क्या पीएलआई योजनाओं से 1.76 लाख करोड़ रुपए का वास्तविक निवेश और 12 लाख से अधिक नौकरियां मिलीं?

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क्या पीएलआई योजनाओं से 1.76 लाख करोड़ रुपए का वास्तविक निवेश और 12 लाख से अधिक नौकरियां मिलीं?

सारांश

उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाओं के तहत 1.76 लाख करोड़ रुपए का निवेश और 12 लाख नौकरियों का सृजन हुआ है। जानें इस योजना के प्रभाव और भविष्य की संभावनाओं के बारे में।

Key Takeaways

  • पीएलआई योजनाएं 1.76 लाख करोड़ का निवेश लाती हैं।
  • 12 लाख से अधिक रोजगार का सृजन।
  • घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा।
  • फार्मास्यूटिकल्स में निर्यात की वृद्धि।
  • मोबाइल का उत्पादन और निर्यात में वृद्धि।

नई दिल्ली, 22 जुलाई (राष्ट्र प्रेस) । संसद में मंगलवार को दी गई जानकारी के अनुसार, उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाओं के तहत मार्च 2025 तक 14 सेक्टर में 1.76 लाख करोड़ रुपए का वास्तविक निवेश प्राप्त हुआ है, जिसके परिणामस्वरूप 16.5 लाख करोड़ रुपए से अधिक का उत्पादन/बिक्री में वृद्धि हुई है और 12 लाख से अधिक (प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष) रोजगार के अवसरों का सृजन हुआ है।

केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में कहा कि 14 सेक्टर में पीएलआई योजनाओं के तहत अब तक 806 आवेदनों को मंजूरी दी गई है। इन योजनाओं ने घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहित किया है, जिससे उत्पादन में वृद्धि, रोजगार सृजन और निर्यात को बढ़ावा मिला है।

फार्मास्यूटिकल्स सेक्टर ने स्कीम के पहले तीन वर्षों में 2.66 लाख करोड़ रुपए की संचयी बिक्री हासिल की है, जिसमें 1.70 लाख करोड़ रुपए का निर्यात शामिल है।

इस योजना ने भारत को थोक दवाओं का शुद्ध आयातक (-1,930 करोड़ रुपए) से शुद्ध निर्यातक (2,280 करोड़ रुपए) बनाने में योगदान दिया है। इसके परिणामस्वरूप घरेलू विनिर्माण क्षमता और महत्वपूर्ण दवाओं की मांग के बीच के अंतर में भी जबरदस्त कमी आई है।

राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा, "मेडिकल डिवाइस के लिए पीएलआई योजना के तहत, 21 प्रोजेक्ट्स ने 54 यूनिक मेडिकल डिवाइस का निर्माण शुरू कर दिया है, जिनमें लीनियर एक्सेलरेटर, एमआरआई, सीटी-स्कैन, स्टेंट, डायलाइजर मशीन, सी-आर्म, कैथ लैब, मैमोग्राफ, एमआरआई कॉइल आदि जैसे हाई-एंड डिवाइस शामिल हैं।"

उद्योग संघ और डीजीसीआईएस के अनुसार, मूल्य के संदर्भ में मोबाइल का उत्पादन 2020-21 में 2,13,773 करोड़ रुपए से लगभग 146 प्रतिशत बढ़कर 2024-25 में 5,25,000 करोड़ रुपए हो गया है।

उन्होंने आगे कहा कि इसी अवधि के दौरान, मूल्य के संदर्भ में मोबाइल फोन का निर्यात 2020-21 में 22,870 करोड़ रुपए से लगभग 775 प्रतिशत बढ़कर 2024-25 में 2,00,000 करोड़ रुपए हो गया है।

राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने बताया कि पीएलआई योजना के तहत 24 जून 2025 तक 12 सेक्टर के लिए 21,534 करोड़ रुपए की संचयी प्रोत्साहन राशि वितरित की गई है। इन सेक्टर में लार्ज स्केल इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग (एलएसईएम), आईटी हार्डवेयर, थोक दवाएं, मेडिकल डिवाइस, फार्मास्यूटिकल्स, टेलीकॉम और नेटवर्किंग प्रोडक्ट, खाद्य प्रसंस्करण, व्हाइट गुड्स, ड्रोन और ड्रोन कंपोनेंट्स, स्पेशियलिटी स्टील, कपड़ा उत्पाद और ऑटोमोबाइल एंड ऑटो कंपोनेंट्स शामिल हैं।

Point of View

पीएलआई योजनाएँ भारत की आर्थिक वृद्धि में एक महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। इन योजनाओं से न केवल निवेश में वृद्धि हो रही है, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न हो रहे हैं। यह देश की विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाने और वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने का एक प्रयास है।
NationPress
24/07/2025

Frequently Asked Questions

पीएलआई योजनाओं का मुख्य उद्देश्य क्या है?
पीएलआई योजनाओं का मुख्य उद्देश्य घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देना और रोजगार के नए अवसर उत्पन्न करना है।
कितने सेक्टर्स में पीएलआई योजनाएं लागू हैं?
पीएलआई योजनाएं 14 सेक्टर्स में लागू हैं, जिनमें फार्मास्यूटिकल्स, मेडिकल डिवाइस, और इलेक्ट्रॉनिक्स शामिल हैं।
इस योजना से कितने रोजगार का सृजन हुआ है?
इस योजना से 12 लाख से अधिक रोजगार के अवसरों का सृजन हुआ है।
भारत में थोक दवाओं का निर्यात कैसे बढ़ा?
पीएलआई योजनाओं के तहत भारत ने थोक दवाओं का शुद्ध आयातक से शुद्ध निर्यातक बनने में सफलता प्राप्त की है।
क्या मोबाइल फोन निर्माताओं को लाभ हुआ है?
जी हां, मोबाइल फोन के उत्पादन और निर्यात में भारी वृद्धि हुई है, जिससे निर्माताओं को लाभ हुआ है।