क्या दिल्ली में फॉरेक्स ट्रेडिंग के नाम पर करोड़ों की ठगी हुई? डिप्टी बैंक मैनेजर समेत तीन गिरफ्तार
सारांश
Key Takeaways
- फॉरेक्स ट्रेडिंग में सावधानी बरतें।
- अनजान ट्रेडिंग ग्रुप में पैसा न लगाएं।
- ठगी होने पर तुरंत साइबर पुलिस से संपर्क करें।
- पुलिस की कार्रवाई सराहनीय है।
- गिरोह का सरगना दुबई में है।
नई दिल्ली, 17 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने विदेशी मुद्रा व्यापार के नाम पर उच्च मुनाफा दिखाकर ठगी के मामले में महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त की है। पुलिस ने एक निजी बैंक के डिप्टी मैनेजर सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर इस मामले का खुलासा किया। जांच में यह सामने आया है कि गिरोह का सरगना दुबई में रहकर संचालन कर रहा है।
इस गिरोह ने पूरे देश में करोड़ों रुपये की ठगी की है, और ठगी की रकम दुबई भेजने के लिए एक पूरा नेटवर्क काम कर रहा था।
गिरोह ने सबसे पहले फेसबुक, टेलीग्राम और व्हाट्सएप पर ट्रेडिंग ग्रुप बनाए। इन ग्रुप्स में लोगों को फर्जी फॉरेक्स ट्रेडिंग ऐप और वेबसाइट का लिंक भेजा जाता था। ऐप पर डैशबोर्ड में शुरू में थोड़ा मुनाफा दिखाकर लोगों का विश्वास जीता जाता था। जैसे ही कोई व्यक्ति बड़ी रकम डालता था, पूरा अकाउंट गायब हो जाता था और पैसा दुबई पहुंच जाता था।
ठगे गए पैसे को छिपाने के लिए आरोपी फर्जी कंपनियों के नाम पर बैंक खाते खुलवाते थे, जैसे रीबूट्ज सिंक प्रोफेशनल्स प्राइवेट लिमिटेड और थिंकसिंक प्रोफेशनल्स प्राइवेट लिमिटेड। ये खाते खुलवाने के बाद पूरी बैंकिंग किट यानी एटीएम कार्ड, चेकबुक, नेट बैंकिंग पासवर्ड और सिम कार्ड दुबई भेज दिए जाते थे। पुलिस ने एक मामले में लगभग 40 लाख रुपये की ठगी का पता लगाया है, लेकिन असली रकम इससे कहीं ज्यादा है।
पुलिस ने गाजियाबाद के निवासी अनुराग कुमार को गोविंदपुरी मेट्रो स्टेशन के पास से गिरफ्तार किया। उसने स्वीकार किया कि उसने फर्जी कंपनियों के नाम पर कई बैंक खाते खुलवाए और पूरी किट दो लाख रुपये में हिमांशु गुप्ता को सौंप दी। उसके पास से 13 बैंक कार्ड, चेकबुक, कंपनी स्टांप और अन्य दस्तावेज बरामद हुए।
अनुराग के कहने पर पुलिस ने इंडसइंड बैंक के डिप्टी मैनेजर जीशान सैयद को हौज खास शाखा से गिरफ्तार किया। जीशान ने बैंक के अंदर से फर्जी खाते खुलवाने में मदद की और सारी बैंकिंग किट हिमांशु को दी। उसने इसके बदले सत्तर हजार रुपये लिए। तीसरे आरोपी फरीदाबाद निवासी हिमांशु गुप्ता को उसके घर से पकड़ा गया। हिमांशु पहले भी ठगी के मामलों में जेल जा चुका है और वह दुबई में बैठे अब्दुल उर्फ विक्की से सीधा संपर्क में था।
मामला 28 अक्टूबर 2025 को दर्ज किया गया था। जांच इंस्पेक्टर मंजीत कुमार ने की, जबकि पूरी कार्रवाई एसीपी अनिल कुमार की निगरानी में हुई। पुलिस का कहना है कि यह सिर्फ शुरुआत है। जल्द ही दुबई वाले सरगना तक पहुंच बनाई जाएगी और देशभर में सैकड़ों फर्जी खातों को फ्रीज किया जाएगा। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि किसी भी अनजान ट्रेडिंग ग्रुप में पैसा न लगाएं और ठगी होने पर तुरंत साइबर पुलिस से संपर्क करें।