा?

सारांश

क्या भारत अपने प्रत्यक्ष कर संग्रह लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल होगा? जानिए इस वित्त वर्ष में 25 लाख करोड़ रुपए के आंकड़े को पार करने की संभावना के बारे में।

Key Takeaways

  • प्रत्यक्ष कर संग्रह 25 लाख करोड़ रुपए को पार करने की संभावना है।
  • रवि अग्रवाल ने इस वृद्धि को उत्साहजनक बताया।
  • रिफंड में 18 प्रतिशत की कमी आई है।
  • गैर-कॉर्पोरेट कर राजस्व में 13.67 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
  • शुद्ध कॉर्पोरेट कर संग्रह 4.93 प्रतिशत बढ़ा है।

नई दिल्ली, 17 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। देश का प्रत्यक्ष कर संग्रह चालू वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 26) में सात प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है और इसके 25 लाख करोड़ रुपए से अधिक पहुंचने का अनुमान है। यह जानकारी एक वरिष्ठ अधिकारी की ओर से सोमवार को दी गई।

इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर के साइडलाइन में बातचीत करते हुए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन रवि अग्रवाल ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के अंत तक आयकर संग्रह सरकार की ओर से निर्धारित किए गए लक्ष्य 25.20 लाख करोड़ रुपए पर पहुंचने की उम्मीद है।

उन्होंने आगे कहा कि देश का प्रत्यक्ष कर संग्रह पिछले साल के मुकाबले 6.99 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है और यह काफी उत्साहजनक है।

देश का शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह एक अप्रैल से लेकर 10 नवंबर की अवधि में पिछले साल के मुकाबले सालाना आधार पर 6.99 प्रतिशत बढ़कर 12.92 लाख करोड़ रुपए से अधिक हो गया है। इसकी वजह धीमा रिफंड और कॉरपोरेट टैक्स में जबरदस्त बढ़ोतरी है।

10 नवंबर तक रिफंड सालाना आधार पर 18 प्रतिशत कम होकर 2.42 लाख करोड़ रुपए हो गया है।

अग्रवाल ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2024-2025 के लिए ऑडिट रिटर्न जमा करने की समय सीमा बढ़ा दी गई है और चालू वित्त वर्ष के लिए अभी भी दो अग्रिम कर किश्तें बकाया हैं।

इससे पहले के सीबीडीटी के आंकड़ों के अनुसार, भारत का शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह इस वित्त वर्ष 17 सितंबर तक पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में 9.18 प्रतिशत बढ़कर 10.82 लाख करोड़ रुपए को पार कर गया, जबकि रिफंड में 23.87 प्रतिशत की तेज गिरावट देखी गई थी।

इस दौरान गैर-कॉर्पोरेट कर राजस्व 13.67 प्रतिशत बढ़कर 5.83 लाख करोड़ रुपए हो गया।

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, शुद्ध कॉर्पोरेट कर संग्रह 4.93 प्रतिशत बढ़कर 4.72 लाख करोड़ रुपए हो गया, जबकि प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) 0.57 प्रतिशत की मामूली वृद्धि के साथ 26,305.72 करोड़ रुपए हो गया। सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह 3.39 प्रतिशत बढ़कर 12.43 लाख करोड़ रुपए हो गया, जबकि रिफंड 23.87 प्रतिशत घटकर 1.60 लाख करोड़ रुपए रह गया।

Point of View

NationPress
17/11/2025

Frequently Asked Questions

भारत में प्रत्यक्ष कर संग्रह का क्या हाल है?
भारत में प्रत्यक्ष कर संग्रह वर्तमान वित्त वर्ष में 7 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है और 25 लाख करोड़ रुपए से अधिक पहुंचने का अनुमान है।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के अध्यक्ष कौन हैं?
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के अध्यक्ष रवि अग्रवाल हैं।
रिफंड में कमी की वजह क्या है?
रिफंड में कमी का मुख्य कारण धीमा रिफंड और कॉरपोरेट टैक्स में वृद्धि है।
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