क्या पीएम सूर्य घर योजना ने यूपी की तस्वीर बदल दी है?
सारांश
Key Takeaways
- पीएम सूर्य घर योजना से 2.75 लाख से अधिक घरों में सोलर संयंत्र स्थापित हुए हैं।
- यह योजना किसानों और छोटे व्यापारियों के लिए आर्थिक राहत प्रदान कर रही है।
- बिजली बिल में कमी से परिवारों की मासिक खर्च में 15 से 20 प्रतिशत की कमी आई है।
- सब्सिडी मिलने से योजना में तेजी आई है।
- लखनऊ, वाराणसी, कानपुर नगर और बरेली प्रमुख लाभार्थी जिले हैं।
लखनऊ, 17 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। राज्य के पिछड़े और ग्रामीण क्षेत्रों में पीएम सूर्य घर योजना ने नई उम्मीदें जगाई हैं। इस सौर ऊर्जा आधारित योजना ने किसानों, छोटे व्यापारियों और सामान्य नागरिकों के जीवन में आर्थिक सहायता प्रदान की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में, उत्तर प्रदेश ने इस योजना के कार्यान्वयन में तेजी दिखाई है और राष्ट्रीय स्तर पर शीर्ष प्रदर्शन करने वाले राज्यों में स्थान बनाया है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, राज्य में अब तक 2,75,936 घरों पर रूफटॉप सोलर संयंत्र स्थापित हो चुके हैं। इससे उपभोक्ताओं को मुफ्त बिजली का लाभ मिल रहा है और ऊर्जा निर्भरता में उल्लेखनीय कमी आई है। स्थापना के मामले में यूपी, गुजरात और महाराष्ट्र के बाद तीसरे स्थान पर है, जबकि कुल आवेदनों में प्रदेश दूसरे स्थान पर है।
इस योजना का सबसे बड़ा प्रभाव छोटे व्यवसायों पर पड़ रहा है। बिजली कटौती से पहले जहां वेल्डिंग, आटा चक्की, किराना स्टोर, नाई की दुकान और मोबाइल रिपेयर जैसी इकाइयां प्रभावित होती थीं, वहीं अब सौर ऊर्जा से इनके संचालन में कोई रुकावट नहीं आ रही है। निरंतर बिजली उपलब्ध होने से इन व्यवसायों की आय स्थिर रही है और रोजगार पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों के बिजली बिल लगभग शून्य हो गए हैं, जिससे उनके मासिक खर्च में 15 से 20 प्रतिशत तक की कमी आई है। कई परिवार अब शिक्षा, स्वास्थ्य और बचत के क्षेत्रों में योजनाबद्ध तरीके से आगे बढ़ रहे हैं।
31 अक्टूबर तक, प्रदेश में 1,808.09 करोड़ रुपए की सब्सिडी वितरित की जा चुकी है। सब्सिडी मिलने से योजना के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ा है और रूफटॉप सोलर की स्थापना में तेजी आई है। लखनऊ, वाराणसी, कानपुर नगर और बरेली इस योजना के प्रमुख लाभार्थी जिले हैं। अकेले इन चार जिलों में 8,000 से अधिक रूफटॉप सोलर यूनिट स्थापित हो चुकी हैं।
आंकड़ों के अनुसार लखनऊ में 4,271, वाराणसी में 1,672, कानपुर नगर में 1,410 और बरेली में 1,145 संयंत्र लगाए गए हैं। अन्य जिलों में भी स्थापना कार्य तेजी से जारी है।